| In: 07-29-22 | Health | 2 Minutes Read
इस पोस्ट में हम जानेंगे की TLC Badhne Se Kya Hota Hai और TLC Badh Jaaye to Kya Karen साथ ही जानेंगे टीएलसी बढ़ने का कारण और टीएलसी बढ़ने पर क्या खाना चाहिए.
साथ ही पोस्ट में जानेंगे की टीएलसी कम होने के कारण और टीएलसी बढ़ाने के घरेलु उपाय बताइये. इन सब के बारे में इस पोस्ट में विस्तार से जानेंगे.
Contents
- 1 TLC Ka Full Form
- 2 TLC Full Form in Chemistry
- 3 TLC in Human Body
- 4 TLC Kitna Hona Chahiye
- 5 TLC Me Kya Khana Chahiye
- 6 TLC Ke Lakshan
- 7 TLC Badhne Se Kya Hota Hai
- 8 TLC Badh Jaaye to Kya Karen
- 9 TLC Badhne Par Kya Khana Chahiye
- 10 TLC Badhane Ka Karan
- 11 TLC Badne Ke Nuksan
- 12 TLC Kam Hone Ke Karan
- 13 TLC Badhane Ke Gharelu Upay
- 14 TLC Badhane Ke Upay
- 15 TLC Badhane Ki Medicine
- 16 TLC – FAQs
TLC Ka Full Form
TLC का Full Form Total Leucocyte Counts होता है यह एक प्रकार का Test होता है जो रक्त में उपस्थित WBC- White Blood Cells(श्वेत रक्त कणिकाओ) की संख्या का मूल्यांकन करता है|
TLC Full Form in ChemistryChemistry में TLC का फुल फॉर्म Thin Layer Chromatography होता है| जिसका उपयोग किसी मिश्रण में उपस्थित योगिकों को अलग करने के लिये किया जाता है| यह एक प्रचलित पृथक्करण विधि है|
TLC in Human Body
TLC एक प्रकार का Test होता है जिससे मानव शरीर में उपस्थित श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या का मूल्यांकन किया जाता है| रक्त में श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या सामान्य होना चाहिये न ही कम और न ही ज्यादा क्योकि श्वेत रक्त कणिकाओ की कम या ज्यादा मात्रा हमारे शरीर को नुकसान पहुचाती है| मानव में श्वेत रक्त कणिकाओ की सामान्य संख्या उसकी आयु पर निर्भर करती है|
TLC Kitna Hona Chahiyeमानव शरीर में आयु के अनुसार श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या भिन्न-भिन्न होती है:-
- नवजात शिशु का TLC Count 10000-26000/mm3 तक होना चाहिए।
- अगर बच्चा 1 या 1 वर्ष से कम है तो इस स्थिति में TLC Count 6000-17500 होना चाहिए।
- बच्चे जिनकी उम्र 1 से 6 वर्ष हो उनका TLC Count 5000-17000/mm3 होना चाहिए।
- बच्चे जिनकी उम्र 6 से 12 वर्ष हो उनका TLC Count 4500-14500/mm3 होना चाहिए।
- बच्चे जिनकी उम्र 12 से 18 वर्ष हो उनका TLC Count 4500-13000/mm3 होना चाहिए।
- वयस्क व्यक्ति का TLC Count 4500-10500/mm3 होना चाहिए|
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TLC Me Kya Khana Chahiye
शरीर में TLC की मात्रा को सामान्य रखने के लिए हमे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स युक्त चीज़ों का प्रयोग करना चाहिये| प्रोटीन के लिये अंडे, बादाम, दूध, ओट्स आदि का उपयोग करे| विटामिन सी से युक्त फलों(खट्टे फलों) जैसे- निम्बू , आंवला, संतरा आदि का उपयोग करे|
TLC Ke Lakshanहमारे रक्त में TLC कम भी हो सकता है और ज्यादा भी| रक्त में श्वेत रक्त कणिकाओ(WBC) की कमी या अधिकता को निम्न लक्षणों के आधार पर समझा जा सकता है:-
- कमजोरी एवं बहुत अधिक थकावट होना|
- भूख कम लगना|
- कब्ज या दस्त जैसी स्थिति बनना|
- मल में खून आना|
- तेज बुखार आना|
- त्वचा का सफ़ेद होना|
- चेहरे और पैरों पर सूजन दिखाई देना|
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TLC Badhne Se Kya Hota Hai
हमारे शरीर में TLC का स्तर बढ़ता-घटता रहता है| TLC बढ़ने के निम्न कारण होते है:-
- जब हमारे शरीर के किसी भी भाग/अंग में चोट लग जाए तो इससे शरीर में TLC का स्तर बढ़ जाता है, यह चोट किसी भी प्रकार की हो सकती है- बाहरी या अंदरूनी|
- Pain Killer जैसी दवाइयों के अत्यधिक इस्तेमाल से भी हमारे शरीर में TLC काफी बढ़ जाती है|
- एक महिला जब गर्भावस्था में होती है तो इस स्थिति में भी TLC बढ़ जाती है।
- अगर किसी को सामान्यत: अत्यधिक शारीरिक काम करने की आदत नहीं है और अचानक कभी बहुत ज्यादा काम कर ले या बहुत ज्यादा व्यायाम कर लें तो ऐसी स्थिति में भी शरीर में TLC बढ़ने का खतरा रहता है।
