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रानी लक्ष्मीबाई (Rani Laxmibai) की शाहदत कैसे हुई इस पर अनेक मत हैं. (तस्वीर: Wikimedia Commons)Rani Laxmibai Death Anniversary: साल 1857 में झांसी की रानी (Rani of Jhansi) ने ऐसी वीरता दिखाते हुए अपनी शहादत (Martyrdom) दी कि अंग्रेज तक उनके कायल हो गए थे.
भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom Fighters) में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई (Rani Laxmibai) की वीरता को विशेष स्थान प्राप्त है. 18 जून को रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस के रूप देश उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करता है. अपने जीवन की अंतिम लड़ाई में रानी ने ऐसी वीरता दिखाई कि अंग्रेज तक उनके कायल हो गए. उनकी शहादत (Martyrdom) को लेकर कई मत हैं जिसमें उनकी मृत्यु के तरीके से लेकर तारीख तक मदभेद हैं. लेकिन इस बात पर किसी तरह का विवाद नहीं हैं कि उन्होंने किस वीरता से अंग्रेजों के दांत खट्टे किए और अंतिम सांस तक वे लड़ती रहीं. वारिस मानने से इनकार पहले झांसी छोड़ने को मजबूर हुईं रानी फिर ग्वालियर में जमा की ताकत रानी लक्ष्मीबाई (Rani Laxmibai) की वीरता उनके अनुयायियों के लिए प्रेरणा का काम करती थी. (फाइल फोटो) 17 जून को निर्णायक युद्ध शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक- जानिए क्यों माना जाता है अहम जख्मों के साथ लड़ती रहीं रानी खुद अंग्रेज तक रानी लक्ष्मीबाई (Rani Laxmibai) की वीरता के कायल हो गए थे. (फाइल फोटो) और शहादत के पल जानिए क्या है 3 जून का प्लान और भारतीय इतिहास में कितनी है इसकी अहमियत रानी के शरीर छोड़ने की तारीख पर मतैक्य नहीं दिखाई देता है. कहीं ये तारीख 17 जून बताई जाती है तो कहीं 18 जून, को. रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस मनाने की उल्लेख 18 जून को ज्यादा मिलता है. फिर भी सच तो यह है कि उनके बलिदान के कद ने तारीख को हमेशा के लिए छोटा कर दिया था.undefined ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: 1857 Indian Mutiny, Freedom Movement, History, Research FIRST PUBLISHED : June 18, 2021, 06:48 IST रानी लक्ष्मी बाई की मृत्यु कब और कैसे हुई?18 जून 1858 को ग्वालियर के पास कोटा की सराय में ब्रितानी सेना से लड़ते-लड़ते रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु हो गई। लड़ाई की रिपोर्ट में ब्रितानी जनरल ह्यूरोज़ ने टिप्पणी की कि रानी लक्ष्मीबाई अपनी सुन्दरता, चालाकी और दृढ़ता के लिये उल्लेखनीय तो थी ही, विद्रोही नेताओं में सबसे अधिक ख़तरनाक भी थी।
झांसी की रानी ग्वालियर में कैसे मरी?झांसी से कालपी होते हुए रानी लक्ष्मीबाई दूसरे विद्रोहियों के साथ ग्वालियर आ गई थीं। लेकिन कैप्टन ह्यूरोज की युद्ध योजना के चलते आखिरकार रानी लक्ष्मीबाई घिर गईं। शहर के रामबाग तिराहे से शुरू हुई आमने-सामने की जंग में जख्मी रानी को एक गोली लगी और वह स्वर्णरेखा नदी के किनारे शहीद हो गईं।
लक्ष्मी की मृत्यु कैसे हुई?सिर पर तलवार के वार से मारी गई थीं रानी लक्ष्मीबाई
जब लक्ष्मी के पति की मृत्यु हुई थी तब उसकी उम्र क्या थी?- ओमशंकर असर का कहना है कि रानी का जन्म 19 नवम्बर, 1827 को हुआ था। - विवाह के समय वो 15 साल की थीं। - शहादत के समय उनकी उम्र लगभग 31 साल थी।
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