विषयसूची
विज्ञापन से कौन कौन से लाभ होते हैं?
विज्ञापन के लाभ – उत्पादकों, बिचौलियों, उपभोक्ताओं, समाज और राष्ट्र को लाभ
- उत्पादकों को लाभ: मैं। बिक्री में वृद्धि: विज्ञापन बिक्री बढ़ाने में मदद करता है।
- बिचौलिया को लाभ: मैं। बेचने में सहायक:
- उपभोक्ताओं को लाभ: मैं। ज्ञान में वृद्धि:
- समाज और राष्ट्र को लाभ: मैं। तीव्र आर्थिक विकास:
विज्ञापन बोर्ड का आयाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंविज्ञापन माध्यम से जनता अथवा उपभोक्ता तक पहुंचने उन्हे अपनी ओर आकर्षित करने, रिझाने, उत्पाद की प्रतिष्ठा तथा उसके मूल्य को स्थापित किया जाता है। इस प्रकार के विज्ञापन निर्माता तब प्रसारित करता है, जब उसका उद्देश्य ग्राहकों के मन में अपनी वस्तु का नाम स्थापित करना होता है और यह आशा की जाती है कि ग्राहक उसे खरीदेगा।
विज्ञापन के कितने अंग हैं?
इसे सुनेंरोकेंइसलिए विज्ञापन की भाषा में कुछ विशेष गुण होते हैं, विशेषताएँ होती हैं। ये गुण अथवा विशेषताएँ विज्ञापन और उसके शीर्षक, मुख्य कथन, विस्तार एवं संवेदनात्मक पंक्ति (पंच लाइन) जैसे अंगों एवं चित्र आदि के रूप में समाहित की जाती हैं।
विज्ञापन लेखन की शब्द सीमा कितनी होनी चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंविज्ञापन लेखन करते समय किन बातों का रखें ध्यान सबसे पहले एक बॉक्स बनाकर ऊपर मध्य में विज्ञापित वस्तु का नाम मोटे अक्षरों में लिखना चाहिए। दाएँ एवं बाएँ किनारों पर सेल धमाका, खुशखबरी, खुल गया जैसे लुभावने शब्दों को लिखना चाहिए। बाईं ओर मध्य में विज्ञापित वस्तु के गुणों का उल्लेख करना चाहिए।
विज्ञापन का महत्व क्या है?
इसे सुनेंरोकेंविज्ञापन का महत्व (vigyapan ka mahatva) विज्ञापन के माध्यम से वस्तुओं का बाजार विस्तृत होता जा रहा है और उनकी बिक्री में भी वृद्धि होती है ग्राहकों को उपयोगी जानकारी देकर विज्ञापन ग्राहकों को अपनी और आकर्षित करता है यह उत्पन्न मांग का पोषण करता है और नये ग्राहकों को व वस्तुओं को लोकप्रिय बनाते है।
विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं Class 10?
विज्ञापन के प्रकार
- वर्गीकृत विज्ञापन
- सजावटी विज्ञापन
- वर्गीकृत सजावटी विज्ञापन
- समाचार सूचना विज्ञापन
- उपभोक्ता विज्ञापन
- औद्योगिक विज्ञापन
- वित्तीय विज्ञापन
- व्यापारिक विज्ञापन
विज्ञापन के प्रमुख अंग कौन कौन से हैं?
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- वर्गीकृत विज्ञापन
- सजावटी विज्ञापन
- वर्गीकृत सजावटी विज्ञापन
- समाचार सूचना विज्ञापन
- उपभोक्ता विज्ञापन
- औद्योगिक विज्ञापन
- वित्तीय विज्ञापन
- व्यापारिक विज्ञापन
विज्ञापन क्या है क्या विज्ञापन वस्तुओं की लागत में वृद्धि करता है?
इसे सुनेंरोकेंलागत व्यय में कमी – आज के प्रतियोगी बाजार में वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि करके अधिक लाभ कमाना संभव नहीं है इसके विपरीत वह विज्ञापन द्वारा वस्तुओं की मांग में वृद्धि करके उन्हें अधिक मात्रा में उत्पादन करके उनकी लागत में कमी करने का प्रयास करता है अधिक मात्रा में किसी वस्तु का उत्पादन लागत में कमी करने यह निश्चित है कि …
प्रश्नपत्र में आए विज्ञापन लेखन में शब्द सीमा कितनी होती है?
इसे सुनेंरोकेंछोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करना अच्छा रहता है। भाषा सरल, बोधगम्य और सहज होनी चाहिए। अनुच्छेद लेखन उतने ही शब्दों में करना चाहिए जितने शब्द में लिखने का निर्देश दिया गया हो। उस शब्द-सीमा से 5 या अधिक शब्द होने से फर्क नहीं पड़ता है।
विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं class 9?
विज्ञापन शब्द में मूल शब्द क्या है?
