सूतक’ क्या है? समाज में इसके प्रति क्या धारणा फैली है? ‘दुख का अधिकार’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। Show हिंदू परिवारों में जब किसी की मृत्यु होती है तो उस दिन से तेरह दिनों तक घर को अपवित्र माना जाता है। इन दिनों में कोई मांगलिक और शुभ समझे जाने वाले कार्य नहीं किए जाते हैं। तेरह दिनों की इस अपवित्रता की स्थिति को सूतक कहते हैं। समाज में सूतक के प्रति यह धारणा फैली है कि इस स्थिति में उस परिवार के हर सदस्य और हर वस्तु अपवित्र होती हैं। इन सदस्यों के हाथ से ली गई वस्तुएँ खाने-पीने से व्यक्ति का धर्म-ईमान नष्ट हो जाता है और वह पाप का भागीदार बनता है। ऐसे में लोग सूतक से बचने का हर संभव प्रयास करते हैं। Concept: गद्य (Prose) (Class 9 B) Is there an error in this question or solution? सूतक क्या होता है उसका दूसरों पर क्या प्रभाव पड़ता?दाह संस्कार यदि दिन के समय ही संपन्न हो जाए तो शव यात्रा में शामिल होने वाले लोगों को सूर्यास्त के पश्चात सूतक दोष नहीं लगता। रात्रि में दाह संस्कार होने पर सूर्योदय से पूर्व तक सूतक दोष रहता है। सूतक काल में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य तथा परिवार के सदस्यों के लिए श्रृंगार आदि करना वर्जित कहा गया है।
सूतक लगने के बाद क्या नहीं करना चाहिए?सूतक पातक की अवधि में देव शास्त्र गुरु, पूजन प्राक्षाल, आहार आदि धार्मिक क्रियाएं वर्जित होती है। 8. जिस व्यक्ति या परिवार के घर में सूतक-पातक रहता है, उस व्यक्ति और परिवार के सभी सदस्यों को कोई छूता भी नहीं है। वहां का अन्न-जल भी ग्रहण नहीं करता है।
सूतक का मतलब क्या होता है?जिस प्रकार आज एक संक्रामक रोग के कारण बहुत से व्यक्तियों को एकांतवास (क्वारंटाइन) या पृथकता (आइसोलेशन) में रहना पड़ रहा है, क्योंकि संक्रामक रोग उनसे किसी अन्य व्यक्ति या संपूर्ण समाज में फैल सकता है, ठीक उसी प्रकार हमारे सनातन धर्म में भी इस प्रकार के संभावित संक्रमण को रोकने के लिए जिस व्यवस्था का अनुपालन किया जाना ...
बच्चा होने पर कितने दिन का सूतक होता है?जब किसी परिवार में बच्चे का जन्म होता है तो उस परिवार में सूतक लग जाता है । सूतक की यह अवधि दस दिनों की होती है । इन दस दिनों में घर के परिवार के सदस्य धार्मिक गतिविधियां में भाग नहीं ले सकते हैं। साथ ही बच्चे को जन्म देने वाली स्त्री के लिए रसोईघर में जाना और दूसरे काम करने का भी निषेध रहता है।
|