स्त्री को सुबह उठकर क्या करना चाहिए? - stree ko subah uthakar kya karana chaahie?

अमेरिकन फैशन ब्रांड टॉरी बर्च की फाउंडर और 70 अरब रुपए के नेट वर्थ वाली बिजनेस वुमेन टॉरी बर्च ने एक बार एक बिजनेस मैगजीन को दिए इंटरव्‍यू में कहा था, “किस्‍मत नहीं, आपकी सोच और आदतें आपको सफल बनाती हैं.” उस इंटरव्‍यू में अपने मॉर्निंग रूटीन का जिक्र करते हुए टॉरी ने कहा, “एक चीज है, जो मैं हमेशा करती हूं. चाहे घर पर रहूं, यात्रा में या दुनिया के किसी भी कोने में. और वो है सुबह जल्‍दी उठना. मेरा पूरा दिन खराब हो जाएगा, अगर मेरे दिन की शुरुआत सूरज उगने से पहले न हो.”

मॉर्निंग रूटीन, सुबह उठकर करने वाले 10 काम, जैसी बातें यूं तो सुनने में बहुत क्‍लीशे लगती हैं, लेकिन सच तो ये है कि ये मामूली सी जान पड़ने वाली बातें और आदतें ही जीवन की सबसे बेशकीमती बातें हैं. यूं समझ लीजिए कि यही वो बुनियाद है, जिस पर एक लंबे, स्‍वस्‍थ और सफल जीवन की बुनियाद खड़ी होती है.

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने एक बार अपने देश की 10 सफल औरतों का मॉर्निंग रूटीन छापा था. उन दसों महिलाओं के रूटीन का सार ये 10 बातें हैं, जो हम आपको नीचे बता रहे हैं. ये सिर्फ उन महिलाओं का नहीं, बल्कि दुनिया की हर सफल स्‍त्री का रूटीन है, जो उन सभी को फॉलो करना चाहिए, जो एक स्‍वस्‍थ और सफल जीवन जीने की चाह रखती हैं.

1. दिन की शुरुआत सूरज उगने के साथ यानी सुबह जल्‍दी उठना

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स के उस फीचर में सभी 10 सफल महिलाओं ने कहा कि उनके दिन की शुरुआत सुबह जल्‍दी उठने के साथ होती है. सुबह जल्‍दी उठने का अर्थ है एक हेल्‍दी रूटीन को फॉलो करने, पूरे दिन की प्‍लानिंग करने और उस दिन के जरूरी काम निपटाने के लिए आपको भरपूर वक्‍त मिल जाता है.

लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं है. बॉडी का नैचुरल क्‍लॉक भी सूर्य, पृथ्‍वी के नैचुरल क्‍लॉक के अनुसार बना हुआ है. यानि प्राकृतिक संरचना में ही मनुष्‍य का शरीर रात में सोने और सूरज की रौशनी के साथ उठने के लिए अभ्‍यस्‍त है. इसके अलावा किसी और रूटीन को फॉलो करना दरअल उस नैचुरल बॉडी क्‍लॉक के विरुद्ध जाना है. सुबह जल्‍दी उठने के फायदे और नुकसान, दोनों ही शरीर की सेहत के रूप में दिखाई देते हैं. 

2. पॉजिटिविटी और कृतज्ञता के साथ दिन की शुरुआत

सुबह उठते ही आपके मन में पहला ख्‍याल क्‍या आता है. दुख, थकन, निराशा का या उम्‍मीद, खुशी, सकारात्‍मकता और कृतज्ञता का. इस बात से बहुत फर्क पड़ता है कि आप किस भावना के साथ अपने दिन की शुरुआत करते हैं. यह सिर्फ सोच का नहीं, बल्कि प्रैक्टिस का मसला भी है. कृतज्ञता को अपने रोजमर्रा के जीवन व्‍यवहार में उतारना होता है.

रोज सुबह उठकर जीवन की हर उस चीज के प्रति एक बार कृतज्ञ हों, जिसके होने से जीवन सुंदर है.

3. दिन की शुरुआत तीन गिलास पानी के साथ

टॉरी बर्च अपने इंटरव्‍यू में कहती हैं कि उनके दिन की शुरुआत दो गिलास गुनगुने पानी के साथ होती है. हमारा शरीर 75 फीसदी पानी है. इसलिए इस शरीर की सामान्‍य गतिविधि को भी सुचारू बनाए रखने के लिए उसका हाइड्रेट रहना जरूरी है. सोते समय हम पानी नहीं पीते. आठ घंटे की नींद काफी लंबा समय होता है, जब शरीर को बाहर से कोई हाइड्रेशन नहीं मिल रहा होता. सुबह के समय अकसर शरीर डीहाइड्रेट रहता है. इसलिए पानी की उस कमी को पूरा करने का आदर्श तरीका यह है कि सुबह की शुरुआत तीन से चार गिलास गुनगुने पानी के साथ की जाए.

4. एक्‍सरसाइज

सैकड़ों वैज्ञानिक शोधों और रिसर्च से यह प्रूव हो चुका है कि किसी भी किस्‍म का शारीरिक व्‍यायाम या एक्‍सरसाइज हमारे शरीर की बुनियादी जरूरत है. बिलकुल भोजन और पानी की तरह. इसलिए वॉकिंग, साइक्लिंग या योग यानी किसी भी किस्‍म की फिजिकल एक्‍सरसाइज आपके मॉर्निंग रूटीन का हिस्‍सा होनी चाहिए.

