अकबर के समय का सबसे बड़ा सोने का सिक्का कहलाता था
2.10K viewsनवम्बर 18, 2020इतिहासमध्यकालीन भारत
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Subhash Saini8.09K नवम्बर 18, 2020 0 Comments
अकबर के समय का सबसे बड़ा सोने का सिक्का कहलाता था?
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Subhash Saini8.09K Posted नवम्बर 18, 2020 0 Comments
अकबर ने ‘जलाली’ नाम का चौकोर आकार का रुपया चलाया। तांबे का ‘दाम’ व ‘पैसा’ या ‘फलूस’ 323.5 ग्रेन का बना होता था। स्वर्ण का सर्वाधिक प्रचलित सिक्का ‘इलाही’ एवं सबसे बड़ा सिक्का ‘शंसब‘ था। अकबर ने कुछ सिक्कों पर राम व सीता की मूर्ति अंकित करवायी तथा उस पर ‘राम-सिया’ लिखवाया।
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सबसे बड़ा सोने का सिक्का
बच्चो, पिछले दिनों तुम लोगों में से कई ने खबर पड़ी होगी कि जल्द ही डेढ़ सौ का सिक्का बाजार में आने वाले है। इसके वजन और आकार को लेकर तुम सोच में पड़ गए होगे। इससे जुड़े और भी कई सवाल तुम्हारे दिमाग...
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 09 Feb 2011 11:02 AM
बच्चो, पिछले दिनों तुम लोगों में से कई ने खबर पड़ी होगी कि जल्द ही डेढ़ सौ का सिक्का बाजार में आने वाले है। इसके वजन और आकार को लेकर तुम सोच में पड़ गए होगे।
इससे जुड़े और भी कई सवाल तुम्हारे दिमाग में चल रहे होंगे।
बच्चों यह सिक्का जब आएगा, तब आएगा लेकिन आज तुम्हें विश्व के सबसे बड़े सिक्के के बारे में बताने जा रहे हैं, जो प्योर सोने का है। जिसे हम लोग गिन्नी भी कहते हैं। घर में शादी के दौरान गिन्नी का आदान प्रदान होता है, यह तुम लोगों ने जरूर सुना होगा।
बच्चों, अभी तक सबसे बड़ा सोने का सिक्का कनाडा में बनाया गया है। इस सिक्के का वजन सुन कर तुम लोग चौंक पड़ोगे। इसका वजन 100 किलोग्राम है, जो सिक्का शुद्घ सोने का है। इस सिक्के का व्यास 21 इंच है। इस सिक्के की एक तरफ कनाडा का राष्ट्रीय चिन्ह तीन पत्तियां यानी मेपल लीफ बनी हैं तो दूसरी तरफ क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की फोटो बनी है। इसे नीलामी के लिए रखा गया और इसको खरीदने के लिए विश्व के तमाम बड़े-बड़े लोग शामिल हुए, जिसमें उद्योगपति और अद्भुत सिक्कों के शौकीन भी। यह सिक्का 3.23 यूरो मिलियन यानी 4.02 मिलियन डालर में बिका। इस सिक्के को आस्ट्रेलिया की ओरो डायरेक्ट नामक कंपनी ने खरीदा है। कंपनी के प्रवक्ता माइकल बर्जर का मानना है कि बैंक लगातार कागज के नोटों को छापते हैं, लोग उन्हीं के माध्यम से निवेश करते हैं लेकिन हमारे लिए सबसे अच्छा निवेश सोना है, इसलिए इस सिक्के को खरीदा है। यह कंपनी सोने के आभूषण बना कर बेचती है।
वे देश जहाँ दिनार नाम से मुद्रा का प्रचलन है/था। गहरे हरे रंग से प्रदर्शित देशों में दिनार वर्तमान समय में भी प्रचलित है। हल्के हरे रंग वाले भागों में दिनार भूतकाल में प्रचलित था।
दीनार : (अरबी دينار) (dīnār) वर्तमान समय में दीनार या दिनार विश्व के अनेक देशों की मुद्राओं का नाम है।
मुसमालनों के आने के बहुत पहले से भारतवर्ष में दीनार चलता था। दीनार नामक सिक्के का प्रचार किसी समय एशिया और यूरोप के बहुत से भागों में था। यह कहीं सोने का, कहीं चाँदी का होता था। हिंदुस्तान की तरह अरब और फारस में भी प्राचीन काल में दीनार नाम का सिक्का प्रचलित था। अरबी फालकी के कोशकारों ने दीनार शब्द को अरबी लिखा है, पर फारस में दीनार का प्रचार बहुत प्राचीन काल में था। इसके अतिरिक्त रोमन (रोमक) लोगों में भी यह सिक्का दिनारियस के नाम से प्रचलित था। धात्वर्थ पर ध्यान देने से भी दीनार शब्द आर्यभाषा ही का प्रतीत होता है। अब प्रश्न यह होता है कि यह सिक्का भारत से फारस, अरब होते हुए रोम में गया अथवा रोम से इधर आया। यदि हरिवंश आदि संस्कृत ग्रंथों की अधिक प्राचीनता स्वीकार की जाय तो दीनार को भारत का मानना पडे़गा।
भारतीय सन्दर्भ में 'दिनार'[संपादित करें]
'हरिवंश' और 'महावीरचरित्' में दीनार का स्पष्ट उल्लेख है। साँची में बौद्ध स्तूप का जो बड़ा खंडहर है उसके पूर्वद्वार पर सम्राट् चंद्रगुप्त का एक लेख है। उस लेख में 'दीनार' शब्द आया है। अमरकोश में भी दीनार शब्द मौजूद है और निष्क के बरबर अर्थात् दो तोले का माना गया है। रघुनंदन के मत से दीनार ३२ रत्ती सोने का होता था। अकबर के समय में जो दीनार नाम का सोने का सिक्का जारी था उसका मान एक मिसकाल अर्थात् आधे तोले के अंदाज था।
भारत में दीनार एक गांव भी हैं जो राजस्थान राज्य के अलवर जिले के लक्ष्मणगढ उपखण्ड में स्थित हैं। इस गाँव की जनसंख्या २०११ की जनगणना के अनुसार २४८७ थी। इस गाँव में अलवर से बडौदामेव होते हुए पहुँचा जा सकता हैं। दीनार एक ग्राम पंचायत है जिसमें दीनार, ढण्ड, रेस्ती, खेडला व छांगलकी गाँव आते हैं।