The store will not work correctly in the case when cookies are disabled. "New Learnwell हिंदी सुरभि (भाग 1 से 8) के बारे में More Information
© 2016 MBD Books All Rights Reserved. Skip to content स्टॉक में केवल 1 बाकी है. [{"displayPrice":"₹190.00","priceAmount":190.00,"currencySymbol":"₹","integerValue":"190","decimalSeparator":".","fractionalValue":"00","symbolPosition":"left","hasSpace":false,"showFractionalPartIfEmpty":false,"offerListingId":"mzq5SV5aCN6WPCY1qHi8hkvrG801RIgy8QDRf%2BtnQbeSAZ%2BrGNgKlS1b38btZIqFGP2hiz9yusopQV7azvWcdl9uVPJUxK8%2F9zGc6D4wvu3YB0j4vaRzXagatIDbDu3DSEQpdsa%2BhO3SG7099qZbdb%2Fb6CJ7HKZ6OIkkDcgCmaQLUhSigUpDdNmq1UIAGB0G","locale":"hi-IN","buyingOptionType":"NEW"}] ₹₹190.00 () चुने हुए विकल्प शामिल हैं. प्रारंभिक मासिक भुगतान और चुने हुए विकल्प शामिल हैं. विवरण चेकआउट पर दिखाई गई शिपिंग लागत, डिलीवरी की तारीख और ऑर्डर की कुल राशि (टैक्स सहित). ICSE (2017) Solution for Class 8 Hindi Chapter 6 - बड़े घर की बेटीICSE (2017) Solution for Class 8 Hindi Chapter 6 - बड़े घर की बेटी प्रश्न-अभ्यासSolution क-i बेनी माधव के दो बेटे थे बड़े का नाम श्रीकंठ था। उसने बहुत दिनों के परिश्रम और उद्योग के बाद बी.ए. की डिग्री प्राप्त की थी और इस समय वह एक दफ़्तर में नौकर था। छोटा लड़का लाल बिहारी सिंह दोहरे बदन का सजीला जवान था। Solution क-ii श्रीकंठ बी.ए. इस अंग्रेजी डिग्री के अधिपति होने पर भी पाश्चात्य सामजिक प्रथाओं के विशेष प्रेमी न थे, बल्कि वे बहुधा बड़े जोर से उसकी निंदा और तिरस्कार किया करते थे। वे प्राचीन सभ्यता का गुणगान उनकी प्रकृति का प्रधान अंग था। सम्मिलित कुंटुब के तो वे एक मात्र उपासक थे। आजकल स्त्रियों में मिलजुलकर रहने में जो अरुचि थी श्रीकंठ उसे जाति और समाज के लिए हानिकारक समझते थे। Solution क-iii श्रीकंठ स्त्रियों में मिलजुलकर रहने में जो अरुचि थी उसे जाति और समाज के लिए हानिकारक समझते थे। वे प्राचीन सभ्यता का गुणगान और सम्मिलित कुंटुब के उपासक थे। इसलिए गाँव की स्त्रियाँ श्रीकंठ की निंदक थीं। कोई-कोई तो उन्हें अपना शत्रु समझने में भी संकोच नहीं करती थीं। Solution क-iv आनंदी स्वभाव से बड़ी अच्छी स्त्री थी। वह घर के सभी लोगों का सम्मान और आदर करती थी परंतु उसकी राय संयुक्त परिवार के बारे में अपने पति से ज़रा अलग थी। उसके अनुसार यदि बहुत कुछ समझौता करने पर भी परिवार के साथ निर्वाह करना मुश्किल हो तो अलग हो जाना ही बेहतर है। Solution ख-i आनंदी ने सारा पावभर घी मांस पकाने में उपयोग कर दिया था जिसके कारण दाल में घी नहीं था। दाल में घी का न होना ही उनके झगड़े का कारण था।
Solution ख-ii घी की बात को लेकर लालबिहारी ने अपनी भाभी को ताना मार दिया कि जैसे उनके मायके में घी को नदियाँ बहती हैं और यही आनंदी के दुःख का कारण था क्योंकि आनंदी बड़े घर की बेटी थी उसके यहाँ किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी। Solution ख-iii आनंदी बड़े घर की बेटी होने के कारण किफायत नहीं जानती थी इसलिए आनंदी ने हांडी का सारा घी मांस पकाने में उपयोग कर दिया जिसके कारण दाल में डालने के लिए घी नहीं बचा और इसी कारणवश देवर और भाभी में झगडा हो जाता है। Solution ख-iv उपर्युक्त संवाद से तात्पर्य स्त्री आत्मगौरव से है। भले