रामायण की 8 चौपाई हिंदी में - raamaayan kee 8 chaupaee hindee mein

हिंदी न्यूज़ धर्मदरिद्रता मिटाने के लिए मंत्र का काम करती हैं रामायण की ये 8 चौपाइयां, नवरात्रि से शुरू करें जाप

रामायण मानव जीवन को सत्य भक्ति के साथ जीवन जीने का मार्ग दिखाती है। लेकिन कई विद्वान लोग रामायण के पाठ के अन्य फायदे भी बताते हैं। कथा वाचक विजय कौशल महाराज के अनुसार, जीवन में सुख-समृद्धि पाने...

रामायण की 8 चौपाई हिंदी में - raamaayan kee 8 chaupaee hindee mein

Alakha Singhलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 10 Oct 2020 10:15 AM

रामायण मानव जीवन को सत्य भक्ति के साथ जीवन जीने का मार्ग दिखाती है। लेकिन कई विद्वान लोग रामायण के पाठ के अन्य फायदे भी बताते हैं। कथा वाचक विजय कौशल महाराज के अनुसार, जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए रामायण यानी श्री रामचरित मानस की 8 चौपाइयों का रोजाना पाठ करना चाहएि। इन चौपाइयों का रोजाना श्रद्धापूवर्क जाप करने जीवन में कभी दरिद्रता नहीं आती। यानी ये चौपाइयां घर परिवार में खुशहाली लाने के लिए मंत्र का काम करती हैं।

उन्हाेंने एक कथा के दौरान कहा कि इन चौपाइयों के पाठ से अमीरी कितनी आएगी ये तो नहीं बता सकते लेकिन गरीबी कभी नहीं आएगी।

आपको बता दें कि गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरित मानस के अयोध्या कांड के शुरू में ही राम विवाह से जुड़ी ये चौपाइयां हैं। श्रद्धालु चाहें ते नवरात्रि से इनका जाप शुरू कर सकते हैं।


अयोध्या कांड 
दोहा-
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।

चौपाई 1-
जब तें रामु ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए।।
भुवन चारिदस भूधर भारी। सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी।।

चौपाई 2-
रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई। उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई।।
मनिगन पुर नर नारि सुजाती। सुचि अमोल सुंदर सब भाँती।।

चौपाई 3-
कहि न जाइ कछु नगर बिभूती। जनु एतनिअ बिरंचि करतूती।।
सब बिधि सब पुर लोग सुखारी। रामचंद मुख चंदु निहारी।।

चौपाई 4-
मुदित मातु सब सखीं सहेली। फलित बिलोकि मनोरथ बेली।।
राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ। प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ।।

दोहा
सब कें उर अभिलाषु अस कहहिं मनाइ महेसु।
आप अछत जुबराज पद रामहि देउ नरेसु।।

चौपाई 5-
एक समय सब सहित समाजा। राजसभाँ रघुराजु बिराजा।।
सकल सुकृत मूरति नरनाहू। राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।।

चौपाई 6-
नृप सब रहहिं कृपा अभिलाषें। लोकप करहिं प्रीति रुख राखें।।
वन तीनि काल जग माहीं। भूरिभाग दसरथ सम नाहीं।।

चौपाई 7-

मंगलमूल रामु सुत जासू। जो कछु कहिअ थोर सबु तासू।।
रायँ सुभायँ मुकुरु कर लीन्हा। बदनु बिलोकि मुकुटु सम कीन्हा।।

चौपाई 8-
श्रवन समीप भए सित केसा। मनहुँ जरठपनु अस उपदेसा।।
नृप जुबराजु राम कहुँ देहू। जीवन जनम लाहु किन लेहू।।

रामायण की 8 चौपाई हिंदी में - raamaayan kee 8 chaupaee hindee mein

डीएनए  हिंदी: मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम (Ramayan Chaupai) के जीवन से सभी परिचित हैं. हिंदू धर्म में श्री राम कथा का बहुत महत्व है. रामायण को पवित्र ग्रंथों में ऊपर की पंक्ति में गिना जाता है. कई आध्यात्मिक जानकार यह बताते हैं कि रामायण के पाठ से कई फायदे होते हैं. ऐसा करने से जीवन में सुख व समृद्धि की प्राप्ति होती है साथ ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. ऐसे में श्री रामचरितमानस में ऐसे 8 चौपाइयां बताए गए हैं जिनको रोजाना पढ़ने से व्यक्ति को अत्यधिक लाभ होता है. आइए जानते हैं किन चौपाइयों (Ramayan 8 Chaupai) से दूर हो जाती है घर की दरिद्रता. 

चौपाई 1-
जब तें रामु ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए।।
भुवन चारिदस भूधर भारी। सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी।।

चौपाई 2-
रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई। उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई।।
मनिगन पुर नर नारि सुजाती। सुचि अमोल सुंदर सब भाँती।।

चौपाई 3-
कहि न जाइ कछु नगर बिभूती। जनु एतनिअ बिरंचि करतूती।।
सब बिधि सब पुर लोग सुखारी। रामचंद मुख चंदु निहारी।।

चौपाई 4-
मुदित मातु सब सखीं सहेली। फलित बिलोकि मनोरथ बेली।।
राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ। प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ।।

चौपाई 5-
एक समय सब सहित समाजा। राजसभां रघुराजु बिराजा।।
सकल सुकृत मूरति नरनाहू। राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।।

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चौपाई 6-
नृप सब रहहिं कृपा अभिलाषें। लोकप करहिं प्रीति रुख राखें।।
वन तीनि काल जग माहीं। भूरिभाग दसरथ सम नाहीं।।

चौपाई 7-
मंगलमूल रामु सुत जासू। जो कछु कहिअ थोर सबु तासू।।
रायँ सुभायँ मुकुरु कर लीन्हा। बदनु बिलोकि मुकुटु सम कीन्हा।।

चौपाई 8-
श्रवन समीप भए सित केसा। मनहुं जरठपनु अस उपदेसा।।
नृप जुबराजु राम कहुँ देहू। जीवन जनम लाहु किन लेहू।।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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अयोध्या कांड की 8 चौपाई कौन सी है?

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।। जब तें रामु ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए।।

रामायण की प्रथम चौपाई कौन सी है?

रामचरितमानस प्रथम सोपान (बालकाण्ड) : मंगलाचरण वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि। मङ्गलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ।। 1।।

रामायण पढ़ने से पहले क्या बोलना चाहिए?

ये है एक श्लोकी रामायण वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।। बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्। पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।। ये है इस मंत्र का सरल अर्थ - श्रीराम वनवास गए, वहां स्वर्ण मृग का वध किया।

रामचरितमानस में टोटल कितनी चौपाई है?

गोस्वामी तुलसीदास ने राममय होकर श्री रामचन्द्र जी के चरित्र का बखूबी से रामचरित मानस में वर्णन किया है। रामचरित मानस में राम शब्द 1443 बार आया है, सीता शब्द 147 बार आया है, इसमें श्लोक संख्या 27 है, मानस में चौपाई संख्या 4608 है, मानस में दोहा 1074 है, मानस में सोरठा संख्या 207 है और मानस में 86 छन्द है।