मानव शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या (WBC Count) बढ़ जाने से संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है साथ ही साथ शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य सम्बंधी खतरे बढ़ जाते है। शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या (WBC Count) बढ़ जाने की स्थिति को ल्यूकोपेनिया के नाम से जाना जाता है।
सामान्यतः ल्यूकोपेनिया होने का खतरा उन रोगियों को अधिक होता है जो कीमोथेरेपी से गुजर रहे हैं। शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं के बढ़ने से हमें टाइफाइड, तनाव, एनीमिया, सिरोसिस (cirrhosis), हेपेटाइटिस (hepatitis) और अन्य लिवर सम्बन्धी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है|
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TLC Badh Jaaye to Kya Karen
TLC बढ़ जाने के कारण शरीर को कई समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है| इसलिए शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या न तो ज्यादा होना चाहिये और न ही कम| श्वेत रक्त कणिकाओ की सामान्य संख्या होने पर ही शरीर स्वस्थ रहता है| जब रक्त में श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या बढ़ जाये तो उसे सामान्य करने के लिये निम्न उपाय आजमाएं जा सकते है:-
- फल या सब्जी का सेवन करते समय ध्यान रखें कि उस फल या सब्जी में बहुत अधिक मात्रा में Pesticides का इस्तेमाल ना किया गया हो|
- फल या सब्जी को हमेशा धो कर ही खाएं।
- अगर शरीर के किसी भी भाग में कोई चोट लग जाये और उस चोट से खून बह रहा हो तो ऐसी स्थिति में इसे बिल्कुल नजर अंदाज ना करें| इसके लिए उस चोट के लिये एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करे।
- हम कभी बहुत जल्दी खाना खा लेते हैं तो कभी बहुत देर से खाते हैं जिससे खाने का समय अनिश्चित हो जाता है जो कई बीमारियों को निमंत्रण देता है| इसलिये खाना समय पर ही खाये|
- ऐसे काम करे जिनसे तनाव कम हो| ज्यादा से ज्यादा काम में व्यस्त रहे और खुश रहने की कोशिश करे|
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शरीर में TLC मात्रा बढ़ने पर उसे सामान्य करना जरुरी हो जाता है अगर ऐसा नही किया जाता तो शरीर को कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है| शरीर में TLC की मात्रा को सामान्य रखने के लिए हमे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स युक्त चीज़ों का प्रयोग करना चाहिये|
प्रोटीन के लिये अंडे, बादाम, दूध, ओट्स आदि का उपयोग करे| विटामिन सी से युक्त फलों(खट्टे फलों) जैसे- निम्बू , आंवला, संतरा आदि का उपयोग करे|
TLC Badhane Ka KaranTLC बढ़ने के निम्न कारण होते है :-
- जब हमारे शरीर के किसी भी भाग/अंग में चोट लग जाए तो इससे शरीर में TLC का स्तर बढ़ जाता है, यह चोट किसी भी प्रकार की हो सकती है- बाहरी या अंदरूनी|
- Pain Killer जैसी दवाइयों के अत्यधिक इस्तेमाल से भी हमारे शरीर में TLC काफी बढ़ जाती है|
- एक महिला जब गर्भावस्था में होती है तो इस स्थिति में भी TLC बढ़ जाती है।
- अगर किसी को सामान्यतः अत्यधिक शारीरिक काम करने की आदत नहीं है और अचानक कभी बहुत ज्यादा काम कर ले या बहुत ज्यादा व्यायाम कर लें तो इससे भी शरीर में TLC बढ़ने का खतरा रहता है।
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TLC Badne Ke Nuksan
मानव शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या (WBC Count) बढ़ जाने से संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है साथ ही साथ शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य सम्बंधी खतरे बढ़ जाते है। शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या (WBC Count) बढ़ जाने की स्थिति को ल्यूकोपेनिया के नाम से जाना जाता है।
सामान्यतः ल्यूकोपेनिया होने का खतरा उन रोगियों को अधिक होता है जो कीमोथेरेपी से गुजर रहे हैं। शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओ के बढ़ने से हमें टाइफाइड, तनाव, एनीमिया, सिरोसिस (cirrhosis), हेपेटाइटिस (hepatitis) और अन्य लिवर सम्बन्धी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है|
