उत्पादन के साधन को क्या कहा जाता है? - utpaadan ke saadhan ko kya kaha jaata hai?

अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र में, उत्पादन के साधन (अंग्रेज़ी: Means of production) भौतिक, गैर-मानवी इनपुट होते हैं, जिनका उपयोग आर्थिक मूल्य के उत्पादन हेतु होता हैं, जैसे कि, सुविधाएँ, मशीनरी, उपकरण,[1] संरचनात्मक पूंजी और प्राकृतिक पूंजी।

उत्पादन के साधनों में वस्तुओं की दो व्यापक श्रेणियाँ मौजूद हैं : श्रम के साधन (उपकरण, फ़ैक्ट्री, संरचना, इत्यादि) और श्रम के विषय (प्राकृतिक संसाधन और कच्चा माल)। अगर वस्तु बना रहें हैं, तो लोग श्रम के साधनों का उपयोग करके श्रम के विषयों पर काम करते हैं, उत्पाद बनाने के लिए; या अन्य शब्दों में, उत्पादन के साधनों पर काम करता श्रम, उत्पाद निर्माण करता हैं।[2]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. James M. Henslin (2002). Essentials of Sociology. Taylor & Francis US. पृ॰ 159. मूल से 3 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2016.
  2. Michael Evans, Karl Marx, London, England, 1975. Part II, Chap. 2, sect. a; p. 63.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • उत्पादन के कारक
  • संसाधन (resources)
  • उत्पादन
  • विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग)

उत्पादन के साधन कौन से हैं?

उत्पादन फलन हमें किसी फर्म की आगतों और निर्गतों के तकनीकी सम्बन्ध को बताता है । यह हमें बताता है कि दी गई आगतों की मात्राओं की सहायता से निर्गत की अधिकतम मात्रा का उत्पादन कैसे किया जा सकता है । संक्षेप में, निर्गत की मात्रा, भूमि, श्रम, पूंजी, उद्यमशीलता और आवश्यक कच्चा माल आदि आगतों का फलन है।

उत्पादन को क्या कहा जाता है?

एक फर्म का उत्पादन फलन उपयोग में लाए गए आगतों तथा फर्म द्वारा उत्पादित निर्गतों के मध्य का संबंध है। उपयोग में लाए गए आगतों की विभिन्न मात्राओं के लिए यह निर्गत की अधिकतम मात्रा प्रदान कर सकता है, जिसका उत्पादन किया जा सकता है।

उत्पादन के कितने साधन होते हैं?

एक फर्म के साधनों तथा उसके उत्पादन के बीच तकनीकी सम्बन्ध को उत्पादन फलन कहते है। उत्पादन फलन आगतो तथा निर्गतों की मात्राओं के फलनात्मक सम्बन्ध को व्यक्त करता है। यह एक दिये हुए समय के लिए 'उत्पादन की मात्रा' तथा 'उत्पत्ति' में भौतिक सम्बन्ध को बताता है।

उत्पादन कितने प्रकार के होते हैं?

उत्पादन के प्रकार या रूप या तरीके अथवा उपयोगिता सृजन की रीतियां या विधियां.
स्थान परिवर्तन द्वारा उत्पादन ... .
रूप मे परिवर्तन द्वारा उत्पादन ... .
समय परिवर्तन द्वारा उत्पादन ... .
अधिकार परिवर्तन द्वारा उत्पादन ... .
ज्ञान मे वृद्धि द्वारा उत्पादन ... .
सेवा द्वारा उत्पादन.