सम्पादकीय पत्र अथवा संपादक के नाम पत्र वे पत्र हैं, जो पाठकों द्वारा समाचार पत्रों के सम्पादकों को सम्बोधित करके लिखे जाते हैं। इस प्रकार के पत्र लेखन (Patra Lekhan) के लिए समाचार-पत्रों में ‘संपादक के नाम पत्र‘ एक विशेष कॉलम होता है इसके माध्यम से व्यक्ति अपनी बात को समस्त पाठकों, अधिकारियों और सरकार तक प्रेषित करता है। यही कारण है कि लगभग सभी समाचार-पत्रों में ये पत्र विभिन्न शीर्षकों से प्रकाशित किये जाते हैं। Show
संपादक के नाम पत्र के कुछ प्रमुख शीर्षक
संपादक के नाम पत्र की उपयोगिता एवं महत्त्व आज का युग समाचार-पत्रों का युग है। जनता तक सार्वजनिक रूप से अपने विचारों को समाचार-पत्रों तथा अन्य प्रकार के पत्रों के माध्यम से ही पहुँचाया जाता है और जनमत बनाने का माध्यम भी पत्र-पत्रिकाएँ ही है। यों
तो लेखादि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं।
इस प्रकार संपादक के नाम पत्रों का सार्वजनिक दृष्टि से बड़ा उपयोग और महत्त्व है।
उदाहरणछात्रों की असुविधाओं के लिए संपादक के नाम पत्र
बजाज नगर, “विषयः- छात्रों की असुविधायें“राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर का नवीनतम पाठ्यक्रम महाविद्यालयों का सत्र प्रारम्भ होने के चार माह तक प्रकाशित नहीं हुआ है। फलतः छात्रों का अध्ययन विधिवत् और सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालयों के अधिकारियों तथा कुलपति महोदय को शीघ्र कदम उठाकर छात्रों की असुविधा एवं परेशानियों को दूर करना चाहिए, अन्यथा असन्तोष की भावना आन्दोलन का रूप ले सकती है। भवदीय, रमेश, सुरेश, हरीश आदि छात्र, बी.ए. (प्रथम वर्ष) पत्र के प्रकार और उनका प्रारूप
पत्रों के उदाहरण
संपादक के नाम पत्र निमंत्रण पत्र तथा अभिनंदन पत्र आदि को क्या कहा जाता है?आवेदन पत्र पत्र नौकरी हेतु.
संपादक के नाम पत्र क्या होते हैं?महाशय, विश्वास कीजिए, यह मेरा प्रथम पत्र है जो मैं किसी अख़बार के संपादक के नाम लिख रहा हूँ। यह नहीं कि पत्र लिखता ही नहीं या कि मुझे पत्र लिखना अच्छा नहीं लगता।
संपादक के नाम पत्र वास्तव में कैसे लिखा जाता है?सम्पादक के नाम लिखे जाने वाले अपील अथवा निवेदन सम्बन्धी पत्र ऐसे पत्र होते हैं, जिनमें अकाल पीड़ितों, बाढ़ पीड़ितों या अन्य किसी प्रकोप से ग्रस्त व्यक्तियों की सहायता हेतु अपील अथवा निवेदन किया जाता है। इसके अतिरिक्त किसी दूसरे विषयों पर भी अपील अथवा निवेदन किया जा सकता है।
एक व्यक्तिगत पत्र एक आधिकारिक पत्र से कैसे भिन्न होता है?पत्र की समाप्ति पर औपचारिक पत्रों में 'भवदीय' शब्द लिखा जाता है और फिर प्रेषक के हस्ताक्षर और उसका पूरा नाम व पता होता है। अनौपचारिक पत्रों और औपचारिक पत्रों में एक और अंतर यह होता है कि अनौपचारिक पत्र जहाँ हाथ से लिखे जाते हैं, वहाँ औपचारिक पत्र प्रायः टंकित भेजे जाते हैं।
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