5. 20 मिनट का मेडिटेशन या ध्‍यान

केट पेरी और ओपरा विनफ्रे नियमित रूप से मेडिटेशन करती हैं. ओपरा कहती हैं कि मेडिटेशन उन्‍हें काम में एकाग्र होने, अनुशासित रहने में मदद करता है. इससे ध्‍यान नहीं भटकता और मन, दिमाग और शरीर के बीच एक संतुलन कायम होता है. मेडिटेशन कोई धार्मिक गतिविधि नहीं है. यह एक तरह से अपने मन-मस्तिष्‍क और चित्‍त को एक जगह एकाग्र करने का अनुशासन है. बिल गेट्स और स्‍टीव जॉब्‍स भी सार्वजनिक रूप से मेडिटेशन की काफी वकालत करते रहे हैं.  

6. अपना बिस्‍तर खुद लगाएं

हो सकता है, आपके घर में आपका काम करने के लिए हेल्‍प हों, लेकिन फिर भी यदि आप सोकर उठने के बाद अपना बेड खुद लगाएं तो बेहतर है. वॉरेन बफेट रोज सुबह उठकर अपना बिस्‍तर खुद लगाते हैं. इसे वो अपने दिन के सबसे जरूरी कामों में से एक मानते हैं. 

7. लो कार्ब, रिच प्रोटीन ब्रेकफास्‍ट

यदि आप पूरे दिन अपने दिमाग को एलर्ट रखना चाहते हैं तो कोशिश करें कि दिन का पहला मील यानि आपका ब्रेकफास्‍ट हाई प्रोटीन और लो कार्ब हो. यह कहना है डॉ. मार्क हाइमन का. डॉ. हाइमन कार्ब और शुगर से दूर रहने के बहुत सारे वैज्ञानिक कारण बताते हैं और कीटो डाइट की सलाह देते हैं. उनका कहना है कि यदि आप पूरी तरह कार्ब से परहेज नहीं भी कर सकते तो कोशिश करें कि आपके दिन का पहला मील कार्ब फ्री हो.

8. पॉडकास्‍ट सुनें

जरूरी नहीं कि यह आपके रूटीन का हिस्‍सा हो ही. होमलैंड फेम अमेरिकन एक्‍टर मेंडी पेटिनकन कहते हैं कि सुबह-सुबह रोजमर्रा के जरूरी काम निपटाते हुए मैं अकसर पॉडकास्‍ट सुनता हूं. एक तरफ पॉडकास्‍ट चलता रहता है और दूसरी तरफ मेरा काम चलता रहता है.

आज की भागमभाग भरी जिंदगी में हर तरह के शौक पूरे करने के लिए अलग से वक्‍त निकालना मुश्किल है. सुबह जब आप दिन की जरूरी तैयारियां कर रहे हों तो बैकग्राउंड में अपना कोई फेवरेट पॉडकास्‍ट सुन सकते हैं.

9. दिन की प्‍लानिंग करें

सफल लोगों के पास भी दिन के वही 24 घंटे होते हैं, जो आपके पास हैं. फिर ऐसा कैसे होता है कि कुछ लोग उस 24 घंटे में बहुत सारा काम कर लेते हैं और कुछ लोगों की पूरे दिन की प्रोडक्टिविटी शून्‍य होती है. फर्क है प्‍लानिंग का. दिनभर के कामों की एक सूची सुबह ही बना लेनी चाहिए और दिन को उसी हिसाब से प्‍लान करना चाहिए. इससे आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी.

10. अगले दिन की तैयारी एक रात पहले ही

सुबह के रूटीन को सस्‍टेनेबल बनाने के लिए जरूरी है कि उस रूटीन की तैयारी एक रात पहले से कर ली गई हो. सुबह फ्रेश तभी होती है, जब आपकी रात की नींद सुकून भरी रही हो. तो समय पर उठने के लिए समय पर सोएं और सुबह के कामों की लिस्‍ट और तैयारी एक रात पहले से करके रखें.

सुबह सुबह किसका चेहरा नहीं देखना चाहिए?

सुबह उठते ही किसका चेहरा देखें ऐसी मान्यता है कि आंख खुलते ही किसी व्यक्ति का चेहरा देखने से बचना चाहिए। दिन की शुरुआत के साथ सबसे पहले अपने ईष्ट देवता का ध्यान करें और उनके ही दर्शन करने चाहिए

सुबह सबसे पहले कौन देखता है?

अनिरुद्ध जोशी सुबह आंखें खुलने के पहले व्यक्ति जाग जाता है। जागने के बाद आंखें खोलता है और आंखें खोलते ही मस्तिष्क भी धीरे-धीरे जागने लगता है। यह समझना जरूरी है कि जिस तरह सूर्योदय के पहले उजाला होने लगता है और फिर बाद में सूर्य दिखाई देता है, ठीक उसी तरह व्यक्ति को पूर्ण चैतन्य होने में वक्त लगता है।

स्त्री को सुबह कितने बजे उठना चाहिए?

आइए जानते हैं इनके बारे में. सुबह जल्दी उठें- आयुर्वेद में ब्रह्म मुहूर्त में उठने की सलाह दी गई है यानी कि सूर्योदय के 2 घंटे पहले. इसका कारण ये है कि दिन की शुरुआत करने से पहले अपनी शरीर की सफाई और इस पर ध्यान देने के लिए पर्याप्त समय होता है.

सुबह सुबह कौन से भगवान का नाम लेना चाहिए?

सुबह उठकर भगवान का नाम लेना चाहिए यह हम सभी जानते हैं। लेकिन एक रामचरित मानस के अंश सुंदरकांड में स्वयं भगवान हनुमान का एक कथन है, जिसमें वह कहते हैं कि सुबह उठते ही उनका नाम नहीं लेना चाहिए। तुलसीदासजी हनुमानजी के कथन में लिखते हैं – 'प्रात: लेइ जो नाम हमारा। तेहि दिन ताहि न मिलै अहारा।।

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