वे कौन सी स्थितियां थी जिसमें गिल्लू की चेष्टाएं मानवीय प्रतीत होती थी? - ve kaun see sthitiyaan thee jisamen gilloo kee cheshtaen maanaveey prateet hotee thee?

गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?

गिलहरी के जीवन की अवधि लगभग दो वर्ष होती है। जब गिल्लू का अंत समय आया तो उसने दिन रात कुछ नही खाया। वह घर से बाहर भी नही गया। वह अपने अंतिम समय में अपने झूले से उतरकर लेखिका के बिस्तर पर निष्चेष्ट लेट गया उसके पंजे पूरी तरह ठंढे पड़ चुके थे। वह अपने ठंडे पंजो से लेखिका की उंगली पकड़कर उसके हाथ से चिपक गया। लेखिका ने हीटर जलाकर उसे गर्मी देने का प्रयास किया किंतु कोई लाभ न हुआ। प्रात: काल होने तक गिल्लू की मृत्यु हो चुकी थी।

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सोनजूही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन कौन से विचार उमड़ने लगे?

सोनजूही की पीली कली मनमोहक होती है। लेखिका के मन मे विचार आया कि वह छोटा जीव इसी कली की सघन छाया मे छिपकर बैठ जाता था। उसका नाम गगिल्लूथा। वह लेखिका के निकट पहुँचते ही कंधे पर कूद जाता था। और उन्हें चौका देता था उस समय लेखिका को केवल कली की खोज रहती थी पर अब वे उस लघुगात, प्राणी को ढूँढ रही थी। इस कली को पुन: खिले हुए देखकर लेखिका अपने उसी पारिवारिक सदस्य की खोज में डूब जाती हैं। जिसका नामकरण संस्कार भी उन्होंने स्वयं ही किया था।

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गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?

गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि वह उसका पहला बसंत था। बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक करके कुछ-कुछ कहने लगी। गिल्लू जाली के पास बैठकर उन्हें निहारता था। उन्हें मजे से खेलते देख वह उदास था। उसे मुक्त करने का कारण यह भी था कि उस जैसे छोटे जानवर, का कूत्ता और बिल्ली आदि से रक्षा करना भी मुश्किल था। लेखिका ने उसे मुक्त करने के लिए जाली का कोना खोल दिया और इस मार्ग से गिल्लू बाहर आ जा सकता था। बाहर जाकर गिल्लू ने सचमुच मुक्ति की साँस ली।

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गिलहरी के बायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?

लेखिका ने दो कौओं की चोंच से घायल, गिलहरी के बच्चे को उठा लिया। वह कौओं द्वारा चोच मारे जाने से बिल्कुल निश्चेन्त-सा गमले से चिपटा पड़ा था। लेखिका उसे उठाकर अपने कमरे में ले आईं और रूई से उसका खून पोंछकर उसके घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। लेखिका ने रूई की पतली बत्तीं दूध से भिगोकर बार-बार उसके नन्हें मुँह पर लगाई किन्तु उसका मुँह पूरी तरह खुल नहीं पाता था इसलिए वह पी न सका। तब काफी देर तक लेखिका उसका उपचार करती रही और उसके मुँह में पानी की बूँद टपकाने में सफल हो सकी। लेखिका के इस प्रकार के उपचार के तीन दिन बाद ही गिलहरी का बच्चा पूरी तरह अच्छा और स्वस्थ हो गया।

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पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?

कौआ एक विचित्र प्राणी है। कभी इसका आदर किया जाता है तो कभी अनादर। श्राधों में लोग कौए को आदर से बुलाते हैं। पाठ के आधार पर कौए को समादरित इसलिए कहा गया है क्योंकि माना जाता है कि जो लोग मर जाते हैं, वे कौए के रूप में अपने प्रियजनों से मिलने आते है। उन्हें खाना खिलाकर ये माना जाता है कि अपने प्रियजनों को खाना खिला दिया। इसके माध्यम से ही दूर बसे प्रियजनों के आने का संदेश मिलता है। इसका अनादर इसलिए किया जाता है, क्योंकि कौआ काँव-काँव करके हमारा सिर खा जाता है इसकी कर्कश वाणी किसी को नही भाती तभी यह अनादरित होता है।

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लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?

जब लेखिका लिखने बैठती तो गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करता। इसके लिए वह लेखिका के पैर तक आकर तेजी से पर्दे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता। गिल्लूह क्रिया तब तक करता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए न दौड़ती। इस प्रकार गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो जाता। लेखिका के गिल्लू समझदारी और इस प्रकार के कार्य कलापों पर हैरानी होती थी।

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वे कौन सी स्थितियाँ थी जिसमें गिल्लू की चेष्टाएँ मानवीय प्रतीत होती थी?

जब गिल्लू का अंत समय आया तो उसने दिन रात कुछ नही खाया। वह घर से बाहर भी नही गया। वह अपने अंतिम समय में अपने झूले से उतरकर लेखिका के बिस्तर पर निष्चेष्ट लेट गया उसके पंजे पूरी तरह ठंढे पड़ चुके थे। वह अपने ठंडे पंजो से लेखिका की उंगली पकड़कर उसके हाथ से चिपक गया।

गिल्लू की वे कौन सी क्रियाएं हैं जो मानवीय प्रतीत होती हैं इन क्रियाओं से किस तरह के विचार उभरकर सामने आते हैं?

गिल्लू, लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए परदे पर तेज़ी से चढता आैर उतरता। वह लेखिका के साथ उसकी थाली में खाना खाता। जब लेखिका अस्वस्थ थी, तो गिल्लू उनके सिरहाने पर बैठकर अपने पंजों से उनके बालों को सहलाता रहता। इस प्रकार लेखिका के प्रति गिल्लू के लगाव को भलीभांति समझा जा सकता है।

गिल्लू कौन था उसकी विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए?

उत्तर- गिल्लू एक जीव था। वह बहुत ही जानकार था। वह लेखिका की थाली में बैठकर खाना खाता था। जब गिल्लू को भूख लगती थी तो वह चिक-चिक की आवाज करता था

गिल्लू की वह कौन सी क्रिया नहीं है जो मानवीय प्रतीत नहीं होती?

लेखिका को एक मोटर दुर्घटना में आहत होकर कुछ दिन अस्पताल में रहना पड़ा था। लेखिका की अनुपस्थिति में गिल्लू का किसी काम में भी मन नहीं लगता था। यहाँ तक कि उसने अपना मनपसंद भोजन काजू खाना भी कम कर दिया था।

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