सिपाहियों को नए कारतूसों पर क्यों एतराज था - sipaahiyon ko nae kaaratooson par kyon etaraaj tha

सिपाहियों को नए कारतूसों पर क्यों ऐतराज़ था?

बंदूक में कारतूस लगाने के लिए उसके ऊपर लगी एक पट्टी को दाँत से काटना पड़ता था। ऐसी खबर थी कि उस पट्टी को बनाने में गाए और सुअर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। ऐसी चीजों के उपयोग से हिन्दू एवं मुसलमान सिपाहियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती थी। अत: उन्हें कारतूसों पर ऐतराज़ था।

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1857 की बग़ावत के फलस्वरूप अंग्रेज़ों ने अपनी नीतियाँ किस तरह बदलीं?

(i) भारतीय मामलों के अधिक जिम्मेदार प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी की शक्तियों को ब्रिटिश क्राउन में स्थानांतरित किया गया था। भारत के गवर्नर-जनरल को वायसराय का नाम दिया गया था, जो कि क्राउन का एक व्यक्तिगत प्रतिनिधि है।

(ii) देश के सभी शासकों को भरोसा दिया गया कि भविष्य में कभी भी उनके भूक्षेत्र पर कब्ज़ा नहीं किया जाएगा। उन्हें अपनी रियासत अपने वंशजों, यहाँ तक कि दत्तक पुत्रों को सौंपने कि छूट दे दी गईं। लेकिन उन्हें इस बात के लिए प्रेरित किया गया कि वे ब्रिटैन की रानी को अपना अधिपति स्वीकार करें।

(iii) सेना में भारतीय सिपाहियों का अनुपात कम करने और यूरोपीय सिपाहियों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया गया। यह भी तय किया गया कि अवध, बिहार, मध्य भारत और दक्षिण भारत ने सिपाहियों को भर्ती करने की बजाय अब गोरखा, सिखों और पठानों में से ज़्यादा सिपाही भर्ती किए जाएँगे।

(iv) अंग्रेज़ों ने फ़ैसला किया कि वे भारत का लोगों के धर्म और सामाजिक रीती- रिवाजों के सम्मान करेंगे।

(v) भूस्वामियों और ज़मींदारों की रक्षा करने तथा ज़मीन पर उनके आधिकारों को स्थायित्व देने के लिए नीतियाँ बनाई गईं।

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झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की अंग्रेजों से ऐसी क्या माँग थी जिसे अंग्रेज़ों ने ठुकरा दिया?

झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई चाहती थी की उसके पति की मृत्यु के बाद गोद लिए गए बेटे को अंग्रेज़ उसके राज्य के वैध उत्तराधिकारी मान लें।

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बहादुर शाह जफ़र द्वारा विद्रोहियों को समर्थन दे देने से जनता और राज-परिवारों पर क्या असर पड़ा? 

(i) आम जनता बहादुर शाह जफ़र द्वारा विद्रोहियों को अपना समर्थन दिए जाने से बहुत उत्साहित हुई । इससे उनमें आशा के संचार हुआ। वे सोचने लगे की अब शायद अत्याचारी एवं शोषक अंग्रेजी सत्ता को उखाड़ फेंका जा सकेगा।

(ii) विभिन्न ब्रिटिश नीतियों के कारण कई राज-परिवारों को अपनी सत्ता पड़ी थी। वे इस खबर से बहुत खुश हुए। उन्होंने भी विद्रोहियों को समर्थन दिया। वे आब सोचने लगे थे की ब्रिटिश राज खत्म होगा तथा उन्हें उनका राज्य वापस मिल जायेगा।

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मई 1857 से पहले भारत में अपनी स्थिति को लेकर अंग्रेज़ शासकों के आत्मविश्वास के क्या कारण थे?

(i) अंग्रेज़ों की सोच थी कि भारतीय सिपाही उनके विश्वसनीय हैं। उन्हीं के बल पर तो हमने इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा किया हैं।
(ii) वे जानते थे कि कई स्थानीय जमींदार एवं राजा उनके शासन के समर्थन करते हैं।
(iii) 1857 से पहले उन्होंने इन्हीं सैनिकों की सहायता से कई लड़ाइयाँ जीती थी तथा कई बड़े विद्रोहों को कुचल था।
अतः वे भारत में अपनी स्थिति को लेकर आत्मविश्वास से भरे हुए थे।

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जब जनता बगावत करती है 1857 और उसके बाद

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सिपाहियों को नए कारतूसों पर क्यों ऐतराज था?

लिखित उत्तर

Solution : बन्दूक में कारतूस लगाने के लिए उसके ऊपर लगी एक पट्टी को दॉत से काटना पड़ता था। ऐसी खबर थी कि उस पट्टी को बनाने में गाय एवं सूअर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। ऐसी चीजों के उपयोग से हिन्दू एवं मुसलमान सिपाहियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती थी। अतः उन्हें कारतूसों पर ऐतराज था।

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Answer in Brief

सिपाहियों को नए कारतूसों पर क्यों ऐतराज था?

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Solution

नए कारतूसों पर ऐतराज का कारण-

  1. सिपाहियों को लगता था कि कारतूस पर लगी पट्टी को बनाने में गाय व सुअर की चर्बी का प्रयोग किया गया है।
  2. बंदूक में कारतूस लगाने के लिए कारतूस पर लगी पट्टी दाँत से काटनी पड़ती थी।
  3. इससे हिंदू एवं मुसलमान सिपाहियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती थी।

Concept: नीतियाँ और लोग

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Chapter 5: जब जनता बग़ावत करती है 1857 और उसके बाद - अभ्यास [Page 64]

Q 3.Q 2.Q 4.

APPEARS IN

NCERT History Class 8 [इतिहास - हमारे अतीत ३ कक्षा ८ वीं]

Chapter 5 जब जनता बग़ावत करती है 1857 और उसके बाद
अभ्यास | Q 3. | Page 64

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सिपाहियों को ने कारतूस ऊपर क्यों ऐतराज़ था?

Solution : बन्दूक में कारतूस लगाने के लिए उसके ऊपर लगी एक पट्टी को दॉत से काटना पड़ता था। ऐसी खबर थी कि उस पट्टी को बनाने में गाय एवं सूअर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। ऐसी चीजों के उपयोग से हिन्दू एवं मुसलमान सिपाहियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती थी। अतः उन्हें कारतूसों पर ऐतराज था

सिपाहियों को नए कानून पर क्यों ऐतराज था?

Answer: सिपाहियों को नए कारतूसों से एतराज इसलिए था क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि नए कारतूसों में गाय तथा सूअर की चर्बी का लेप लगाया गया है। प्रयोग करने से पहले इन कारतूसों को मुंह से छीलन पड़ता था। इसी कारण सिपाहियों को इन कारतूसों पर ऐतराज था और उन्होंने इन कारतूसों के साथ सैनिक अभ्यास करने से मना कर दिया ।

भाइयों को नए कार्टून सुपर क्यों ऐतराज़ था?

नए कारतूसों पर ऐतराज का कारण- सिपाहियों को लगता था कि कारतूस पर लगी पट्टी को बनाने में गाय व सुअर की चर्बी का प्रयोग किया गया है। बंदूक में कारतूस लगाने के लिए कारतूस पर लगी पट्टी दाँत से काटनी पड़ती थी। इससे हिंदू एवं मुसलमान सिपाहियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती थी।

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