तू हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा इंसान की औलाद है इंसान बनेगा - too hindoo banega na musalamaan banega insaan kee aulaad hai insaan banega

तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा

तू हिन्दू बनेगा मुसलमान बनेगा

इंसान की औलाद है इंसान बनेगा

अच्छा है अभी तक तेरा कुछ नाम नहीं है

तुझ को किसी मज़हब से कोई काम नहीं है

जिस इल्म ने इंसानों को तक़्सीम किया है

इस इल्म का तुझ पर कोई इल्ज़ाम नहीं है

तू बदले हुए वक़्त की पहचान बनेगा

इंसान की औलाद है इंसान बनेगा

मालिक ने हर इंसान को इंसान बनाया

हम ने इसे हिन्दू या मुसलमान बनाया

क़ुदरत ने तो बख़्शी थी हमें एक ही धरती

हम ने कहीं भारत कहीं ईरान बनाया

जो तोड़ दे हर बंद वो तूफ़ान बनेगा

इंसान की औलाद है इंसान बनेगा

नफ़रत जो सिखाए वो धरम तेरा नहीं है

इंसाँ को जो रौंदे वो क़दम तेरा नहीं है

क़ुरआन हो जिस में वो मंदिर नहीं तेरा

गीता हो जिस में वो हरम तेरा नहीं है

तू अम्न का और सुल्ह का अरमान बनेगा

इंसान की औलाद है इंसान बनेगा

स्रोत :

  • पुस्तक : Kulliyat-e-Sahir Ludhianvi (पृष्ठ 501)
  • रचनाकार : SAHIR LUDHIANVI
  • प्रकाशन : Farid Book Depot (Pvt.) Ltd

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

Don’t remind me again

OKAY

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

Don’t remind me again

OKAY

हमने अपना सारा विवेक हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई बनने में झोंक दिया लेकिन इंसान बनने की कोशिश नहीं की। लेकिन हम धार्मिक भी तो पूरे न हो पाए। जो हो जाते तो इतने झगड़े ही क्यूं होते। हर धर्म की किताब में लिखा है कि अच्छे इंसान बनो, यानी धर्म ने कहा कि धार्मिक होने से पहले इंसान बनो। यही साहिर की इस नज़्म का सार भी है। भाईचारे और शांति का संदेश देती यह नज़्म आप भी ज़रूर पढ़ें। यह 1959 की फ़िल्म 'धूल का फूल' में मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ में सुनाई दी थी। आगे पढ़ें

तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा

2 years ago

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग