ट्रेन के ड्राइवर को हिंदी में क्या कहते हैं? - tren ke draivar ko hindee mein kya kahate hain?

इस पोस्ट मे हम जानेंगे Why train driver called a locopilot?

दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता होगा पायलट शब्द हवाई जहाज के चालक से संबंधित होता है फिर ट्रेन के ड्राइवर मे पायलट शब्द कहाँ से आया यह सवाल लगभग सभी के दिमाग मे आता होगा

तो चलिए जानते है इसके पीछे छूपे कारण को –

ट्रेन के ड्राइवर मे लोकोपायलट शब्द कैसे आया?

दोस्तों आप सभी को पता ही होगा ट्रेन का मतलब है रेलगाड़ी और किसी भी गाड़ी को चलाने वाले को ड्राइवर कहा जाता है इसीलिए सन 1999 के पहले तक ट्रेन के चालक को भी ड्राइवर ही कहा जाता था

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जिसे लोग बोल चाल कि भाषा मे ड्राइवर साहब कहते थे जहां पर साहब उनके लिए अतिरिक्त सम्मान होता था उस टाइम तक इनकी भर्ती अससिस्टेंट ड्राइवर के नाम से आती थी|

दोस्तों सब कुछ तो ठीक था लेकिन ये ड्राइवर शब्द ट्रेन के चालक के सम्मान को ठेस पहुंचाते थे क्योंकि कुछ न्यूज स्रोतों के मुताबिक ट्रेन के ड्राइवर को बैंक वाले उनके पद के नाम के चलते लोन देने से मना कर देते थे

क्योंकि ड्राइवर के नाम से लोन नहीं मिलता था भले उनकी कमाई एक स्टेशन मास्टर से ज्यादा थी

इस तरह से ट्रेन के ड्राइवर साहब सिर्फ बोलचाल तक ही सम्मान जनक रह गए थे किसी official काम मे इस पद के नाम का कोई वैल्यू नहीं रहा

दोस्तों तब ऐसा कहा जाता है कि यूनियन दबाव के कारण रेलवे ने इनके लिए पायलट शब्द उपयुक्त समझा क्योंकि पायलट का मतलब ही होता है चालक यानि किसी भी गाड़ी को चलाने वाले

अब सन 2000 के ट्रेनिंग समय से लोको को चलाने वाले को लोको पायलट कहा जाने लगा जो के ट्रेन के चालक के लिए एक प्रोफेसनल पद  गया और ड्राइवर शब्द हमेशा के लिए हटा दिया गया

दोस्तों इस तरह से आप समझ गए होंगे कि Why train driver called a locopilot?

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ट्रेन के ड्राइवर को इंजीनियर से ज्यादा सैलरी क्यों मिलती है? जानें कितना मुश्किल होती है इनकी ड्यूटी

TV9 Bharatvarsh | Edited By:

Updated on: Nov 02, 2021 | 7:45 PM IST

ट्रेन में हजारों यात्री सवार होते हैं, जिन्हें सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ट्रेन के ड्राइवर की ही होती है. दिन हो या रात हो, धूप हो या बरसात हो.. हर परिस्थिति में वे ड्यूटी निभाते हैं.

Indian Railway Train Driver Salary: लौहपथगामिनी. इस शब्द से चौंकिए मत. हम बात करने वाले हैं ट्रेनों की. Train का शुद्ध हिंदी नाम लौहपथगामिनी ही है. खैर छोड़िए, ये बताइये कि क्या आप जानते हैं कि ट्रेन के ड्राइवर को क्या कहा जाता है? नहीं पता तो हम बता देते हैं. आधिकारिक भाषा में उन्हें लोको पायलट (Loco Pilot) कहा जाता है. रेलवे में कई तरह की जॉब अपॉर्च्यूनिटी मिलती हैं, कई सारे पदों पर वैकेंसी निकलती हैं, उन्हीं में से एक पद लोको पायलट का भी होता है. यह जॉब कठिन होता है और इसमें सैलरी भी बहुत ज्यादा होती है.