ही स्त्रियों की शादी हो जाए, काम के सिलसिले में उन्हें दूसरे शहर और घर में रहना पड़े, सफलता के शिखर को छू लें परंतु मायका ऐसा संवेदनशील विषय है जिसे स्त्री कभी भी छोड़ नहीं पाती है। वे सब कुछ सह लेगी लेकिन कभी भी अपने माता-पिता और मायके की बुराई नहीं सुन सकती। Solution ग-i यहाँ पर बेनी माधव सिंह के के बड़े पुत्र श्रीकंठ को अनुभव रहित झल्लाया हुआ ग्रेजुएट संबोधित किया जा रहा है। श्रीकंठ अपनी पत्नी की शिकायत पर अपने पिता के सामने घर से अलग हो जाने का प्रस्ताव रखता है। जिस समय वह ये बातें करता है वहाँ पर गाँव के अन्य लोग भी उपस्थित होते हैं। बेनी माधव अनुभवी होने के कारण घर के मामलों को घर में ही सुलझाना चाहते थे और यही बात श्रीकंठ को समझ नहीं आ रही थी। पिता के समझाने पर भी वह लोगों के सामने घर से अलग होने की बात दोहरा रहा था। Solution ग-ii अनुभवी बेनी माधव सिंह ने अपने बेटे का क्रोध शांत करने के लिए कहा कि वे उसकी बातों से सहमत है श्रीकंठ जो चाहे कर सकते हैं क्योंकि उनके छोटे बेटे से अपराध तो हो ही गया है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बुद्धिमान लोग मूर्खों की बात पर ध्यान नहीं देते। लालबिहारी बेसमझ लड़का है उससे जो भी भूल हुई है उसे श्रीकंठ बड़ा होने के नाते माफ़ कर दे। Solution ग-iii गाँव में कुछ कुटिल मनुष्य ऐसे भी थे जो बेनी माधव सिंह के संयुक्त परिवार और परिवार की नीतिपूर्ण गति से जलते थे उन्हें जब पता चला कि अपनी पत्नी की खातिर श्रीकंठ अपने पिता से लड़ने चला है तो कोई हुक्का पीने, कोई लगान की रसीद दिखाने के बहाने बेनी माधव सिंह के घर जमा होने लगे। Solution ग-iv श्रीकंठ क्रोधित होने के कारण अपने पिता से सबके सामने लड़ पड़ते हैं। पिता नहीं चाहते थे कि घर की बात बाहर वालों को पता चले परंतु श्रीकंठ अनुभवी पिता की बातें नहीं समझ पाता और लोगों के सामने ही पिता से बहस करने लगता है। उपर्युक्त कथन श्रीकंठ की इसी नासमझी को बताने के लिया कहा गया है। Solution घ-i आनंदी का अपने देवर के साथ दाल में घी न डालने पर झगड़ा हो गया था और गुस्से में उसके देवर ने आनंदी पर खड़ाऊँ फेंककर दे मारी थी। आनंदी ने इस बात की शिकायत जब अपने पति श्रीकंठ से की तो वह गुस्से से आग-बबूला हो गया और पिता के सामने जाकर घर से अलग होने की बात कह डाली। Solution घ-ii आनंदी ने गुस्से में आकर अपने पति से शिकायत तो कर दी परंतु दयालु व संस्कारी स्वभाव की होने के कारण मन-ही-मन अपनी बात पर पछताने भी लगती है कि क्यों उसने अपने पर काबू नहीं रखा और व्यर्थ में घर में इतना बड़ा उपद्रव खड़ा कर दिया। Solution घ-iii आनंदी का देवर जब घर छोड़कर जाने लगा तो स्वयं आनंदी ने आगे बढ़कर अपने देवर को रोक लिया और अपने किए पर पश्चाताप करने लगी। आनंदी ने अपने अपमान को भूलकर दोनों भाईयों में सुलह करवा दी थी। अत: बिगड़े हुए काम को बना देने के कारण बेनी माधव ने आनंदी को बड़े घर की बेटी कहा। Solution घ-iv इस काहनी के माध्यम से लेखक ने स्पष्ट किया है कि किसी भी घर में पारिवारिक शांति और सामंजस्य बनाए रखने में घर की स्त्रियों की अहम् भूमिका होती है। घर की स्त्रियों अपनी समझदारी से टूटते और बिखरते परिवारों को भी जोड़ सकती है। साथ की लेखक ने संयुक्त परिवारों की उपयोगिता को भी इस कहानी के माध्यम से सिद्ध किया है।
We're sorry, but this browser is not supported by TopperLearning. |