इसे सुनेंरोकेंसमताप मंडल में ओज़ोन की उपस्थिति विषुवत-रेखा के निकट अधिक सघन और सान्द्र है तथा ज्यों-ज्यों हम ध्रुवों की ओर बढ़ते हैं, धीरे-धीरे इसकी सान्द्रता कम होती जाती है। यह वहाँ उपस्थित हवाओं की गति, पृथ्वी की आकृति और इसके घूर्णन पर निर्भर करता है। ध्रुवों पर मौसम के अनुसार यह बदलता रहता है। ऋतु परिवर्तन क्या होता
है? इसे सुनेंरोकेंजब पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है तो उस समय वहाँ मौमस गर्म रहता है और दक्षिणी गोलार्द्ध में ठंडा । इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि पृथ्वी का सूर्य के चारों और घूमना और अपने अक्ष पर झुके हुए होकर घूमना ही ऋतु परिवर्तन कहलाता है।ऋतुएँ तो और भी बदलती हैं पर बाहर भीतर ऐसा ऐसा कहाँ बदलता है?
धरती कैसे अपने साथ अलग अलग मौसम लाती है?
इसे सुनेंरोकेंयह झुकाव पृथ्वी पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को भी प्रभावित करता है। इस झुकाव की वजह से ही पृथ्वी का एक गोलार्द्ध छह माह तक सूर्य की ओर झुका रहता है और अगले छह मास तक दूसरा गोलार्द्ध। पृथ्वी की धुरी के झुकाव के कारण ही उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्धों में वर्ष के एक ही समय अलग-अलग ऋतुएं होती हैं।
ऋतु कितने प्रकार की होती हैं?
इसे सुनेंरोकेंऋतु को 6 भागों में बांटा गया है. वर्षा, ग्रीष्म, शरद, हेमंत, शिशिर, वसंत. हर ऋतु एक अलग ही आनंद और उत्साह लोगों में देखने को मिलता है.
ऋतु परिवर्तन का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है इस कथन की पुष्टि आप किन किन बातों से कर सकते हैं लिखिए?
इसे सुनेंरोकें“ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है”- इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं? वर्षा- वर्षा ऋतु में काम-काज ठप्प हो जाते हैं। अमीर-गरीब सभी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार अधिक वर्षा हो जाने से बाढ़ भी आ जाती है जिससे सभी को हानि उठानी पड़ती है।
वर्षा ऋतु का मानव मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
इसे सुनेंरोकेंसावन के महीने में जब वर्षा ऋतु आती है तो मानव का मन उल्लासित हो जाता है। मोर-पपीहे की आवाजें चारों तरफ गूँजने लगती हैं, जो वातावरण को मधुरता से भर देती हैं। बारिश की रिमझिम बूँदे जब टप-टप करके धरती पर गिरती हैं, उन बूँदों की आवाज से मन प्रफुल्लित हो जाता है।
मौसम क्यों बदलता रहता है?
इसे सुनेंरोकेंपृथ्वी के ऊपर से नीचे तक, केंद्र में पृथ्वी की कक्षा एक काल्पनिक पोल की तरह है. ऐसे समझें कि इस एक पोल के चारों तरफ पृथ्वी घूम रही है, एक पूरा चक्कर करने पर हमें दिन और रात का समय दिखता है. मौसम इसलिए बदलते हैं कि क्योंकि यह कक्षा का जो पोल है, यही सीधा नहीं रहता. यही थोड़ा इधर उधर झुकता है.