TLC Kam Hone Ke Karanजब शरीर एनीमिया, लेकेमिनिया, सारकोइडोसिस, कीमोथेरेपी, कुपोषण, विटामिन की कमी जैसी बीमारियो से ग्रसित होता है तो इससे हमारे शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या कम हो जाती है| इसके अतिरिक्त वायरल संक्रमण जो अस्थि-मज्जा को अस्थायी रूप से बाधित करते है, श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या कम करने का कारण होता है| कुछ एंटीबायोटिक्स जैसी दवाइयां भी श्वेत रक्त कणिकाओ(WBC) को नष्ट कर देती है जिनसे उनकी संख्या में कमी आ जाती है|
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TLC की मात्रा को बढ़ाने के कई घरेलू उपाय किये जा सकते है:-
शिमला मिर्च से: श्वेत रक्त कणिकाओ को बढ़ाने के लिये शिमला मिर्च का उपयोग किया जाता है| यह विटामिन सी और बीटा कैरोटीन का मुख्य स्त्रोत है| विटामिन सी और कैरोटीन दोनों आँखों और त्वचा के लिये लाभकारी होते है|
पालक से: पालक में विटामिन सी, एंटीओक्सिडेंट और बीटा कैरोटीन की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है| इसका सेवन करने से हमारा शरीर हानिकारक जीवाणुओं से लड़ने के लिये मजबूत बनता है|
बादाम से: बादाम में विटामिन इ, प्रोटीन, फाइबर प्रचुर मात्रा में होती है| यह कई रोगों से शरीर को सुरक्षा प्रदान करता है| साथ ही साथ बादाम शरीर में कोलेस्ट्रोल के स्तर को सही बनाये रखने में मदद करता है|
लहसुन से: लहसुन से कई रक्त सम्बधी विकारों को दूर किया जा सकता है| इसके अतिरिक्त लहसुन मौसम परिवर्तन से होने वाले संक्रमणों से भी बचाता है| लहसुन का उपयोग करने से श्वेत रक्त कणिकाओ में तेजी से बढोत्तरी होती है|
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TLC Badhane Ke Upay
रक्त में श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या बढ़ाने के लिये निम्न उपाय आजमायें जा सकते है:-
- अधिक Pesticides युक्त फल या सब्जी का सेवन न करे|
- फल या सब्जी को हमेशा धो कर ही खाएं।
- प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स युक्त पदार्थो का सेवन करे|
- अगर शरीर के किसी भी भाग में कोई चोट लग जाये और उस चोट से खून बह रहा हो तो ऐसी स्थिति में उस चोट के लिये एंटीबायोटिक लेनी चाहिए।
- खाना समय पर ही खाये|
- तनाव से बचे|
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जब रक्त में TLC की मात्रा कम हो जाये तो जांच के बाद उपयुक्त एंटीबायोटिक से इसे ठीक किया जा सकता है। रक्त में श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ Drugs का इस्तेमाल किया जाता है- allopurinol, aspirin, chloroform, heparin, quinine, corticosteroids, triamterene etc.|
इसके अतिरिक्त विटामिन सी से युक्त पदार्थो(सामान्यतः खट्टे पदार्थो में विटामिन सी भरपूर होता है) का उपयोग करके भी शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओ की संख्या को बढाया जा सकता है|
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TLC in Medical Term
TLC का Full Form Total Leucocyte Counts होता है| यह एक प्रकार का Test होता है जो रक्त में उपस्थित Leucocytes की संख्या का मूल्यांकन करता है| Leucocytes सफ़ेद रंग की रक्त कोशिकाएं होती है जो हमारे शरीर को इन्फेक्शन और बीमारियों से बचाती है| TLC test से यह पता लगाया जाता है कि हमारा शरीर बीमारियों से लड़ने के लिये कितना योग्य है|
TLC Blood Test Normal Range
आयु के आधार पर WBC की Range अलग-अलग होती है:-
नवजात शिशु का TLC Count: 10000-26000/mm3
अगर बच्चा 1 या 1 वर्ष से कम है तो TLC Count: 6000-17500
बच्चे जिनकी उम्र 1 से 6 वर्ष हो उनका TLC Count: 5000-17000/mm3
बच्चे जिनकी उम्र 6 से 12 वर्ष हो उनका TLC Count: 4500-14500/mm3
बच्चे जिनकी उम्र 12 से 18 वर्ष हो उनका TLC Count: 4500-13000/mm3
वयस्क व्यक्ति का TLC Count:
4500-10500/mm3
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