सबसे bada दिन कब होता है 2022? - sabase bad din kab hota hai 2022?

सबसे bada दिन कब होता है 2022? - sabase bad din kab hota hai 2022?

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आज साल 2022 का सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होगी. (Photo: Pixabay)

साल 2022 का सबसे बड़ा दिन (Longest Day) आज है और आज की रात सबसे छोटी (Shortest Night) होगी. आज से सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर गमन करते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 21, 2022, 08:25 IST

आज 21 जून साल 2022 का सबसे बड़ा दिन (Longest Day) है, तो आज की रात सबसे छोटी (Shortest Night) होगी. दरअसल आज सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होगा, इस वजह से यह घटना होगी. आज दोपहर में एक ऐसा भी समय आएगा, जब आपको अपनी परछाई दिखाई नहीं देगी. वेधशालाओं में शंकु यंत्र से आप इस अनोखी घटना को देख सकते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि 21 जून यानी आज दोपहर में 12 बजकर 28 मिनट पर व्यक्ति को अपनी परछाई दिखाई नहीं देगी क्योंकि आज सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होगा.

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उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा एक कल्पनिक रेखा है. यह देश में गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों से होकर गुजरती है. इन राज्यों के शहरों जैसे अहमदाबाद, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, शहडोल, अंबिकापुर, रांची, हुगली और बांसवाड़ा से होकर कर्क रेखा गुजरती है. हर साल करीब 21 जून को सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होता है.

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सबसे बड़ा दिन 13 घंटे 34 मिनट का
जैसा कि आपको पता है कि एक दिन और रात में 24 घंटे होते हैं. आज सबसे बड़ा दिन 13 घंटे 34 मिनट का है, वहीं रात 10 घंटे 26 मिनट की होगी. इस आधार पर आज की रात सबसे छोटी होगी. आज का सूर्योदय 05:54:00 बजे हुआ है और सूर्योस्त शाम 7:27:00 बजे होगा. हालांकि जगहों के हिसाब से सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है.

आज से दक्षिणायन का प्रारंभ
आपको पता है कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं. वैसे ही आज 21 जून से सूर्य की गति दक्षिण दिशा की ओर होनी प्रारंभ हो जाएगी. इस वजह से सूर्य का उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर गमन होगा यानी आज से सूर्य का दक्षिणायन प्रारंभ हो जाएगा. इस कारण से आज के बाद से दिन छोटे होने लगेंगे और रात बड़ी होने लगेगी. 21 सितंबर को दिन और रात बराबर घंटे के होंगे. उसके बाद से रात बड़ी होगी.

उत्तरायण और दक्षिणायन में अंतर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं और कर्क राशि की ओर गति करते हैं, तो वह उत्तरायण होता है. यह अवधि करीब 6 माह की होती है. सूर्य मकर से मिथुन राशि में गोचर करते समय उत्तरायण होते हैं. वे कर्क राशि से धनु राशि की ओर गति करते समय दक्षिणायन होते हैं. यह अवधि भी 6 माह की होती है.

इस आधार पर पूरा एक वर्ष 6 मा​ह उत्तरायण और 6 माह दक्षिणायन में बंटा होता है. सूर्य कैलेंडर के आधार पर 12 राशियां 12 माह होती हैं.

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FIRST PUBLISHED : June 21, 2022, 08:22 IST

साल का सबसे लम्बा और छोटा दिन कब है – Longest and Shortest day of the year in hindi

संक्रांति यानि सोल्सटिस एक खगोलीय घटना है जोकि दो बार, एक गर्मियों में और एक बार सर्दियों में होती है. हर साल सूर्य को जब उत्तर या दक्षिण ध्रुव से देखा जाता है तो साल का सबसे बड़ा दिन 21 जून होता है. इस दिन सूर्य की किरण ज्यादा देर तक रहती है और 22 दिसम्बर साल का सबसे छोटा दिन होता है, क्योकि इस दिन सूर्य की किरण पृथ्वी पर कम समय के लिए रहती है. ये साल के वो दिन होते हैं, जिसमें दिन और रात की लम्बाई में सर्वाधिक अंतर होता है. यह एक सामान्य घटना है जो हर वर्ष होती है.

