तुलसी की माला कब पहने चाहिए? - tulasee kee maala kab pahane chaahie?

तुलसी में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं जो बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है. क्या आप जानते हैं तुलसी के पौधे की तरह माला भी बेहद शुभ होता है. लेकिन इस धारण करने से पहले जान लें इसके नियम.

हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा बेहद महत्वपूर्ण होता है. शास्त्रों में तुलसी के पौधे को सबसे शुद्ध माना गया है इसलिए इसे बासी होने के बाद भी पूजा में इस्तेमाल किया जाता है. कहते हैं तुलसी भगवान विष्णु की बहुत प्रिय होती है. उनकी पूजा के प्रसाद में तुलसी का अर्पण करना अनिवार्य माना गया है. इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. ज्यादातर घरों में तुलसी का पौधा लगाया जाता है. मान्यता है कि तुलसी का पौधा लगाने से घर में सुख- समृद्धि आती है.

तुलसी में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं जो बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है. क्या आप जानते हैं तुलसी के पौधे की तरह माला भी बेहद शुभ होता है. लेकिन इस धारण करने से पहले जान लें इसके नियम. आइए जानते हैं तुलसी की माला से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में.

तुलसी माला पहनने के नियम

1. तुलसी की माला को पहनने से पहले गंगाजल से धो लेना चाहिए और सूखने के बाद धारण करना चाहिए.

2. इस माला को धारण करने वाले लोग रोजाना जाप करना होता हैं. इससे भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती हैं.

3. तुलसी माला पहनने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन करना चाहिए. इसका मतलब है कि खाने में लहसुन, प्याज, मांस- मछली आदि चीजों का सेवन करना निषेध होता है.

4. किसी भी स्थिति परिस्थिति में तुलसी की माला को शरीर से अलग नहीं करना चाहिए

भगवान विष्णु और कृष्ण के भक्त तुलसी की माला धारण करते हैं. मान्यता है कि इस माला को पहनने से आपक मन शांत रहता और आत्म पवित्र होती है. कहते हैं कि इस माला को पहनने से रोगों से छुटकारा मिलता है. शास्त्रों के अलावा ज्योतिष शास्त्र में भी तुलसी माला को महत्वपूर्ण माना गया है. इस माला को धारण करने से बुध और गुरू ग्रह मजबूत होते हैं. तुलसी की माला पहने से किसी भी प्रकार के वास्तुदोष से छुटकारा मिल जाता है

विष्णु भक्तों के लिए तुलसी माला महत्वपूर्ण क्यों

पौराणिक कथा के अनुसार तुलसी को वरदान है कि भगवान विष्णु केवल तुलसी के पत्तों को अर्पण वाली चीजों का प्रसाद ग्रहण करते हैं. उसी तरह जिन लोगों ने तुलसी माला घारण किया होता है भगवान विष्णु उस व्यक्ति को अपनी शरण में ले लेते हैं. तुलसी की कंठी माला धारण करने से व्यक्ति को वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है.

कैसे करें पहचान

सही तुलसी माला की पहचान करने के लिए करीब आधे घंटे तक माला को पानी में रख दें. अगर वो रंग छोड़ने लगें तो समझ लेना कि वह नकली  माला है.

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तुलसी की माला कब पहनना चाहिए?

तुलसी की माला किस दिन पहने? ( Tulsi ki Mala kis din pahne? ) तुलसी की माला दो प्रकार की होती हैं – रामा तुलसी और श्यामा तुलसी। दोनों ही तुलसी की माला को धारण करने के लिए शुभ दिन सोमवार, बुधवार और बृहस्पतिवार माना गया है।

तुलसी की माला कब और कैसे पहने?

तुलसी की माला को पहनने से पहले गंगाजल से धो लेना चाहिए और सूखने के बाद धारण करना चाहिए..
इस माला को धारण करने वाले लोग रोजाना जाप करना होता हैं. इससे भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती हैं..
तुलसी माला पहनने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन करना चाहिए. ... .
किसी भी स्थिति परिस्थिति में तुलसी की माला को शरीर से अलग नहीं करना चाहिए.

तुलसी की माला पहनने के क्या नियम है?

तुलसी की माला को पहनने से पहले अच्छी तरह से गंगाजल से धो लें। इसके बाद सूख जाने के बाद ही पहनना चाहिए। माना जाता है कि तुलसी की माला हाथों से बनाकर पहनना काफी लाभकारी होता है। जो जातक तुलसी की माला को धारण करते हैं उन्हें रोजाना भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

गले में तुलसी की माला पहनने से क्या होता है?

- तुलसी की माला पहनने से मन शांत और आत्मा पवित्र होती है. - यह माला पहनने से शरीर निर्मल होता है, जीवनशक्ति बढ़ती है. व्यक्ति को पाचन शक्ति, बुखार, जुकाम, सिरदर्द, स्किन इंफेक्शन, दिमाग की बीमारियों और गैस से संबंधित कई बीमारियों (Disease) में राहत मिलती है. यह संक्रमण से होने वाली बीमारियों से भी बचाती है.