तेनसिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या किया? - tenasing ne lekhika kee taareef mein kya kiya?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
 तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या कहा?


तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ में कहा कि वह एक पक्की पर्वतीय लड़की है। उसे तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए कठिन रोमांचक कार्य करना उनका शौक था। ऐसा लगता था कि जैसे पर्वतीय स्थानों की जानकारी उन्हें पहले से ही हो। यद्यपि एवरेस्ट का उनका पहला अभियान था। तेनजिंग का उनके कंधे पर हाथ रखकर प्रोत्साहन देना उन्हें अच्छा लगा

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(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए


एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल सात कैंप लगाए गए थे।
1. बेसकैंप यह कैंप काठमांडू के शेरपालैंड में लगाया गया। पर्वतीय दल के नेता कर्नल खुल्लर यहीं रहकर एक-एक गतिविधि का संचालन कर रहे थे। उपनेता प्रेमचंद ने भी हिमपात संबंधी सभी कठिनाईयों का परिचय यही दिया।
2. कैंप एक: यह हिमपात से 6000 मीटर की ऊँचाई पर था। यहाँ हिमपात से सामान उठाकर कैंप तक लाये जाने का अभ्यास किया गया।
3. कैंप दो: 16 मई प्रात: सभी लोग इस कैंप पर पहुँचे। जिस शेरपा की टाँग टूट गई उसे स्ट्रेचर पर लिटाया गया।
4. कैंप तीन: यह ल्होत्से पहाड़ियों के गन में स्थित था। यहाँ नाइलॉन के बने तंबू में लेखिका और उसके सभी साथी सोए हुए थे। इसमें 10 व्यक्ति थे रात 12.50 बजे एक हिमखंड उन पर आ गिरा।
5. कैंप चार: यह समुंदर के 7900 मीटर ऊपर था। यहीं से साउथ कैंप और शिखर कैंप के लिए चढ़ाई की गई। यह 29 अप्रैल 1984 को अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा ने लगाया था।
6. साउथ पोल कैंप: यहीं से अंतिम दिन की चढ़ाई शुरू हुई।
7. शिखर कैंप: यह पर्वत की सर्वोत्तम चोटी से ठीक नीचे स्थित है। इस कैंप में लेखिका और अंगदोरजी केवल दो घंटे में पहुँच गया। चोटी पर पहुँचने से पहले यहीं आराम करके चाय पी ली।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?


एवरेस्ट की तरफ गौर से देखते हुए लेखिका को एक भारी बर्फ़ का फूल दिखा जो पर्वत शिखर पर लहराता एक ध्वज-सा लग रहा था।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?


अग्रिम दल का नेतृत्व उपनेता प्रेमचन्द कर रहे थे।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा?


सागरमाथा शब्द से तात्पर्य है ‘सागर के माथे के समान’ तथा एवरेस्ट को सागरमाथा के नाम से जाना जाता है। यह एक स्थानीय नाम था। इसलिए लेखिका को यह नाम पसंद आया। एवरेस्ट को नेपाली भाषा में सागरमाथा नाम से जाना जाता है।

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इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का सदंर्भ देकर कीजिए:
निहारा है, धसकना, खिसकना, सागरमाथा, जायज़ा लेना, नौसिखिया


निहारा है-प्रसन्नतापूर्वक देखा है।
लेखिका ने नमचे बाज़ार में पहुँचकर सबसे पहले एवरेस्ट को देखा था वह उसे देखते ही उसके सौंदर्य पर मुग्ध हो गई। इसलिए लेखिका इसे मात्र देखा न कहकर ‘निहारा’ करती है।
धसकना-नीचे को धँसना।
जब धरती का कुछ हिस्सा नीचे की ओर दब जाता है उसे धसकना कहते हैं।
खिसकना-अपनी जगह से हटकर परे चले जाना।
हिमपात से बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्‌टानें खिसक जाती हैं।
सागरमाथा-संसार का सबसे ऊँचा स्थान।
जिस स्थान ने बचेंद्री पाल ने हिमालय की चढ़ाई आरंभ की, वह स्थान समुद्र तल का सर्वोच्च स्थान है। इसलिए उसे सागरमाथा ठीक ही कहा गया है।
नौसिखिया-अनजान।
तेनजिंग के सामने बचेंद्री पाल ने स्वयं को नौसिखिया पर्वतारोही कहा।

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Q.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए

मनुष्य के जीवन में पोशाक का क्या महत्व है?

Q.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए

पास-पड़ोस की दुकानों से पूछने पर लेखक को क्या पता चला?

Q.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए

लेखक ने बुढ़िया के दु:ख का अंदाज़ा कैसे लगाया?

Q.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर(50-60 शब्दों में) लिखिए

हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?

Q.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए

महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधीजी क्या कहते थे?

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तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ में क्या कहा था?

तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में कहा कि वह एक पर्वतीय लड़की है। उसे तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए। अर्थात् वे लेखिका की सफलता चाहते थे और उन्हें पूरी आशा थी कि वे सफल होंगी।

3 तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या कहा 4 लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी?

मीनू मेहता ने हमें अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुलों का बनाना, लट्ठों और रस्सियों का उपयोग, बर्फ़ की आड़ी-तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधना और हमारे अग्रिम दल के अभियांत्रिकी कार्यों के बारे में हमें विस्तृत जानकारी दी। तीसरा दिन हिमपात से कैंप - एक तक सामान ढोकर चढ़ाई का अभ्यास करने के लिए निश्चित था।

कौन सी जानकारी ने लेखिका को भयभीत कर दिया?

धसकना - नीचे धँस जाना - एवरेस्ट अभियान में लेखिका ने देखा था कि खुंभु हिमपात पर जाने वाले अभियान - दल के रास्ते के बाईं तरफ़ सीधी पहाड़ी धसक गई है। खिसकना - हटना - ल्होत्से की ओर से एक बहुत बड़ी बर्फ़ की चट्टान नीचे खिसक आई थी। सागरमाथा-सागर का माथा / मस्तक - एवरेस्ट की चोटी को नेपाली लोग सागरमाथा कहते हैं ।

लेखिका को सागर माथा नाम क्यों अच्छा लगा?

लेखिका को सागरमाथा नाम अच्छा लगा क्योंकि सागर के पैर नदियाँ हैं तो सबसे ऊँची चोटी उसका माथा है और यह एक फूल की तरह दिखाई देता है, जैसे माथा हो। इसलिए यह नाम लेखिका को अच्छा लगा