सबसे bada दिन कब होता है 2022? - sabase bad din kab hota hai 2022?

  • साल 2022 का सबसे लम्बा और छोटा दिन (Longest and Shortest day of the year in hindi)
    • समर सोल्सटिस या ग्रीष्मकालीन संक्रांति अर्थात साल का सबसे बड़ा दिन
    • ग्रीष्मकालीन संक्रांति का सांस्कृतिक महत्व
    • विंटर सोल्सटिस या शीतकालीन संक्रांति अर्थात साल का सबसे छोटा दिन
    • विंटर सोल्सटिस का सांस्कृतिक महत्व
    • सोल्सटिस की तारीखों के भिन्न होने का कारण
    • ग्रीष्मकालीन संक्रांति की विभिन्न शहरों की तिथियाँ
    • शीतकालीन संक्रांति की विभिन्न शहरों की तिथियाँ
    • सोल्सटिस से सम्बंधित तथ्य

साल 2022 का सबसे लम्बा और छोटा दिन (Longest and Shortest day of the year in hindi)

इस साल को सबसे छोटा दिन 21 दिसम्बर , दिन शुक्रवार को है, जोकि 10 घंटे 19 मिनिट और 10 सेकेंड का होगा. साथ ही इस साल का सबसे बड़ा दिन 21 जून , दिन गुरुवार है जोकि 13 घंटे 33 मिनिट और 46 सेकेंड का होगा. 2021 में आने वाली फ़िल्में यहाँ पढ़ें.

समर सोल्सटिस या ग्रीष्मकालीन संक्रांति अर्थात साल का सबसे बड़ा दिन

21 जून सबसे बड़ा दिन, ये आवश्यक नहीं है कि हर साल ये दिन 21 जून को ही पड़े. यह 20 से 22 के बीच किसी भी दिन हो सकता है. जब सूर्य की किरण कर्क रेखा पर लम्बवत पड़ती है, तो इसके फलस्वरूप उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे बड़ा दिन होता है, अर्थात उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की तरफ पूरी तरह से झुका या ये भी कह सकते है कि 23.4 अक्षांश पर झुका हुआ रहता है और तब यहाँ गर्मी का मौसम होता है. जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में इस समय सूर्य तिरछा चमकता है, जिस वजह से यहाँ रात बड़ी और दिन छोटा होता है और गर्मी कम होने से ठण्ड का मौसम रहता है. मेरा प्रिय मौसम पर निबंधयहाँ पढ़ें.

ग्रीष्मकालीन संक्रांति का सांस्कृतिक महत्व

पुरे देश में जून सोल्सटिस को धार्मिक रूप से गर्मी छुट्टी और धार्मिक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है. इंग्लैण्ड का स्टोनहेंज, ग्रीष्मकालीन संक्रांति के सांस्कृतिक महत्व को दुनिया के सामने दर्शित करता है. यह एक मेगालिथिक संरचना है जो स्पष्ट रूप से जून सोल्सटिस के क्षण को दर्शाती है. ग्रीष्मकालीन संक्रांति के दौरान ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, रूस, भारत और चीन में गर्मी का समय रहता है, क्योकि यह उत्तरी गोलार्द्ध में पड़ता है,

