उत्तर प्रदेश में कृषि योग्य भूमि कितनी है? - uttar pradesh mein krshi yogy bhoomi kitanee hai?

यूपी सरकार प्रदेश में 1.71 लाख हेक्टेयर ऊसर भूमि को खेती योग्य भूम‍ि बनाने के लिए 477.33 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वहीं मिशन प्राकृतिक खेती के अंतर्गत भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना को प्रदेश के 35 जिलों में लागू किया जाएगा।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो । उत्‍तर प्रदेश सरकार 100 दिनों में 1.71 लाख हेक्टेयर ऊसर भूमि को सुधार कर कृषि योग्य बनाएगी। प्रदेश में खेती योग्य भूमि का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए सरकार तेजी से काम शुरू करने जा रही है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के तहत 477.33 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

प्रदेश में एक सर्वेक्षण के आधार पर, परियोजना क्षेत्रों में औसतन 8.58 कुंतल प्रति हेक्टेयर उत्पादन में वृद्धि हुई है। इससे लगभग 48.53 प्रतिशत आय में वृद्धि भी देखी गई और भूगर्भ जल स्तर में 1.42 मीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सरकार जैविक क्लस्टर को बढ़ावा देने के लिए कुल 4784 क्लस्टर बनाए हैं।

इसमें 95,680 हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती की जा रही है। इसमें 1.75 लाख किसानों को जोड़ा गया है। इस नीति में तीन-वर्षीय कार्यक्रम के अंतर्गत, एक क्लस्टर में लगभग 50 किसान जोड़े जाते हैं। आगामी 100 दिनों की कार्ययोजना के तहत मिशन प्राकृतिक खेती के अंतर्गत भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना को प्रदेश के 35 जिलों में लागू किया जाएगा।

इसके लिए विकास खंड स्तर पर 500 से एक हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल के क्लस्टर का गठन होगा। यह योजना खरीफ 2022 से शुरू की जाएगी और इस पर 82.83 करोड़ खर्च किए जाएंगे। बुंदेलखंड के जिलों में गो आधारित प्राकृतिक खेती की जाएगी।

पराली दो-खाद लो अभियान का दिखा असर - प्रदेश सरकार ने पराली प्रबंधन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय काम किया है। किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। प्रदेश में पराली को गोशालाओं में चारे के रूप में आपूर्ति किए जाने के लिए पराली दो-खाद लो अभियान का असर दिखने लगा है।

यही वजह है कि पिछले पांच वर्षों में प्रति लाख हेक्टेयर धान के क्षेत्रफल में पराली जलाने की प्रदेश में औसत 71 घटनाएं सामने आईं हैं जबकि एनसीआर में 132 घटनाएं दर्ज हुईं हैं। वहीं, पंजाब में यह संख्या 2264 व हरियाणा में 452 दर्ज की गई हैं।

Edited By: Prabhapunj Mishra

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि को इसका मेरुदंड कहा जाता है. देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का स्थान प्रथम है. प्रदेश में कुल रोजगार का 59% कृषि क्षेत्र से मिलता है. वित्त वर्ष 2016 वर्तमान मूल्य पर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 54,658 रुपये थी. इस लेख में उत्तर प्रदेश के कृषि विकास से सम्बंधित मुख्य तथ्यों को बताया गया है. ये सभी तथ्य आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत जरूरी हैं.

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि को इसका मेरुदंड (spinal cord) कहा जाता है. देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का स्थान प्रथम है.  इस प्रदेश में पूरे वर्ष में 3 प्रकार की फसलें (रबी, खरीफ और जायद) पैदा की जातीं हैं. आइये इस लेख में आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कृषि पर आधारित कुछ जरूरी तथ्यों पर नजर डालते हैं;

1. प्रदेश में कुल रोजगार का 59% कृषि क्षेत्र से मिलता है. वित्त वर्ष 2016 वर्तमान मूल्य पर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 54,658 रुपये थी.

2. वित्त वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक क्षेत्र का योगदान क्रमशः 24%, 27% और 49% था.

3. उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे अधिक दूध का उत्पादन करने वाला प्रदेश है. देश के कुल दुग्ध उत्पादन में इस प्रदेश की हिस्सेदारी लगभग 16.83 प्रतिशत है. वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान, राज्य का दूध उत्पादन लगभग 27.77 मिलियन टन था.  

उत्तर प्रदेश के प्रमुख उद्योगों की अवस्थिति

4. प्रदेश में कृषि जोत का औसत आकार 0.76 हेक्टेयर है जो कि राष्ट्रीय औसत 1.15 हेक्टेयर से कम है.

