धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विनोद शुक्ला Updated Wed, 10 Aug 2022 10:44 AM IST
Raksha Bandhan 2022 Date Rakhi Bandhane Ka Shubh Muhurat: रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाएं या फिर 12 अगस्त को, रक्षाबंधन पर कब तक रहेगा भद्रा का साया, राखी बांधने का क्या होगा शुभ मुहूर्त, सावन पूर्णिमा की तिथि कब से कब तक रहेगी, भद्राकाल में राखी बांधना शुभ होगा या अशुभ? इस तरह के कई सवाल लोगों के मन में चल रहे हैं। लोग अपने-अपने पंडित या ज्योतिषाचार्य से लगातार यह सवाल कर रहे हैं कि आखिरकार रक्षाबंधन का त्योहार कब मनाएं और किसी शुभ मुहूर्त में राखी बांधना उचित और शुभ लाभकारी रहेगा? दरअसल इस साल रक्षाबंधन की तिथि और भद्रा रहने के कारण संशय की स्थिति बनी हुई है। इस बार सावन की पूर्णिमा तिथि दो दिन यानी 11 और 12 अगस्त को है।
शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा के समय मनाना उचित नहीं होता है क्योंकि भद्राकाल में किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य करना वर्जित माना गया है। 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से सावन पूर्णिमा लग जाएगी जो कि अगले दिन यानी 12 अगस्त की सुबह 07 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। लेकिन सावन पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा लग जाएगी और भद्रा रात को 8 बजकर 53 मिनट पर खत्म हो जाएगी। ऐसे में 11 अगस्त को रात के समय ही जब भद्रा खत्म होगी तभी राखी बांधने का शुभ मुहूर्त होगा। इसके अलावा इस बार रक्षाबंधन पर कई शुभ योग भी बन रहा है।
रक्षाबंधन पर शुभ योग
ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार 11 अगस्त, गुरुवार को आयुष्मान, सौभाग्य और ध्वज नामक योग बन रहा है। इसके अलावा रक्षाबंधन पर शंख, हंस और सत्कीर्ति नाम के राजयोग भी बन रहे हैं। जिसे बहुत ही शुभ योग माना जाता है। वहीं अगर ग्रहों की बात करें तो रक्षाबंधन पर गुरु और शनि वक्री होकर अपनी-अपनी राशियों में विराजमान रहेंगे।
रक्षाबंधन कब मनाएं इस पर
ज्योतिषी सलाह
इस बार रक्षाबंधन पर पूरे दिन भद्रा का साया रहने से राखी बांधने को लेकर पंचांग और ज्योतिषियों में अलग-अलग राय है। कुछ ज्योतिषाचार्य 11 अगस्त को राखी बांधने को शुभ बता रहे हैं तो कुछ 12 अगस्त को। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू हो जाएगी। पूर्णिमा तिथि का समापन 12 अगस्त,शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि शुरू होने के साथ भद्रा लग जाएगी। ऐसे में कुछ विद्वानों का कहना है कि
भद्रा का वास चाहे स्वर्गलोक में हो, पाताल लोक में हो या फिर पृथ्वी पर। जब तक भद्रा पूरी तरह से खत्म न हो जाए तब तक रक्षासूत्र नहीं बांधना चाहिए। ऐसे में 11 अगस्त को रात में भद्रा की समाप्ति होने पर ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाना उचित रहेगा।
वहीं कुछ ज्योतिष के विद्वानों का मानना है कि 11 अगस्त को भद्रा पाताल लोक में निवास करेगी। ऐसे में इसका अशुभ प्रभाव धरती वासियों पर नहीं रहेगा। इस कारण से 11 अगस्त को पूरे दिन रक्षाबंधन मनाया जाता सकता है और शुभ मुहूर्त को विचार करके बहनें अपने
भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। वहीं 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 07 बजकर 5 मिनट तक ही रहेगी फिर इसके बाद प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। ऐसे में इस दिन राखी नहीं बांधी जा सकती है।
ऐसे में कब रक्षाबंधन मनाना शुभ
रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल और पूर्णिमा तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति होने के कारण कुछ विद्वान प्रदोष काल में राखी बांधना शुभ मान रहे हैं। धर्म ग्रंथों में किसी भी तरह का शुभ कार्य या पूजा करने के लिए प्रदोषकाल को सबसे अच्छा समय माना गया है।