विंटर सोल्सटिस या शीतकालीन संक्रांति अर्थात साल का सबसे छोटा दिन

22 दिसम्बर को सूर्य की किरण मकर रेखा पर लम्बवत पड़ती है, जिस वजह से दक्षिणी गोलार्द्ध में इस समय ग्रीष्म ऋतू होती है और यहाँ दिन बड़े और रात छोटी होती है. जबकि इस समय उत्तरी गोलार्द्ध में सूर्य की किरण तिरछी पड़ती है, जिस वजह से यहाँ दिन छोटा और रात बड़ी होती है साथ ही यहाँ शीत ऋतू रहती है. इसे शीतकालीन संक्रांति या विंटर सोल्सटिस भी करते है. ऑस्ट्रेलिया, अर्जेन्टीना, चिली, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में इस समय गर्मियों का समय रहता है, क्योकि यह दक्षिणी गोलार्द्ध में पड़ता है और यहाँ यह वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है. मकर संक्रांति का महत्व यहाँ पढ़ें.

विंटर सोल्सटिस का सांस्कृतिक महत्व

विंटर सोल्सटिस के तुरंत बाद ही ईसाइयों का मुख्य त्यौहार क्रिसमस डे मनाया जाता है. विंटर सोल्सटिस को जो कि ठण्ड के मौसम में पड़ता है, इस समय पर दक्षिणी गोलार्द्ध में समर सोल्सटिस रहता है, इसे ऑस्ट्रेलिया के लोग डेरेवेंट नदी में डुबकी लगा कर मनाते है.        

सोल्सटिस की तारीखों के भिन्न होने का कारण

सोल्सटिस की अलग तिथियाँ मुख्य रूप से कैलेंडर प्रणाली के कारण होती है. अधिकांश पश्चिमी देश ग्रेगोरियन कैलेंडर का इस्तेमाल करते है, जो कि एक सामान्य साल में 365 दिन और लीप वर्ष में 366 दिन का होता है. एक उष्णकटिबंधीय वर्ष वह समय होता है जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्र लगाती है, और चक्र लगाने में उसे 365.242199 दिन का समय लगता है, लेकिन दुसरे गृह के प्रभाव के कारण यह समय वर्ष दर वर्ष थोडा भिन्न होता है जिस वजह से तिथियाँ भी बदलती रहती है.

ग्रीष्मकालीन संक्रांति की विभिन्न शहरों की तिथियाँ

समय क्षेत्र में अंतर होने के कारण कुछ जगहों पर अलग तिथि होने पर उनकी संक्रांति यानि सोल्सटिस होगा. अलग अलग शहरों में सबसे लम्बे दिन की तारीख और समय सीमा अलग हो सकती है, जिनमे से कुछ का वर्णन हमने टेबल में किया है जो निम्नलिखित है :-

शहर तारीख दिन के समय की लम्बाई
एंकरेज, आल्सका में 18 जून से 22 जून तक का सबसे लम्बा दिन 19 घंटा और 21 मिनट का
न्यू यॉर्क, न्यू यॉर्क सिटी में 18 जून से 22 जून तक का  सबसे लम्बा दिन 15 घंटा 6 मिनट का
कैलिफोर्निया, साक्रमेंटो  17 जून से 23 जून तक का सबसे लम्बा दिन 14 घंटा 52 मिनट का
कलिफोर्निया, लोस एंगेल्स  19 जून से 21 जून तक का सबसे लम्बा दिन 14 घंटा 26 मिनट
हवाई, होनोलुलु  15 जून से 25 जून सबसे लम्बा दिन 13 घंटा 26 मिनट
यूनाइटेड किंगडम, लन्दन  17 जून से 24 जून तक सबसे लम्बा दिन 16 घंटा 38 मिनट
टोक्यो, जापान  19 जून से 23 जून तक का सबसे लम्बा दिन 14 घंटा 35 मिनट
मैक्सिकों सिटी, मेक्सिको  13 जून से 28 जून तक सबसे लम्बा दिन 13 घंटा 18 मिनट

