अगर आप विभिन्न नदियों के बारे में जानकारी रखते हैं तो आपको अयोध्या में बहने वाली इस पवित्र नदी के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। Show हमारा देश भारत न जाने कितनी विविधताओं से भरा हुआ है। कितने पहाड़, झरने और खूबसूरत नदियों से बना हुआ ये देश कई तरह की खूबियों को समेटे हुए है। खासतौर पर जब बात नदियों की आती है तब इनका इतिहास काफी पुराना है। नदियां हमारे देश के कई हिस्सों की जीवन रेखा के रूप में सामने आती हैं और न जाने कितने लोगों को अपने जल से सिंचित करती हैं। न जाने कितने साल गुजर गए लेकिन नदियों ने अपनी दिशा नहीं बदली। जहां गंगा, यमुना, गोदावरी , नर्मदा जैसी पवित्र नदियों ने अपना एक अलग स्थान बनाया वहीं सरयू नदी प्रभु श्री राम के वनवास काल से लेकर उनकी अयोध्या वापसी तक की साक्षी बनी। वास्तविकता यह है कि नदियां अपनी पवित्रता न जाने कितने सालों से कायम रखे है हैं। नदियों की बात की जाए तो सरयू नदी का अपना अलग इतिहास और पहचान है जिसका नाम सुनते ही मन राम की नगरी में पहुंच जाता है। आइए जानें सरयू नदी के इतिहास और उसके उद्गम की कहानी के बारे में। सरयू नदी का इतिहासभौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो सरयू नदी वास्तव में शारदा नदी की ही एक सहायक नदी है। इसे सरजू के नाम से भी जाना जाता है। यह नदी उत्तराखंड में शारदा नदी से अलग होकर उत्तर प्रदेश की भूमि के माध्यम से अपना प्रवाह जारी रखती है। इसलिए यह उत्तर प्रदेश की आबादी के लिए पानी का एक प्रमुख स्रोत है। सरयू नदी मुख्य रूप से हिमालय की तलहटी से निकलती है और शारदा नदी की एक सहायक नदी बन जाती है। यही नहीं उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बीच से गुजरती हुई यह नदी अगले 350 किमी में बहती है। सरयू नदी उत्तर प्रदेश में सबसे प्रमुख जल मार्गों में से एक है, जो सरमुल से निकलती है- जिला बागेश्वर हिमालय, उत्तराखंड के चरम उत्तर में स्थित है। सरयू नदी का उल्लेख प्राचीन हिंदू शास्त्रों जैसे वेद और रामायण में मिलता है। यह गंगा नदी की सात सहायक नदियों में से एक है और इतनी पवित्र मानी जाती है कि यह मानव जाति की अशुद्धियों को धो देती है। अयोध्या - त्रेता युग में भगवान श्री राम का जन्म स्थान और राज्य की राजधानी अयोध्या सरयू नदी के तट पर स्थित है, इस प्रकार यह भारत में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसे जरूर पढ़ें: जानें गंगा नदी की उत्पत्ति कहां से हुई है और इससे जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में सरयू का पौराणिक इतिहासहिंदू पौराणिक कथाओं की मानें तो सरयू नदी किसी भी नदी की एक और सहायक नदी नहीं है, बल्कि हिंदू समुदाय के महाकाव्य पौराणिक ग्रंथ रामायण में वर्णित जल का एक निकाय है। सरयू उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगर से होकर बहती है जिसे श्री राम की नगरी भी कहा जाता है। अयोध्या की भूमि (जानें लोगों का अयोध्या से लगाव क्यों है) को उपजाऊ बनाने और भगवान श्रीराम जन्म का साक्षी बनने में सरयू का ख़ासा योगदान है। अयोध्या वास्तव में सरयू नदी से समृद्ध है, जो वर्तमान में एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में सामने आया है और एक पवित्र भूमि की तरह पूजी जाती है है। श्री राम जन्म का अधिकांश शहर, जो सरयू नदी के तट पर है उसमें कई पर्यटक तीर्थ स्थल हैं। सरयू नदी की लंबाईसरयू नदी हिमालय से निकलती है और उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य से बहती है। सरयू नदी की लंबाई 350 किलोमीटर है और इसकी स्रोत ऊंचाई 4150 मीटर है। इस नदी का नाम संस्कृत भाषा से लिया गया है। वेदों में है सरयू का उल्लेखसरयू नदी