प्रदोष काल का मतलब सूर्यास्त के बाद करीब ढाई घंटे का समय सबसे शुभ होता है। प्रदोष काल में भी सभी तरह के शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने का विशेष विधान होता है। ऐसे में 11 अगस्त को प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जा सकती है।
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: श्वेता सिंह Updated Thu, 11 Aug 2022 01:16 AM IST
Raksha Bandhan 2022 Date Time: रक्षाबंधन का पर्व जोकि भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है कल मनाया जा रहा है। इस बार भद्रा काल होने की वजह से राखी के शुभ मुहूर्त में थोड़ी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। राखी बांधने को लेकर बहुत से लोग परेशान है कि सावन में पूर्णिमा तिथि कब तक रहेगी। यदि पूर्णिमा में भद्रा लग गई है तो क्या इसमें राखी बांधना शुभ है या अशुभ यह प्रश्न सभी के मन में उठ रहा हो। शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल में किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य करना अशुभ है। 11 अगस्त को प्रातः 10:38 मिनट से सावन पूर्णिमा लग जाएगी जो कि 12 अगस्त की प्रातः 07:5 मिनट तक रहेगी। सावन पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा लगेगी जो रात 8: 53 मिनट पर खत्म हो जाएगी। आइए जानते हैं रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त, मंत्र के बारे में।
रक्षाबंधन पूर्णिमा तिथि
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 11 अगस्त, गुरुवार, प्रातः 10: 38 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 अगस्त, शुक्रवार। प्रातः 07:05 मिनट पर
राखी बांधते समय थाली में जरूर रखें ये चीजें
बहन अपने भाई की खुशहाली और सुख समृद्धि के लिए राखी बांधती है। ऐसे में राखी बांधते समय थाली में कुछ विशेष सामान अवश्य होना चाहिए। आइए जानते हैं क्या है वो वस्तुएं-
- राखी बांधते समय सबसे पहली चीज जो थाली में होनी चाहिए वो है अक्षत यानी चावल। हिन्दू मान्यता के अनुसार अक्षत पूर्णता का प्रतीक है और भाई की लंबी आयु के लिए तिलक करते समय अक्षत लगाया जाता है।
- थाली में दूसरी महत्वपूर्ण वस्तु दीपक होना चाहिए। मान्यता है कि दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। राखी बांधने के बाद भाई की आरती करने से उसके आसपास नकारात्मक ऊर्जा नहीं फटकेगी।
- तीसरी सबसे महत्वपूर्ण वस्तु जो राखी की थाली में होनी चाहिए वो है कुमकुम। कुमकुम या रोली माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। राखी बांधने के बाद भाई को कंकुम का टीका करने से माता लक्ष्मी की कृपा सदा उन पर बनी रहेगी।
- चौथी महत्वपूर्ण चीज जो राखी की थाली में होनी चाहिए वो है चंदन। मान्यता है कि चंदन लगाने से भगवान विष्णु और श्री गणेश का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा भाई को मानसिक शांति मिलती है।
रक्षाबंधन पर जरूर करें इस मंत्र का जाप
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि ,रक्षे माचल माचल:।
अर्थ- इस मन्त्र का अर्थ है कि "जो रक्षा धागा परम कृपालु राजा बलि को बांधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बाँधता हूँ, जो तुम्हें सदा के लिए विपत्तियों से बचाएगा"।
भाई की कलाई पर
रक्षा धागा बांध जाए उसके बाद भी को वचन लेना चाहिए कि "मैं उस पवित्र धागे की बहन के दायित्व की कसम खाता हूं, मैं आपकी हर परेशानी और विपत्ति से हमेशा रक्षा करूंगा।
रक्षाबंधन पर शुभ योग
11 अगस्त, गुरुवार को बनने वाले योग: आयुष्मान, सौभाग्य और ध्वज योग
11 अगस्त, गुरुवार को बनने वाले राजयोग: शंख, हंस और सत्कीर्ति राजयोग
रक्षाबंधन 2022 प्रदोष मुहूर्त
प्रदोष
मुहूर्त: 20:52:15 से 21:13:18
रक्षाबंधन पर भद्रा
रक्षा बंधन भद्रा मुख: सुबह 06 बजकर 18 मिनट से 08:00 बजे तक
रक्षा बंधन भद्रा काल समाप्त: शाम 08 बजकर 51 मिनट पर