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लोको पायलट यानी ट्रेन के ड्राइवर की जॉब बेहद सावधानी वाली होती है. एक ट्रेन में हजारों यात्री सवार होते हैं, जिन्हें सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ट्रेन के ड्राइवर की ही होती है. दिन हो या रात हो, धूप हो या बरसात हो.. हर परिस्थिति में वे ड्यूटी निभाते हैं. उन्हें पूरे समय अलर्ट रहना पड़ता है. क्योंकि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी! तभी तो उनकी सैलरी भी ज्यादा होती है.

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लोको पायलट के लिए डेली रूटीन तो फिक्स नहीं रहता, लेकिन उनका ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक लगती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें 14 दिन का रोस्टर दिया जाता है. इस बीच उन्हें 2 रेस्ट दिए जाते हैं. इस रोस्टर के मुताबिक, उन्हें करीब 104 घंटे काम करना पड़ता है. कभी-कभी तो उन्हें इससे भी ज्यादा काम करना पड़ता है. खासकर ट्रेन लेट हो जाने की स्थिति में. हालांकि उन्हें इस देरी के लिए भी भुगतान किया जाता है.

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बात करें इनकी सैलरी की, तो जेनरली किसी इंजीनियर की तुलना में इनकी सैलरी बहुत ज्यादा होती है. बहाली होने के बाद इनकी एंट्री एएलपी यानी असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) के तौर पर होती है. रेलवे की ओर से इन्हें कई तरह के भत्ते मिलते हैं. 100 किमी के ट्रेन रनिंग पर अलाउंस, ओवरटाइम अलाउंस, नाइट ड्यूटी अलाउंस, हॉलीडे अलाउंस, ड्रेस अलाउंस वगैरह.

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जब ये प्रोमोट होकर एएलपी से एलपी यानी लोको पायलट बनते हैं तो आगे चलकर कई बार इनकी सैलरी सारे अलाउंस को मिलाकर 1 लाख रुपये से भी ज्यादा हो जाती है. इनकी ड्यूटी भी तो बेहद कठिन है. सामान्यत: ये 3-4 दिन बाद वापस आते हैं, जबकि कई बार तो ये कई दिनों तक घर वापस नहीं पहुंच पाते. ड्यूटी के 14 दिनों में 104 घंटे से ज्यादा समय देने पर इन्हें ओवरटाइम का पैसा दिया जाता है. जॉब रोल के कारण ही बहुत सारे लोग ट्रेन का ड्राइवर बनना प्रेफर नहीं करते. हालांकि पिछले कुछ वर्षों से बड़ संख्या में महिलाएं भी लोको पायलट के रूप में सेवा दे रही हैं.

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रेल के ड्राइवर को क्या कहते हैं?

एक रेलमार्ग इंजीनियर, लोकोमोटिव इंजीनियर, ट्रेन ऑपरेटर, ट्रेन ड्राइवर या इंजन ड्राइवर वह व्यक्ति है जो रेलमार्ग पर एक ट्रेन को चलाता है। इंजीनियर लोकोमोटिव के साथ ट्रेन के यांत्रिक आपरेशन, ट्रेन की गति और सभी ट्रेनों के प्रबंधन और प्रभार के लिए जिम्मेदार होते हैं

ट्रेन का शुद्ध हिंदी में क्या नाम है?

रेलगाड़ी शब्द दो शब्द रेल और गाड़ी से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है रेल (अब हिन्दी में इसे रेल की पटरी या सिर्फ पटरी कहते हैं) पर चलने वाली गाड़ी।

ट्रेन चलाता है उसे क्या कहते हैं?

ट्रेन को चलाने वाले को रेलमार्ग इंजीनियर, लोकोमोटिव इंजीनियर, ट्रेन ऑपरेटर, ट्रेन ड्राइवर या इंजन ड्राइवर कहते है।

ड्राइवर को क्या कहा जाता है?

ड्राइवर संज्ञा पुं॰ [अ॰] गाड़ी हाँकने या चालानेवाला ।

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