शरीर की स्वच्छता पर ध्यान दिया जाए, तो कई समस्याओं को दूर रखा जा सकता है। ऐसे ही एक समस्या फोड़े-फुंसी की भी है, जो परेशानी का सबब बन सकती है। फोड़े-फुंसी कई प्रकार के हो सकते हैं और उसका प्रभाव उसके आकार के आधार पर हो सकता है। बेशक, फोड़े-फुंसी की समस्या को कुछ हद तक घरेलू उपचार की मदद से ठीक किया जा सकता है, लेकिन गंभीर अवस्था में डॉक्टर इलाज भी जरूरी है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम फोड़े फुंसी के कारण व फोड़े फुंसी के लक्षण के साथ ही फोड़े फुंसी के घरेलू उपाय पर भी विशेष जानकारी देंगे। Show
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि फोड़े-फुंसी की परिभाषा क्या है। विषय सूची
फोड़े-फुंसी क्या है? – What are Abscess in Hindiफोड़े-फुंसी शरीर के किसी भी भाग में हो सकते हैं। इनके होने के पीछे मुख्य कारण संक्रमण है। ये एक प्रकार के मोटे दाने हैं, जिनमें मवाद भरा होता है। जब शरीर का कोई हिस्सा संक्रमित होता है, तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उस संक्रमण से लड़ने का काम करती है। इस प्रक्रिया के दौरान श्वेत रक्त कोशिकाएं संक्रमित भाग में पहुंच कर क्षतिग्रस्त टिशू के भीतर इकट्ठा हो जाती हैं। इस कारण सूजन हो जाती है। इस क्रिया के समय मवाद बनाना शुरू होता है। मवाद जीवित और मृत सफेद रक्त कोशिका, रोगाणु और टिशू का मिश्रण होता है (1)। चलिए, अब फोड़े-फुंसी के प्रकार के बारे में जानते हैं। फोड़े-फुंसी के प्रकार – Types of Abscess in Hindiफोड़े-फुंसी के प्रकार को इसके होने वाले स्थान के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है (2) ।
चलिए, अब फोड़े-फुंसी के कारण और जोखिम कारक के बारे में जान लेते हैं। फोड़े फुंसी के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Abscess in Hindiफोड़े-फुंसी होने के पीछे मुख्य कारण व जोखिम कारक निम्न प्रकार से हैं (2):
आर्टिकल में हम आगे फोड़े-फुंसी के लक्षणों के बारे में पढ़ेंगे। फोड़े-फुंसी के लक्षण – Symptoms of Abscess in Hindiफोड़े-फुंसी के लक्षण उसके प्रकार के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। इसलिए, यहां हम उन प्रमुख लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जो सभी प्रकारों में एक सामान नजर आते हैं (3) (4) (8) (11):
आइए, अब फोड़े फुंसी के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं। फोड़े फुंसी के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Abscess in Hindiफोड़े फुंसी के लिए घरेलू उपाय बताने से पहले हम यह स्पष्ट कर दें कि यह सिर्फ समस्या या उसके लक्षणों को कम कर सकता है। इन्हें इलाज समझने की भूल न करें। परेशानी अगर गंभीर हो तो घरेलू उपाय के साथ डॉक्टरी इलाज भी आवश्यक है। आगे फोड़े फुंसी के घरेलू उपचार कह इस प्रकार हैं: 1. बेकिंग सोडासामग्री:
उपयोग की विधि:
कैसे है लाभदायक:फोड़े-फुंसी से राहत पाने में घरेलू उपचार भी कुछ हद तक मदद कर सकते हैं। उनमें से एक उपचार बेकिंग सोडा हो सकता है। फोड़ा होने के पीछे मुख्य वजह बैक्टीरियल इंफेक्शन है (11)। बेकिंग सोडा में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा के बैक्टीरिया को दूर करने का काम कर सकते हैं (14)। बैक्टीरिया के दूर होने पर इससे होने वाले जोखिम से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध की जरूरत है। [ पढ़े: Baking Soda Benefits in Hindi ] 2. नारियल तेलसामग्री:
उपयोग की विधि:
कैसे है लाभदायक:मुंह में होने वाले फोड़े को दूर करने के लिए नारियल के तेल का उपयोग किया जा सकता है। नारियल तेल एंटीबैक्टीरियल गुण से समृद्ध होता है। साथ ही इसमें एंटीप्लाक गुण भी होता है। इस तेल से ऑयल पुलिंग प्रकिया करने पर पूरे मुंह के बैक्टीरिया को दूर किया जा सकता है। साथ ही दांतों और मसूड़ों की समस्या से भी निजात मिल सकता है। यही वजह है कि फोड़ा के उपचार में नारियल तेल को शामिल किया जा सकता है (15)। Subscribe 3. लौंग का तेलसामग्री:
उपयोग की विधि:
कैसे है लाभदायक:मौखिक स्वास्थ्य और मुंह के फोड़े की बात किया जाएं, तो लौंग के तेल का जिक्र भी जरूरी है। इस तेल के औषधि गुण में सबसे अहम एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव को माना जा सकता है। एंटी-माइक्रोबियल के असर से बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है (16)। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि बैक्टीरिया के कारण भी फोड़े-फुंसी होते हैं। इसलिए, फोड़े फुंसी के घरेलू उपाय में लौंग के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। 4. हल्दीसामग्री:
