श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने के संबंध में स्थलीय जीवों को जलीय जीवों पर लाभ क्यों होता है? - shvasan ke lie okseejan praapt karane ke sambandh mein sthaleey jeevon ko jaleey jeevon par laabh kyon hota hai?

Q.10: श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव किस प्रकार  लाभप्रद हैं?

उत्तर : जलीय जीव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का श्वसन के लिए उपयोग करते हैं। जल में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में बहुत कम है। इसलिए जलीय जीवों के श्वसन की दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा अधिक तेज़ होती है। मछलियां अपने मुंह के द्वारा जल लेती हैं और बल-पूर्वक इसे क्लोम तक पहुंचाती हैं। वहां जल में घुली हुई ऑक्सीजन को रुधिर प्राप्त कर लेता है।

श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने के संबंध में एक जलीय जीव पर एक स्थलीय जीव को क्या लाभ होता है?

उन जीवों में साँस लेने के लिए फुफ्फुस (फेफड़े) होते हैं, जिनकी क्षमता क्लोम की अपेक्षा बहुत अधिक होती है। इसलिए स्थलीय जीवों को ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा मिलती रहती है।

जलीय जीवों की श्वास दर स्थलीय जीवों से अधिक क्यों होती है?

Solution : क्योंकि जल में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। ऑक्सीजन की उपयुक्त मात्रा प्राप्त करने के लिए उनमें श्वसन की दर अधिक होती है

जलीय जंतुओं में सांस लेने की दर स्थलीय जंतुओं की तुलना में बहुत तेज क्यों होती है?

Solution : वायु में ऑक्सीजन की मात्रा जल में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा से अधिक होती है। अतः ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए जलीय जंतुओं को तेज दर से साँस लेना पड़ता है। वायु में पर्याप्त ऑक्सीजन होने के कारण स्थलीय जंतुओं को तेजी से साँस लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

जलीय जीव जंतुओं को पानी में घुली हुई ऑक्सीजन क्यों आवश्यक है?

Solution : जीवित जानवरों तथा जलीय तंत्र में उपस्थित पौधे के लिए घुलित ऑक्सीजन आवश्यक होती है । <br> व्यर्थ पदार्थ जैसे पालतू जानवरों का ( मल - मूल ) उद्योगों तथा जैव - निम्नीकृत कार्बनिक यौगिकों ऑक्सीजन डिमांड व्यर्थ होते हैं । ये बैक्टीरिया द्वारा विघटित हो जाते हैं । अत : पानी में ऑक्सीजन कम हो जाती है ।