5. वर्ष 2017-18 में, राज्य भारत में सब्जियों का सबसे बड़ा उत्पादक (28,226 हजार टन) था.

6. वित्त वर्ष 2016-17 में प्रदेश में खाद्य अनाज उत्पादन 49,144.6 हजार टन था. राज्य में उत्पादित प्रमुख खाद्य अनाज उत्पादन में चावल, गेहूं, मक्का, बाजरा, चना, मटर और मसूर शामिल हैं. वर्ष 2017-18 में राज्य में दाल उत्पादन 1,985. हजार टन था.

7. उत्तर प्रदेश; भारत में अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक है और 2016-17 में देश के कुल अनाज उत्पादन में लगभग 17.83 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.

8. उत्तर प्रदेश निम्न खाद्यान्नों के उत्पदान में प्रदेश में प्रथम स्थान पर है; गेहूं, जौ, गन्ना, आलू और मसूर.

9. प्रदेश में आम के उत्पदान में निम्न तीन जिले प्रमुख हैं; लखनऊ, सहारनपुर और बुलंदशहर

10. प्रदेश में आंवला सबसे अधिक प्रतापगढ़ और इलाहाबाद में पैदा होता है.

11. अमरुद का सबसे अधिक उत्पादन क्रमशः शाहजहांपुर, और फर्रुखाबाद जिलों में होता है.

12. अफीम उत्पादन में बाराबंकी सबसे आगे है.

13. गाजीपुर में राज्य की एक मात्र अफीम फैक्ट्री है

उत्तर प्रदेश में कृषि योग्य भूमि कितनी है? - uttar pradesh mein krshi yogy bhoomi kitanee hai?

Image source:google

14. प्रदेश में सबसे अधिक लीची उत्पादन सहारनपुर और मेरठ में होती है.

15. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में सर्वाधिक संतरे का उत्पादन किया जाता है.

16. प्रदेश में सर्वाधिक महत्वपूर्ण नकदी फसल गन्ना है जो सर्वाधिक सिंचित भी है. मेरठ जिले का गन्ना सबसे उत्तम कोटि का माना जाता है.

17. प्रदेश के इन जिलों में गेहूं प्रमुख रूप से पैदा किया जाता है; मेरठ,बुलंदशहर,सहारनपुर, आगरा अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, इटावा कानपुर, फर्रुख्बाद और फतेहपुर. ध्यान रहे कि उत्तर प्रदेश के दक्षिणी पठारी क्षेत्र में कृषि नहीं की जाती है.

18. प्रदेश के प्रमुख चावल उत्पादक जिले इस प्रकार हैं; पीलीभीत, सहारनपुर, महाराजगंज, देवरिया ,गोंडा, बहराइच बस्ती, रायबरेली, बलिया, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर हैं.

ऊपर दिए गए तथ्यों से एक बात स्पष्ट हो जाती है कि उत्तर प्रदेश की जलवायु इतनी विविध प्रकार की है कि यहाँ पर लगभग हर प्रकार की फसलें पैदा हो जातीं हैं. यही कारण है कि बहुत सी फसलों के उत्पादन के मामले में प्रदेश प्रथम स्थान पर है.

उत्तर प्रदेश में पाये जाने वाले खनिज संसाधनों की सूची

उत्तर प्रदेश के प्रमुख लघु और कुटीर उद्योग केन्द्रों की सूची

UP में कृषि योग्य भूमि कितने प्रतिशत है?

घटकर 16.5 प्रतिशत रह गई ।

भारत में कृषि योग्य भूमि कितनी है?

वृद्धि हुई हैं। अत: गैर कृषि कार्यों में प्रयुक्त भूमि का प्रसार कृषि योग्य परंतु व्यर्थ भूमि तथा कृषि भूमि की हानि पर हुआ है।

उत्तर प्रदेश में कृषि जोत का आकार कितना है?

सकल फसल क्षेत्र 200.2 मिलियन हेक्टेयर है। सकल बुआई क्षेत्र कुल भौगोलिक क्षेत्र का 42.4 प्रतिशत है। सकल सिंचित क्षेत्र 68.6 मिलियन हेक्टेयर है । में इस क्षेत्र को लाभान्वित करने के लिए भी शुरू की सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) में लगभग 17.8 प्रतिशत का योगदान दिया जो वर्ष 2015-16 में 17.7 प्रतिशत की गई है।

उत्तर प्रदेश में कुल कृषि योग्य भूमि के कितने प्रतिशत क्षेत्र पर चावल की खेती की जाती है?

राज्य के लगभग 18 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि पर चावल की खेती की जाती है।