पत्रकारीय लेखन का सबसे जाना पहचाना रूप समाचार लेखन है समाचार को कैसे लिखा? - patrakaareey lekhan ka sabase jaana pahachaana roop samaachaar lekhan hai samaachaar ko kaise likha?

पत्रकारीय लेखन का सबसे जाना-पहचाना रूप समाचार लेखन है। आमतौर पर अखबारों में समाचार पूर्णकालिक और अंशकालिक पत्रकार लिखते हैं, जिन्हें संवाददाता या रिपोर्टर कहते हैं।

अखबारों में प्रकाशित अधिकांश समाचार एक खास शैली में लिखे जाते हैं। समाचार लेखन की शैली को उलटा पिरामिड शैली के नाम से जाना जाता है। यह समाचार लेखन की सबसे लोकप्रिय, उपयोगी और बुनियादी शैली है। समाचारों में किसी भी घटना, समस्या या विचार के सबसे महत्वपूर्ण तथ्य को सबसे पहले पैराग्राफ में लिखा जाता है। उसके बाद के पैराग्राफ में कम महत्वपूर्ण सचूना तथा तथ्य दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक समाचार खत्म नहीं हो जाता।

पत्रकारीय लेखन का सबसे जाना पहचाना रूप समाचार लेखन है समाचार को कैसे लिखा जाता?

पत्रकारीय लेखन का सबसे जाना-पहचाना रूप समाचार लेखन है। आमतौर पर अखबारों में समाचार पूर्णकालिक और अंशकालिक पत्रकार लिखते हैं, जिन्हें संवाददाता या रिपोर्टर कहते हैं। अखबारों में प्रकाशित अधिकांश समाचार एक खास शैली में लिखे जाते हैं। समाचार लेखन की शैली को उलटा पिरामिड शैली के नाम से जाना जाता है।

पत्रकारीय लेखन क्या है?

पत्रकारीय लेखन– समाचार माध्यमों मे काम करने वाले पत्रकार अपने पाठकों तथा श्रोताओं तक सूचनाएँ पहुँचाने के लिए लेखन के विभिन्न रूपों का इस्तेमाल करते हैं, इसे ही पत्रकारीय लेखन कहते हैं। पत्रकरिता या पत्रकारीय लेखन के अन्तर्गत सम्पादकीय, समाचार, आलेख, रिपोर्ट, फीचर, स्तम्भ तथा कार्टून आदि आते हैं।

समाचार लेखन कैसे किया जाता है?

समाचार लेखन के लिए छ: सूचनाओं का प्रयोग किया जाता है। ये छ: सूचनाएँ-क्या हुआ, कब हुआ, किसके (कौन) साथ हुआ, कहाँ हुआ, क्यों और कैसे हुआ प्रश्नों के उत्तर में प्राप्त होती हैं। यही छ: ककार कहलाती हैं। इनमें से प्रथम चार ककार (क्या, कब, कौन, कहाँ) सूचनात्मक व अन्तिम दो ककारे (क्यों, कैसे) विवरणात्मक होते हैं।

समाचार पत्र लेखन क्या है?

समाचार किसी बात को लिखने या कहने का वह तरीका है जिसमें उस घटना, विचार, समस्या के सबसे अहम तथ्यों या पहलुओं तथा सूचनाओं और भविष्य में पड़ने वाले प्रभावों को व्यवस्थित तरीके से लिखा या बताया जाता है। इस शैली में किसी घटना का ब्यौरा कालानुक्रम के बजाये सबसे महत्वपूर्ण तथ्य या सूचना से शुरु होता है।