संहति ज्ञात करने का सूत्र क्या है? - sanhati gyaat karane ka sootr kya hai?

इस artucle मे हम द्रव्यमान केंद्र के बारे मे जानेंगे की द्रव्यमान केंद्र क्या होता इसके क्या उदाहरण है इसका सूत्र इन सब को सरल व आसान भाषा मे समझने की कोशिश करेंगे

द्रव्यमान केंद्र –

किसी पिंड या पिंडों के निकाय का वह बिंदु जिसमें निकाय का संपूर्ण द्रव्यमान केंद्रित हो उस पिंड का द्रव्यमान केंद्र कहलाता है।

बिंदु के सापेक्ष निकाय का संपूर्ण द्रव्यमान समान रूप से वितरित होने के कारण इस बिंदु को द्रव्यमान केंद्र कहा जाता है।

द्रव्यमान केंद्र ज्ञात करना:-

सर्वप्रथम हम एक निर्देश तंत्र की कल्पना करते हैं जिसमें हम m1 व m2 द्रव्यमान के दो पिंड लेते हैं। जिनकी ( निर्देश बिंदु ) से क्रमशः दूरी r1 तथा r2 है।

द्रव्यमान केंद्र का सूत्र निम्न प्रकार है।

 Rcm = m1r1+ m2r2 / m1+ m2 

उदाहरण

जैसा कि हम जानते हैं कि प्रत्येक पदार्थ अनेक कणों से मिलकर बना होता है जब किसी गेंद को फेंकते हैं तो उसमें उपस्थित सभी कण एक समान गति नहीं करते हैं इसलिए एक कण की गति से अन्य कणों की गति के बारे में नहीं पता लगाया जा सकता। लेकिन गेंद में ऐसा बिंदु होता है। जिसकी गति ऐसी होगी। जो बिल्कुल गेंद की गति के समान होगी। अतः वह बिंदु कण की संपूर्ण गति को दर्शाता है।इस बिंदु को गेंद का द्रव्यमान केंद्र कहते हैं।

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संहति ज्ञात करने का सूत्र क्या होता है?

Solution : प्रश्नानुसार, पत्थर का द्रव्यमान `m=0*1` किग्रा <br> जब रेलगाड़ी 1 मीटर/सेकण्ड के त्वरण से गतिशील होती है तो पत्थर पर रेलगाड़ी की गति की दिशा में अतिरिक्त बल `F'=ma=0*1xx1=0*1` न्यूटन लगेगा ।

किसी पिण्ड के द्रव्यमान केन्द्र से आप क्या समझते हो?

Solution : किसी पिण्ड का द्रव्यमान केन्द्र वह बिंदु होता है जो पिण्ड के साथ इस प्रकार गति करता है, जैसे पिण्ड का समस्त द्रव्यमान उसी पर केन्द्रित हो तथा पिण्ड पर कार्यरत सभी बल भी जैसे उसी पर कार्य कर रहे हों।

संवेग का केंद्र बिंदु कहाँ स्थित है?

कणों के किसी निकाय का संहति केन्द्र वह बिन्दु है जहाँ, अधिकांश उद्देश्यों के लिए, निकाय ऐसे गति करता है जैसे निकाय का सब द्रव्यमान उस बिन्दु पर संकेंद्रित हो। संहति केन्द्र, केवल निकाय के कणों के स्थिति-सदिश और द्रव्यमान पर निर्भर होता है।

द्रव्यमान केन्द्र की गति क्या है?

जब निकाय किसी बाह्य बल के अंतर्गत गति करता है तब उसका कोई बिंदु इस प्रकार गति करता है कि जैसे निकाय का समस्त द्रव्यमान इस बिंदु पर केंद्रित हो तथा बाह्य बल भी इसी बिंदु पर आरोपित हो, तो इस बिंदु को निकाय का द्रव्यमान केंद्र (centre of mass in Hindi) कहते हैं।

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