हमारी भूमिका न्यूक्लियस जैसी भारत की बढ़ती ताकत का आईना Show भारत के बिना बेमतलब है समिट भारत केे लिए अपनी ताकत दिखाने का बेहतर मंच है सार्क सार्क का यह है नियम दक्षिण एशिया के देशों के बीच आर्थिक सहयोग की राह तैयार करने में दक्षेस (सार्क) की भूमिका और सीमाओं का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। दक्षिण एशिया की बेहतरी में 'दक्षेस' (सार्क) ज्यादा बड़ी भूमिका निभा सके, इसके लिए आप क्या सुझाव देंगे? इसमें कोई दो राहें नहीं कि विश्व के लगभग सभी राष्ट्र आर्थिक उन्नति के लिए एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। अनेक संघर्षों के बावजूद दक्षिण एशिया के देश आपस में दोस्ताना रिश्ते तथा सहयोग के महत्त्व को पहचानते हैं। इसलिए आपसी सहयोग को बनाने एवं बढ़ाने के विचार से दक्षिण एशिया के सात देशों ने दक्षेस (SAARC) की स्थापना की। इसकी शुरुआत 1985 में हुई। सन् 2004 में सार्क देशों ने 'साफ्टा' (सफ्ता) समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके अनुसार समस्त दक्षिण एशिया को 'मुफ्त व्यापार क्षेत्र' बना दिया गया। इस सहयोग को और अधिक बढ़ाने के लिए सार्क के 12वें शिखर सम्मेलन में साफ्टा को वर्ष 2006 से लागू करने की अनुमति दे दी। आर्थिक क्षेत्र में सहयोग में (सार्क) की भूमिका:
सार्क की सीमाएँ:
सार्क की सफलता के लिए सुझाव:
देशों की पहचान करें: (क) राजतंत्र, लोकतंत्र-समर्थक समूहों और अतिवादियों के बीच संघर्ष के कारण राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण बना। (क) नेपाल श्रीलंका के जातीय-संघर्ष में किनकी भूमिका प्रमुख है? श्रीलंका के जातीय संघर्ष में भारतीय मूल के तमिल मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने लिट्टे नाम का एक संगठन बनाया हुआ है जो हिंसात्मक आंदोलन पर उतारू है जिसके कारण पूरा श्रीलंका जातीय संघर्ष की आग में जल रहा है। उनकी प्रमुख माँग है कि श्रीलंका के एक क्षेत्र को अलग राष्ट्र बनाया जाए।
दक्षिण एशिया के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
A. दक्षिण एशिया में सिर्फ एक तरह की राजनीतिक प्रणाली चलती है। नेपाल के लोग अपने देश में लोकतंत्र को बहाल करने में कैसे सफल हुए? नेपाल में समय-समय पर लोकतंत्र के मार्ग में कठिनाइयाँ आती रही हैं। नेपाल में लोकतंत्र की बहाली के लिए अनेक प्रयास किए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप आज नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना हो चुकी हैं। नेपाल में लोकतंत्र की बहाली के लिए किए गए प्रयासों का वर्णन निम्नलिखित है:
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना तो हो गई है, परंतु वहां पर विभिन्न राजनीतिक दलों के आपसी मतभेद के चलते यह कहना थोड़ा मुश्किल हैं कि वहां पर लोकतंत्र कितना सफल हो पाएगा। पाकिस्तान के लोकतंत्रीकरण में कौन-कौन सी कठिनाइयाँ हैं? पाकिस्तान के लोकतंत्रीकरण के समुख निम्नलिखित चुनोतियाँ हैं:
दक्षेस में भारत की क्या भूमिका है?1985 में गठित दक्षेस संगठन के सदस्य देशों ने अपने सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने व निर्धनता निवारण हेतु नये कार्यक्रम व योजनाएं बनाई व आपसी सहयोग को प्रोत्साहित किया ।
दक्षेस से आप क्या समझते हैं?दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। संगठन के सदस्य देशों की जनसंख्या (लगभग 1.5 अरब) को देखा जाए तो यह किसी भी क्षेत्रीय संगठन की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली है।
दक्षेस में कुल कितने देश हैं?दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC):
इसकी स्थापना 8 दिसंबर ,1985 को ढाका में सार्क चार्टर पर हस्ताक्षर के साथ की हुई थी। संगठन का मुख्यालय काठमांडू, नेपाल में है। इसके सदस्य देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका हैं।
सार्क की भूमिका क्या है?दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (saarc) की शुरुआत और उसकी पहली बैठक 7-8 दिसंबर 1985 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुई थी। यह दक्षिण एशिया के 8 देशों का एक समूह है और इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य दक्षिण एशिया में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना और कल्याण को बढ़ावा देना है।
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