का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है और रामायण के अनुसार सरयू नदी अयोध्या शहर के पास बहती थी जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश है। रामायण में, भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम का जन्म हुआ था। पौराणिक कथाओं में यह भी उल्लेख है कि सरयू नदी के तट पर राजा दशरथ द्वारा दुर्घटनावश श्रवण कुमार की हत्या कर दी गई थी। यह भी कहा जाता है कि सरयू नदी धरती के नीचे बहने वाली एकमात्र नदी है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि यह पवित्र नदी शहर की अशुद्धियों और पापों को धोती है। विभिन्न धार्मिक अवसरों पर हजारों पर्यटक सरयू नदी के पवित्र जल में रोज डुबकी लगाते हैं। सरयू के आस-पास हैं कई पवित्र स्थलअयोध्या में सरयू नदी के तट पर घूमने के लिए कई प्रमुख आकर्षण स्थल हैं जिनमें लाखों पर्यटक पूरे साल घूमने के लिए आते हैं। आइए जानें कुछ ख़ास पर्यटक स्थलों के बारे में - राम जन्मभूमिभगवान श्री राम की जन्मस्थली और अयोध्या प्रांत के सबसे शानदार और सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण सह तीर्थ स्थलों में से एक। यह अपनी प्रमुखता के लिए जाना जाता है और भारत का सबसे बड़ा मंदिर राम जन्मभूमि में बनाया जाना है, जिसे हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार एक पवित्र भूमि माना जाता है। यह सरयू के तट पर स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इसे जरूर पढ़ें: भूमि पूजन के लिए तैयार है अयोध्या नगरी, आमंत्रण पत्र से लेकर मंदिर निर्माण की आधारशिला तक जानें क्या है खास हनुमान गढ़ी मंदिरहनुमान गढ़ी शहर के केंद्र में स्थित अयोध्या प्रांत का अगला सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है। यह स्थान काफी ऊंचाई पर स्थित है और यहां से कुछ बेहतरीन दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह अयोध्या में राम के समय के दौरान भगवान हनुमान का घर भी हुआ करता था।(अयोध्या के ये डेस्टिनेशन्स हैं सबसे बड़ा आकर्षण) इस प्रकार सरयू नदी भारत की सबसे प्रमुख नदियों में से एक है जो अपने आप में कई विविधताओं को समेटे हुए है। यदि आप भी इस नदी की खूबसूरती और इसके आस-पास से जुड़े कुछ पवित्र स्थलों को देखना चाहते हैं तो एक बार राम की नगरी अयोध्या जरूर जाएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व ज्योतिष से जुड़े इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। Image Credit: shutterstock and wikipedia क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें। सरयू नदी की उत्पत्ति कैसे हुई?ऐसे प्रगट हुई सरयू नदी
उस समय हर्ष के कारण भगवान विष्णु की आंखों से प्रेमाश्रु टपक पड़े। ब्रह्माजी ने उस प्रेमाश्रु को मानसरोवर में डालकर उसे सुरक्षित कर लिया। इस जल को महापराक्रमी वैवस्वत महाराज ने बाण के प्रहार से मानसरोवर से बाहर निकाला। यही जलधारा सरयू नदी कहलाई।
सरयू नदी का पुराना नाम क्या है?ज्यादातर ब्रिटिश मानचित्रकार इसे पूरे मार्ग पर्यंत घाघरा या गोगरा के नाम से प्रदर्शित करते रहे हैं किन्तु परम्परा में और स्थानीय लोगों द्वारा इसे सरयू (या सरजू) कहा जाता है। इसके अन्य नाम देविका, रामप्रिया इत्यादि हैं। यह नदी बिहार के आरा और छपरा के पास गंगा में मिल जाती है।
सरयू नदी क्यों शापित है?इसलिए शिवजी ने सरयू को श्राप दिया था कि
क्योंकि तुम भगवान राम की मृत्यु का कारण बनी हो।" "भीषण श्राप पाकर सरयू नदी भगवान शिव के चरणों में गिर गई। बोली, प्रभु जो हुआ, वह विधि के विधान के कारण हुआ है।
अयोध्या में कौन सी नदी बहती है?उत्तर प्रदेश में अयोध्या शहर सरयू नदी के तट पर स्थित है।
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