शीतकालीन संक्रांति की विभिन्न शहरों की तिथियाँ

शीतकालीन संक्रांति की तारीखों और उनके दिनों में समय के अंतर की ग्रीष्मकालीन संक्रांति के दिन की समय सीमा से तुलना करने पर दिन के छोटे होने का अन्दाजा आसानी से लग सकता है, यहाँ कुछ शहरों के नाम दिए जा रहे है जहाँ छोटे दिन की तारीख व समय दिया गया है. इसे निम्नलिखित तालिका के माध्यम से दर्शित किया जा रहा है :-

शहर तारीख दिन के समय की लम्बाई 
दिल्ली 22 दिसम्बर 10 घंटा 19 मिनट
बीजिंग 22 दिसंबर 9 घंटा 20 मिनट
रिओ डे जनिरेओ 22 दिसम्बर 13 घंटा 13 मिनट
न्यू यॉर्क सिटी 22 दिसम्बर 9 घंटा 15 मिनट
लोस अन्गेलेस 22 दिसम्बर 9 घंटा 53 मिनट
मेक्सिको सिटी 22 दिसम्बर 10 घंटा 57 मिनट
टोक्यो, जापान 22 दिसम्बर 9 घंटा 44 मिनट
मेलबोर्न 22 दिसम्बर 14 घंटा 47 मिनट 

सोल्सटिस से सम्बंधित तथ्य

शब्द सोल्सटिस लैटिन शब्द सोल्स्तितियम से आता है जिसका अर्थ होता है कि सूर्य अभी भी सीधा है. ऐसा इसलिए होता है क्योकि इस दिन सूर्य पृथ्वी की ओर से दक्षिणी गोलार्द्ध तक पहुँचता है उसके बाद उसकी दिशा बदल जाती है. इस दिन को सूर्य के पीछे मुड़ने वाला दिन भी कहा जाता है.   

सबसे लम्बा दिन सबसे छोटा दिन
जब दक्षिणी गोलार्द्ध में समर सोल्सटिस जिसे ग्रीष्मकालीन संक्रांति कहा जाता है पड़ता है, और वह यहाँ का सबसे लम्बा दिन होता है. तब उत्तरी गोलार्द्ध में विंटर सोल्सटिस जिसे शीतकालीन संक्रांति भी कहते है पड़ता है और  यह वर्ष का सबसे छोटा दिन होता है.
जब उत्तरी गोलार्द्ध में समर सोल्सटिस जिसे ग्रीष्मकालीन संक्रांति भी कहते है पड़ती है और यह यहाँ का सबसे लम्बा दिन होता है. तब दक्षिणी गोलार्द्ध में विंटर सोल्सटिस जिसे शीतकालीन संक्रांति कहा जाता है पड़ती है और यह यहाँ सबसे छोटा दिन होता है.
20, 21 या 22 जून किसी भी तिथि को समर सोल्सटिस पड़ सकता है.   20, 21, 22 या 23 दिसम्बर किसी भी तिथि को विंटर सोल्सटिस पड़ सकता है.  

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दिन बड़ा होना कब से शुरू होता है?

21 जून को दिन सबसे बड़ा होता है. इसके बाद ये घटना शुरू होता है. इसी तरह 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन बताया गया है. इस दिन उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा और रात छोटी होती है.

छोटा दिन कब मनाया जाता है?

23 दिसंबर को सूर्य पृथ्वी से बहुत दूर रहेगा। इस दिन साल का सबसे छोटा दिन व सबसे लंबी रात होगी।

पृथ्वी पर सबसे बड़ा दिन कब होता है?

21 जून के दिन सबसे बड़ा दिन होता है यानी लंबे समय तक सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पड़ती है.

सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात कब होती है?

ठीक 12 बजकर 28 मिनट पर आपको अपनी परछाई नहीं दिखाई दी होगी। परिभ्रमण पथ के दौरान 21 जून को ठीक 12.28 बजे सूर्य कर्क रेखा पर एकदम लंबवत हो गया। इस दिन भारत सहित उत्तरी गोलार्द्घ में स्थित सभी देशों में सबसे बड़ा दिन तथा रात सबसे छोटी होगी।