दो वक़्त की रोटी ढूँढने निकला था घर से दूर आज सुकून की तलाश में जिन्दगी गुजर रही है - do vaqt kee rotee dhoondhane nikala tha ghar se door aaj sukoon kee talaash mein jindagee gujar rahee hai

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Zindagi Se Pareshan Status Shayari – जिन्दगी उतार-चढ़ाव से भरी हुयी है। किसी के लिए रंग-बिरंगी है और किसी के लिए बेरंग। ये तो बस नजरिये की बात है। जिसके साथ जो बीतता है वो अपनी जिन्दगी वैसी ही समझ बैठता है। इसका कारन होता है उसकी भावनाएं। सब अपनी भावनाओं के अनुसार जिन्दगी का सच परिभाषित करते हैं। इसी तरह का प्रयास हमने भी इस जिंदगी का सच शायरी संग्रह के जरिये करने की कोशिश की है :-

Zindagi Se Pareshan Status Shayari
जिंदगी का सच शायरी

दो वक़्त की रोटी ढूँढने निकला था घर से दूर आज सुकून की तलाश में जिन्दगी गुजर रही है - do vaqt kee rotee dhoondhane nikala tha ghar se door aaj sukoon kee talaash mein jindagee gujar rahee hai

1.

चंद ख्वाहिशों ने बर्बाद कर रखी है जिंदगी मेरी,
सहूलतें तो मिलती हैं मगर सुकून नहीं मिलता।

2.

माना कि मुझ पर तेरे अहसान बहुत हैं
मगर ए जिन्दगी तुझसे हम परेशान बहुत हैं,
कोई नहीं मिलता है जो बाँट ले दर्द मेरा
मतलब से मिलने वाले इन्सान बहुत हैं।

3.

किस्सा सबकी जिन्दगी का बस इतना सा है कि
जिंदगी बनाने के चक्कर में जीना भूल गए हैं।

4.

शोर शराब तो बस जिन्दगी का है,
मौत के बाद तो सब मौन होगा।

5.

लिख सको तो लिख लो मेहनत से मुकद्दर अपना,
खाली पन्नों से भरी किताब है जिंदगी।

6.

कभी मचलता था ये दिल और अब बहुत सुधर गया है,
जब से जिन्दगी से बुरा वक़्त गुजर गया है।

7.

खामोश जिंदगी के कुछ ऐसे हालात हैं,
इंसानियत मर गयी और
इंसान जिंदा लाश हैं।

8.

जिन्दगी से उलझने की अब औकात नहीं हमारी,
इसलिए अब हम अपने अल्फाजों से उलझते हैं।


पढ़िए :- प्रेरणादायक कविता | चल छोड़ दे रोना तू


9.

दो वक़्त की रोटी ढूँढने निकला था घर से दूर,
आज सुकून की तलाश में जिन्दगी गुजर रही है।

10.

एक ही बार में क्यों नहीं ख़त्म करती ये किस्सा ए जिन्दगी,
किश्तों में मिलता दर्द अब संभाला नहीं जाता।

11.

तेरी यादों का दौर आज भी मुसलसल जारी है,
जिन्दगी गुजर रही है बस मौत की तैयारी है।

12.

मंजिले उन्हीं को मिलती हैं
जिनकी रगों में जूनून होता है,
मुसीबतों से भरी जिन्दगी का
बस यही उसूल होता है।

13.

जरूरतों की फिकर में आँखें जाग रही हैं,
बस इसी तरह हमारी जिन्दगी भाग रही है।

14.

सुन सको तो सुनो जिन्दगी की सुरमयी सरगम को,
वरना जिन्दगी में रोने के बहाने बहुत हैं।

15.

अगर मेरी जिन्दगी तेरे साए में गुजर जाए,
तो जिन्दगी ही क्या मेरी तो मौत भी संवर जाए।

16.

कहाँ पूरी होती हैं यहाँ मुँह मांगी मुरादें कभी,
कुछ और नहीं बस भरोसे का नाम है जिन्दगी।

17.

खुशियाँ कहाँ नसीब होती हैं सबको यहाँ
जिन्दगी तो बस एक मुफलिसी का दौर है साहब।

18.

ग़मों से भरा है जिन्दगी का सफ़र
हर शख्स आगे बढ़ रहा है,
मौत ही है इसकी आखिरी मंजिल
सबका तजुर्बा यही कह रहा है।

पढ़िए :- सफ़र बेबसी से बहादुरी तक | जिन्दगी के उतार-चढ़ाव की कहानी

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धन्यवाद।

दो वक़्त की रोटी ढूँढने निकला था घर से दूर आज सुकून की तलाश में जिन्दगी गुजर रही है - do vaqt kee rotee dhoondhane nikala tha ghar se door aaj sukoon kee talaash mein jindagee gujar rahee hai

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