दिवाली कब है 2022 में जानकारी? - divaalee kab hai 2022 mein jaanakaaree?

नई दिल्ली, Diwali 2022 Date And Time: पांच दिवसीय दीपावली पर्व की शुरुआत हो चुकि है। इस विशेष अवसर पर माता लक्ष्मी अपने भक्तों के वास करने आती हैं और उनकी प्रार्थनाएं सुनती हैं। दिवाली पर्व के दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजाका विधान है। इस दिन उनकी आराधना करने से भक्तों के सभा दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं और उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। बता दें कि शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। 

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दिवाली 2022 की तिथि

अमावस्या तिथि आरंभ- 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 25 अक्टूबर शाम 4 बजकर 18 मिनट तक।

अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। क्योंकि 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। पंचांग भेद से 25 अक्टूबर को भी अमावस्या रहेगी।

दिवाली के दिन रात के समय लक्ष्मी पूजन करने का विधान है। इसलिए 24 अक्टूबर को ही महालक्ष्मी की पूजा की जाएगी।

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गणेश-लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त

प्रदोष व्रत पूजा- 24 अक्टूबर शाम 5 बजकर 50 मिनट से रात 8 बजकर 22 मिनट तक

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 24 अक्टूबर शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- 24 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 19 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक

अमृत काल मुहूर्त - 24 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 40 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक

विजय मुहूर्त- 24 अक्टूबर दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से 02 बजकर 21 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त- 24 अक्टूबर शाम 05 बजकर 12 मिनट से 05 बजकर 36 मिनट तक

सूर्य ग्रहण कब से कब तक

साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर के दिन पड़ रहा है। सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। भारत में दिखाई नहीं देने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा।

कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

मुख्य रूप से यूरोप, उत्तर-पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा। इसके अलावा भारत में सूर्य ग्रहण नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता सहित कुछ जगहों पर दिखाई दे सकता है।

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डिसक्लेमर

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धनतेरस से लेकर भाई दूज तक मनाया जाने वाला दीपों का पंच महापर्व दिवाली इस साल कब मनाया जाएगा और किस दिन का क्या होता है महत्व, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

Diwali 2022 kab hai: सुख-समृद्धि और सौभाग्य से जुड़ा दीपों के महापर्व दीपावली का इंतजार न सिर्फ हिंदू बल्कि सिख, बौद्ध और जैन धर्म से जुड़े लोगों को पूरे साल बना रहता है. कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी से लेकर कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तक मनाए जाने वाले दीपवाली महापर्व में धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज समेत कुल पांच त्योहार आते हैं. दीपों को उत्सव कहलाने वाले जिस दीपावली महापर्व को अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है, उससे जुड़े 05 पावन पर्व कब-कब मनाए जाएंगे और क्या है उनकी पूजा का धार्मिक महत्व, आइए इसे जाने माने-ज्योतिषविद् एवं कर्मकांड के जानकार पं. राम गणेश मिश्र से विस्तार से जानते हैं.

धनतेरस कब है

दीपावली महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है, जो कि इस साल 23 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. धनतेरस पर्व धन के देवता कुबेर, माता लक्ष्मी और आरोग्य के देवता माने जाने वाले भगवान धनवंतिर की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व है. मान्यता है कि धनतेरस पर विधि-विधान से पूजा करने पर व्यक्ति को धन-धान्य के साथ अच्छी सेहत का भी वरदान मिलता है. इसी दिन भगवान शिव की कृपा बरसाने वालाा प्रदोष व्रत भी पड़ेगा.

नरक चतुर्दशी कब है

दीपावली महापर्व के दूसरे दिन को हनुमान जयंती, रूप चौदस, नरक चौदस और छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है. नरक चतुर्दशी का यह पर्व इस साल 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. नरक चतुर्दशी के दिन नरक से जड़े दोष से मुक्ति पाने के लिए शाम के समय घर के बाहर विशेष रूप से दीया जलाया जाता है. मान्यता है कि संकटमोचन हनुमान जी का जन्म भी नरक चतुर्दशी के दिन ही हुआ था, ऐसे में हनुमत भक्त इस दिन बजरंगी की विशेष साधना-आराधना करते हैं. इस पर्व को रूप चौदस के रूप में भी मनाया जाता है, जिसे लेकर मान्यता है कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर उबटन लगाकर स्नान करने से रुप एवं सौंदर्य में वृद्धि होती है.

दीपों से जुड़ा महापर्व दीपावली इस साल 24 अक्टूबर 2022 को ही मनाया जाएगा क्योंकि इस दिन कार्तिक मास की अमावस्या तिथि सायंकाल 05:30 बजे से लग जाएगी. दीपावली के पावन पर्व पर सुख-समृद्धि के दाता भगवान श्री गणेश और धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष रूप से साधना आराधना करने का विधान है. मान्यता है कि दीपावली के पावन पर्व पर विधि-विधान से श्री गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा करने पर पूरे साल घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है. दीपावली के पावन पर्व पर भगवान कुबेर और मां काली की भी विशेष रूप से साधना की जाती है.

गोवर्धन पूजा कब है

दीपावली के अगले दिन अन्नकूट या फिर कहें गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस साल दूसरे दिन चूंकि सूर्य ग्रहण लग रहा है, इसलिए यह पर्व उसके अगले दिन यानि 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा. गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत और गाय की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व है.

भाई दूज कब है

दीपों के पंच महापर्व पर आखिरी पर्व भैयादूज के रूप में मनाया जाता है जो कि गोवर्धन पूजा के अगले दिन मनाया जाता है. भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला यह पर्व इस साल 27 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए उन्हें टीका लगाती हैं, जिसके बदले भाई अपनी बहनों को उपहार देकर आशीर्वाद लेते हैं.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

2022 में दीपावली कब है 2022 में दीपावली कब है?

24 अक्टूबर को निशित काल में भी अमावस्या तिथि होगी। इसलिए इस साल 24 अक्टूबर को ही पूरे देश में दीवाली का पर्व मनाया जाएगा। दिवाली पर शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा विधि पूर्वक की जाती है।

2022 की दीपावली कितने?

Deepawali 2022 Date, Time in India: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस साल दिवाली 24 अक्टूबर दिन सोमवार को है.

बड़ी दिवाली कब की है?

Diwali 2022 Date: दिवाली के पंचदिवसीय त्योहार का आरंभ हो चुका है धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली गोवर्धन पूजा और अंत में भैया दूज के बाद इस त्योहार का समापन होगा। इस वर्ष बड़ी दिवाली 24 अक्तूबर को मनाई जाएगी।

दीपावली 2023 के 5 दिन कौन से हैं?

धनतेरस से शुरू होकर दीपावली पर्व भाईदूज के दिन से समाप्त होता है। साल 2023 में दिवाली 12 नवंबर, रविवार को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी।

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