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समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है?
इसे सुनेंरोकेंरासायनिक समीकरण को सन्तुलित करना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश। अर्थात् उत्पाद तत्वों का कुल द्रव्यमान = अभिकारक तत्वों का कुल द्रव्यमान, अतः रासायनिक समीकरण में द्रव्यमान के संरक्षण नियम का पालन होता है।
ट्रैवर्स को संतुलित करके क्या मतलब है?
इसे सुनेंरोकेंसंतुलन या साम्य या साम्यावस्था (इक्विलिब्रिअम) से तात्पर्य किसी निकाय की उस अवस्था से है जब दो या अधिक परस्पर विरोधी वस्तुओं या बलों के होने पर भी ‘स्थिरता’ (अगति) का दर्शन हो। बहुत से निकायों में साम्यावस्था देखने को मिलती है। १. अच्छी तरह तौलने की क्रिया या भाव।
रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है रासायनिक समीकरण को संतुलित करने की विधियों के नाम लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंवह रासायनिक समीकरण जिसमे दोनों पक्षों ( अभिकारकों तथा उत्पादों ) में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या बराबर होती है तो वह संतुलित रासायनिक समीकरण कहलाती है । समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है क्योकि द्रव्यमान के संरक्षण के नियम के अनुसार , किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में न तो कोई परमाणु नष्ट होता है और न ही निर्माण
रेडॉक्स अभिक्रिया क्या है उदाहरण देकर समझाइए?
इसे सुनेंरोकेंएक ही अभिक्रिया में यदि किसी चीज का आक्सीकरण होता है तो किसी दूसरी का अपचयन होता है। इसीलिये इनका अलग-अलग अध्ययन न करके एकसाथ अध्ययन करने हैं और दोनों को मिलाकर ‘रेडॉक्स’ कहते हैं। वह अभिक्रिया जिसमें एक क्रियाकारक का ऑक्सीकरण होता है, एवं दूसरे क्रियाकारक का अपचयन होता है । रेडाॅक्स अभिक्रिया कहलाती है ।
ऊष्माक्षेपी और ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है उदाहरण दीजिए?
इसे सुनेंरोकेंऊष्मागतिकी में ऊष्माशोषी (Endothermic) का अर्थ ऐसे प्रक्रम या रासायनिक अभिक्रिया से है जो उष्मीय उर्जा का शोषण करती है। इस प्रक्रिया की बिलोम प्रक्रिया का नाम ‘ऊष्माक्षेपी’ (exothermic) है। ऊष्माशोषी रासायनिक क्रियाओं में ऊष्मीय उर्जा, बन्ध उर्जा में परिवर्तित हो जाती है। …
संतुलित समीकरण क्या है उदाहरण दें?
इसे सुनेंरोकेंउदाहरणः-कैल्सियम तथा हाइड्रोक्लोरिक की अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण। सन्तुलित रासायनिक समीकरणः-द्रव्यमान संरक्षण के नियमानुसार” रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थो का द्रव्यमान सदैव स्थिर रहता है” अतः रासायनिक समीकरणो को लिखने के बाद उन्हे सन्तुलित किया जाता है।
उत्पादक के संतुलन से क्या अभिप्राय है समझाइए?
इसे सुनेंरोकेंसंतुलन स्तर कहलाता है जिस पर कुल संप्राप्ति और कुल लागत का अन्तर अधिकतम हो। उत्पादक के संतुलन की स्थिति ज्ञात करने की यह एक विधि है। इसके अनुसार उत्पादक के संतुलन की दो शर्ते होती हैं। (1) कुल संप्राप्ति और कुल लागत का अन्तर अधिकतम हो और Page 16 (2) एक और इकाई के उत्पादन करने से लाभ घटने लगें।
संतुलन मूल्य से क्या आशय है?
इसे सुनेंरोकेंअन्य बातें समान रहने पर, जैसे-जैसे कीमत घटती है, वस्तु की माँगी गई मात्रा में वृद्धि होती है, पूर्ति की मात्रा घटती है तथा p* कीमत पर फर्म अपना इच्छित उत्पादन बेच पाती है, क्योंकि इस कीमत पर बाज़ार माँग बाज़ार पूर्ति के बराबर है। इसलिए p संतुलन कीमत है और उससे संबंधित मात्रा q* संतुलन मात्रा है।
रासायनिक समीकरण को संतुलित करने की कौन कौन की विधियां हैं?
रसायनिक समीकरणों को संतुलित करने की विधि :-
- इस विधि में समीकरण के दोनों ओर प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या गिनकर बराबर करने की प्रयत्न किया जाता है.
- सबसे पहले उस तत्व के परमाणु को संतुलित करेगें जो सबसे कम स्थान पर आया होगा.
क्या होता है जब केवल रासायनिक समीकरण लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंकिसी रासायनिक अभिक्रिया के प्रतीकात्मक निरूपण को रासायनिक समीकरण (chemical equation) कहते हैं। समीकरण का अधार यह है कि किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले भिभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या अभिक्रिया के उपरान्त भी अपरिवर्तित रहती है।