उपयोग की विधि:
कैसे है लाभदायक:फोड़े का उपचार में वर्षों से हल्दी का उपयोग किया जा रहा है। जैसा कि लेख के शुरुआत में बताया गया है कि फोड़े-फुंसी होने का मुख्य कारण बैक्टीरिया है। वहीं, हल्दी में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया से छुटकारा दिला सकते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो फोड़े के कारण होने वाली सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (17)। फोड़े-फुंसी के मामले में हल्दी पर कम ही शोध हुआ है। इसलिए, यह घरेलू उपचार डॉक्टर की सलाह पर ही इस्तेमाल करें। 5. सेंधा नमकसामग्री:
उपयोग की विधि:
कैसे है लाभदायक:फोड़े-फुंसी को दूर करने में सेंधा नमक मददगार हो सकता है। सेंधा नमक में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो फोड़े-फुंसी के लक्षणों को कुछ कम कर सकता है। इसके अलावा, सूजन, खुजली और मुंहासे की समस्या से भी कुछ हद तक राहत मिल सकती है (18)। इसलिए, फोड़े का उपचार में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जा सकता है। 6. नीमसामग्री:
उपयोग की विधि:
कैसे है लाभदायक:आयुर्वेद में नीम के पत्ते, टहनियों और फल सभी को उपयोगी माना गया है। जानवरों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नीम में एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। उन्हीं समस्याओं में से एक फोड़े-फुंसी भी हैं (19)। 7. मेथी का पेस्टसामग्री:
उपयोग की विधि:
कैसे है लाभदायक:एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की ओर से प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मेथी के पेस्ट का उपयोग करने पर फोड़े की समस्या से कुछ राहत मिल सकती है। मेथी का पेस्ट बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाली समस्या को दूर कर सकता है। वहीं, फोड़े-फुंसी होने का एक कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन भी है। इसके अलावा, मेथी प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिससे कई अन्य शारीरिक समस्याओं से भी बचा जा सकता है (20)। 8. अनार का छिलकासामग्री:
उपयोग की विधि:
कैसे है लाभदायक:कई फल और सब्जियों के छिलके भी उपयोगी साबित होते है। अनार का छिलका भी उन्हीं में से एक है। अनार के छिलके में एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। वहीं, ऊपर हमने जाना कि बैक्टीरिया के कारण फोड़े-फुंसी की समस्या होती है (21)। इसलिए, फोड़े-फुंसी से राहत पाने के लिए अनार के छिलके को उपयोगी माना जा सकता है। यहां दिए गए वैज्ञानिक प्रमाण से यह तो स्पष्ट है कि अनार का छिलका बैक्टीरिया को मारने में सक्षम है, लेकिन यह फोड़े-फुंसियों के मामले में कैसे उपयोगी है, इस संबंध में और वैज्ञानिक अध्ययन किए जाने की जरूरत है। 9. इचिनेशिया हर्बसामग्री:
उपयोग की विधि:
कैसे है लाभदायक:बीमारी होने के पीछे मुख्य कारण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली हो सकती है। वहीं, इचिनेशिया हर्ब से प्रतिरक्षा प्रणाली के मजबूत करने में मदद मिल सकती है, जिससे संक्रमण को होने से रोकने में मदद मिल सकती है। इस प्रकार प्रतिरक्षा प्रणाली के मजबूत होने से फोड़े के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है (23)। अब लेख के इस हिस्से में जानते हैं कि फोड़े-फुंसी जैसी समस्या न हो, उसके लिए क्या किया जाए। फोड़े फुंसी से बचाव – Prevention Tips for Abscess in Hindiफोड़े-फुंसी कोई ऐसी बीमारी नहीं है, जिससे बचा न जा सके। इससे बचने के लिए बस जरूरत है, तो प्रतिदिन कुछ बातों को ध्यान में रखने की। इन उपायों को अपनाकर फोड़े-फुंसी के समस्या से बचा जा सकता है (2):
हमें उम्मीद है कि इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से आप फोड़े-फुंसी जैसी समस्या से हमेशा बचे रहेंगे। वहीं, अगर किसी को यह समस्या है, तो इन घरेलू नुस्खों का उपयोग जरूर करें। साथ ही एक बात जरूर ध्यान में रखें कि ये घरेलू उपचार सिर्फ कुछ लक्षणों को कम कर सकते हैं या फिर समस्या से उबरने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, गंभीर अवस्था में बिना देरी किए डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही अन्य आर्टिक्ल के लिए पढ़ते रहें स्टाइलक्रेज के लेख। SourcesArticles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Check out our editorial policy for further details.
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