Pocso की किस धारा ने झूठी शिकायत या झूठी सूचना के लिए दंड निर्धारित किया है? - pochso kee kis dhaara ne jhoothee shikaayat ya jhoothee soochana ke lie dand nirdhaarit kiya hai?

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Pocso की किस धारा ने झूठी शिकायत या झूठी सूचना के लिए दंड निर्धारित किया है? - pochso kee kis dhaara ne jhoothee shikaayat ya jhoothee soochana ke lie dand nirdhaarit kiya hai?

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  • 36 प्रतिशत शिकायतें फर्जी, सजा का प्रावधान, फिर भी नहीं होती कार्रवाई

अपनी निजी दुश्मनी निकालने के लिए अब लोग पुलिस का सहारा ले रहे हैं। पुलिस के पास झूठी शिकायत देकर दुश्मनी निकालने वालों की संख्या साल दर साल बढ़ती ही जा रही है। ब्यावर सर्किल के हर थाने में साल भर में दर्ज होने वाले कुल मामलों में से 36 प्रतिशत से अधिक शिकायतें जांच के बाद झूठी पाई गई। वहीं गत वर्ष सर्किल के पांचों थानों में दर्ज हुए कुल मुकदमों में से ये आंकड़ा 38 प्रतिशत था। हालांकि फर्जी मुकदमा दर्ज कराने पर सजा का प्रावधान है मगर इससे पुलिस को पक्षकार बनना पड़ता है इसलिए उसने आईपीसी की धारा 182 के तहत गत दो सालों में एक भी मामला दर्ज नहीं किया है।

पुलिस नहीं करती है पैरवीपुलिस द्वारा धारा 182 के तहत झूठे केस दर्ज कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। नियम है कि कोर्ट में सीधे तौर पर इस धारा के तहत खुद शिकायतकर्ता बनकर पैरवी करनी पड़ती है। बार बार कोर्ट का चक्कर काटना पड़ता है। पुलिस के अधिकारियों का मानना है कि ऐसे मामलों में पैरवी करने से उनकी परेशानी बढ़ जाती है। पहले से ही दर्ज एफआईआर में जांच आदि का काम ठीक समय पर पूरा करने में दिक्कत होती है। अब अगर ऐसे मामलों की भी पैरवी शुरू कर दी गई तो पुलिस के समय का नुकसान होगा।

सजा का है प्रावधान : धारा 182 के तहत सरकारी कर्मचारी को झूठी सूचना या जानकारी देने पर सजा का प्रावधान है। जांच में साबित हो जाता है कि शिकायतकर्ता द्वारा झूठी शिकायत दी गई तो धारा 182 के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई होती है। इसमें 6 महीने की सजा और जुर्माना भी है। धारा 211 के तहत कोर्ट में झूठी गवाही के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई होती है। जिसकी सजा 7 साल से अधिक है।

कम नहीं होती झूठी शिकायतों की संख्या : जांच के बाद 30 प्रतिशत से अधिक मामलों में पुलिस एफआर लगा देती है। सर्किल के पांचों थानों में साल 2015 में कुल 2 हजार 101 मामले दर्ज हुए। जांच के बाद 890 मामलों में पुलिस ने एफआर लगाई। 2016 में सर्किल के पांचों थानों में कुल 2 हजार 149 मामले दर्ज किए गए जिनमें से 817 में एफआर लगाई गई। इसी प्रकार बीते वर्ष 2017 में सर्किल के पांचों थानों में कुल 2 हजार 94 मामले दर्ज किए गए। जिनमें से 764 में एफआर लगानी पड़ी।

Pocso की कौन सी धारा झूठी शिकायत करने की सजा का प्रावधान करती है?

Detailed Solution. POCSO को रक्षा (संरक्षण) के उपकरण के रूप में प्रदान किया गया है, न कि हमले के माध्यम के रूप में और इसलिए प्रावधान का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा। POCSO अधिनियम की धारा 6 में POCSO अधिनियम के तहत झूठी शिकायत दर्ज करने की सजा दी गई है। सजा: 6 महीने तक कारावास या जुर्माना या दोनों।

झूठे आरोप लगाने पर कौन सी धारा लगती है?

दिल्‍ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली अधिवक्‍ता शुभम भारती ने बताया कि आईपीसी की धारा 482 के तहत झूठी एफआईआर को चैलेंज किया जा सकता है. अगर आपके खिलाफ या आपके जाननेवाले के खिलाफ कोई झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है तो धारा 482 के तहत उसे हाईकोर्ट से राहत मिल सकती है.

पोक्सो एक्ट की धारा 4 क्या है?

धारा 4 पॉक्सो एक्ट – प्रवेशन लैंगिक हमले के लिए दंड – (1) जो कोई प्रवेशन लैंगिक हमला करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

पोक्सो एक्ट के तहत झूठी शिकायत या जानकारी के लिए शब्द क्या है?

POCSO अधिनियम की धारा 22(1) के तहत, कोई भी व्यक्ति जो केवल अपमानित करने, जबरन वसूली के इरादे से धारा 3,5,7 और धारा 9 के तहत किए गए अपराध के संबंध में झूठी शिकायत करता है या किसी व्यक्ति के खिलाफ झूठी जानकारी प्रदान करता है। उसे धमकाने या बदनाम करने के लिए कुछ समय के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जो ...