शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। मान्यता है कि व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर ही शनिदेव फल देते हैं। यदि व्यक्ति शुभ कर्म करता है तो उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है अन्यथा उसे तमाम तरह के कष्ट भोगने पड़ते हैं। यही वजह है कि लोग शनि देव की उपासना से डरते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सही विधि से
शनि देव की पूजा की जाए तो वह अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं और शुभ फल देते हैं।
मंत्रोंच्चार से होते हैं शनि प्रसन्न
यदि कोई व्यक्ति बार-बार दुर्घटना का शिकार हो रहा हो तो उसे शनि देव को प्रसन्न करने के लिए मंत्रोच्चारण करना चाहिए। इसके लिए शनिवार को ‘ऊं शं अभयहस्ताय नम:’ मंत्र का जप करना चाहिए। साथ ही शनि देव को प्रार्थना करनी चाहिए कि वह सभी दोषों को माफ करके प्रसन्न हों और अपनी कृपादृष्टि हमेशा ही बनाए रखें।
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सरसों के तेल का दीपक
अगर आपकी नौकरी में तमाम तरह की समस्याएं आ रही हों तो शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं। ध्यान रखें कि दीपक के लिए सरसों के तेल का प्रयोग करें। दीपकों की संख्या 9 होनी चाहिए। ऐसा 9 शनिवार तक करें। साथ ही शनि देव से प्रार्थना करें कि वह आपको नौकरी में उन्नति दें।
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निराश्रितों और दिव्यांगों को दान करें
शनि देव निराश्रितों और दिव्यांगो को दान करने से अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इसलिए किसी भी तरह की समस्या के निदान के लिए प्रत्येक शनिवार को निराश्रितों और दिव्यांगों को जरूरी वस्तुओं का दान करें। इसके बाद शनि देव से अपने कष्टों को समाप्त करने की प्रार्थना करें।
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