इसे सुनेंरोकेंविज्ञापन शब्द की उत्पत्ति ‘वि’ उपसर्ग तथा ‘ज्ञापन’ शब्द के सहयोग से हुई है। इस का सामान्य अर्थ ज्ञापन कराना यह सूचना प्रदान कराना है। विज्ञापन अंग्रेजी के एडवरटाइजिंग (advertising) शब्द का पर्याय है।
विज्ञापन से आप क्या समझते है?
इसे सुनेंरोकेंविज्ञापन से आशय ऐसे दृश्य, लिखित या मौखिक अवैयक्तिक संदेशों से है जो जनता को क्रय करने के लिए प्रेरित करने हेतु पत्र-पत्रिकाओं, रेड़ियो, टेलीविजन, ट्रक, बस, रेलगाड़ी व अन्य साधनों द्वारा सामान्य जनता तक पहुंचाये जाते है, जिसके लिए विज्ञापनकर्त्ता को भुगतान करना पडता है।
आज का युग विज्ञापन का युग है। किसी भी वस्तु, व्यक्ति या जगह से हम विज्ञापन के माध्यम से ही परिचित हो जाते है विज्ञापन ने अपना आधुनिक रूप ले लिया है और यह समाज का आर्थिक तंत्र का अभिन्न अंग बन गया है और मीडिया की तो इसे रीढ़ ही समझा जाने लगा है।
विज्ञापन का अर्थ
विज्ञापन का सामान्य अर्थ है- विशिष्ट ज्ञापन अथवा सूचना। अंग्रेजी में इसके लिए ‘एडवरटाइजमेंट’ शब्द का प्रयोग किया जाता है जिसका अर्थ है ‘जनता को सूचित करना’। ‘द न्यू एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका’ के अनुसार ‘विज्ञापन संप्रेषण का वह प्रकार है जो उत्पादन अथवा कार्य को उन्नत करने, एक विशिष्ट कारण को बढ़ाने अथवा विज्ञापनदाता द्वारा कुछ इच्छित प्रतिक्रियाओं को प्रकाशित करने का उद्देश्य रखता है।’ परन्तु विज्ञापन एक व्यापक शब्द है जिसके अन्तर्गत विज्ञापन सूचनाएँ, प्रवेश सूचनाएँ, नीलामी सूचनाएँ, निविदा सूचनाएँ आदि होती हैं।
विज्ञापन के उद्देश्य
विज्ञापन हमेशा ही ‘लाभ’ के उद्देश्य को लेकर चलते हैं। यों तो अधिकांशत: यह लाभ प्रस्तुतकर्ता को वस्तु के बेचने से होने वाला मुनाफा ही होता है पर कभी-कभी जनजागरण, माहौल, सेवा के बारे में विचारधारा, सामाजिक बदलाव, वैचारिक उत्थान, सरकारी रीति-नीति का प्रचार, राजनीतिक लाभ आदि वृहद् उद्देश्यों के आधार पर भी विज्ञापन जारी किए जाते हैं।
‘‘विज्ञापन का उद्देश्य उत्पादक को लाभ पहुंचाना, उपभोक्ता को शिक्षित करना, विक्रेता की मदद करना, प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर व्यापारियों को अपनी ओर आकर्षित करना और सबसे अधिक तो उत्पादक और उपभोक्ता के सम्बन्ध अच्छे बनाना होता है।’’: ई.एफ. एल. बे्रच
विज्ञापन के उद्देश्य इस प्रकार हो सकते हैं :
- उन सभी संदेशो का एक अंश प्रस्तुत करना जो उपभोक्ता पर प्रभाव डालें।
- वस्तुओं, कम्पनियों व संस्थाओं के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत होना।
- समाज की एक प्रतिनिधि संस्था के रूप में उद्यम प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग होना।
- वस्तु की बिक्री बढ़ाने में प्रभावशाली भूमिका निभाना।
- एक प्रभावी विपणन औजार के तौर पर लाभकारी संगठनों और प्रबन्धकों को अपना उद्देश्य पूरा करने में सहायता करना।
- समाज की उभरती व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करना।
- व्यावसायिक तौर पर जारी संदेशो के जरिए उपभोक्ताओं को लाभप्रद, सम्बन्धित व निश्चित सूचना प्रदान कराना।
- आर्थिक क्रिया को विभिन्न नियमों कानूनों के अनुसार चलाना।
- न वस्तुओं और सेवाओं की सूचना देना।
- विषेश छूट और मूल्य परिवर्तन की जानकारी देना, उपभोक्ता मांग में वृद्धि करना।
- खरीदने और अपनाने की प्रेरणा देना।
इन उपर्युक्त उद्देश्यों को लेकर चलने वाली प्रक्रिया ‘विज्ञापन’ उपभोक्ता व निर्माता के मध्य की प्रक्रिया है। विज्ञापन का उद्देश्य हर स्थिति में अपने ‘संदेश’ को उपभोक्ता के मानस पटल पर अंकित करना ही होता है