पत्र के बाद क्या आता है? - patr ke baad kya aata hai?

पत्र के अंत में क्या लिखें?

मुख्य विषय का अंत करते समय उत्तर कि प्रतीक्षा में, सधन्यवाद, शेष कुशल आदि का प्रयोग किया जाना चाहिए। इसके बाद पत्र के अंतिम भाग में “भवदीय, आपका आभारी, आपका आज्ञाकारी” इत्यादि शब्द लिखे जाने चाहिए। पत्र भेजने वाले का “नाम/कंपनी का नाम, पता ,दिनांक” लिखते है।

पत्र के ऊपर क्या लिखा जाता है?

पहली बात यह कि पत्र के ऊपर दाहिनी ओर पत्रप्रेषक का पता और दिनांक होना चाहिए। दूसरी बात यह कि पत्र जिस व्यक्ति को लिखा जा रहा हो- जिसे 'प्रेषिती' भी कहते हैं- उसके प्रति, सम्बन्ध के अनुसार ही समुचित अभिवादन या सम्बोधन के शब्द लिखने चाहिए।

पत्र के कितने अंग होते हैं?

पत्र लेखन के महत्वपूर्ण अंग (1) प्रेषक का पता और तिथि― पत्र - लेखन के लिए जिस कागज का प्रयोग किया जाता है उसके उपर के स्थान पर दाहिनी और प्रेषक का पता एवं पत्र लेखन की तिथि का उल्लेख होना चाहिए। (2) मूल संबोधन – पत्र के बायीं और घनिष्ठता, श्रद्धा या स्नेह-सूचक संबोधन होना चाहिए। जैसे- पूज्य, माननीय, श्रद्धेय, श्रीमान्।

पत्र के मुख्य भाग कौन कौन से हैं?

पत्र लिखने के लिए कुछ आवश्यक बातें.
(1) शीर्षक या आरम्भ- पत्र के शीर्षक के रूप में पत्र-लेखक का पता लिखा जाता हैं। ... .
(2) सम्बोधन एवं अभिवादन- पत्रों में सम्बोधन एवं अभिवादन का महत्त्वपूर्ण स्थान होता हैं। ... .
(3) विषय-वस्तु- किसी भी पत्र में विषय-वस्तु ही वह महत्त्वपूर्ण अंग हैं, जिसके लिए पत्र लिखा जाता हैं।.