विद्युत अधिनियम की धारा 136 में क्या है? - vidyut adhiniyam kee dhaara 136 mein kya hai?

धारा 136 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 136 के अनुसार, जो कोई सिवाय एतस्मिन््पश्चात्् यथा अपवादित के, यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि 1[भारत सरकार] की सेना, 2[नौसेना या वायुसेना] के किसी आफिसर, सैनिक, 3[नौसैनिक या वायुसैनिक] ने अभित्यजन किया है, ऐसे आफिसर, सैनिक, 3[नौसैनिक या वायुसैनिक] को संश्रय देगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा ।
अपवाद--इस उपबंध का विस्तार उस मामले पर नहीं है, जिसमें पत्नी द्वारा अपने पति को संश्रय दिया जाता है ।

धारा 136 का मतलब क्या होता है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 136 के अनुसार, जो कोई सिवाय एतस्मिन््पश्चात्् यथा अपवादित के, यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि 1[भारत सरकार] की सेना, 2[नौसेना या वायुसेना] के किसी आफिसर, सैनिक, 3[नौसैनिक या वायुसैनिक] ने अभित्यजन किया है, ऐसे आफिसर, सैनिक, 3[नौसैनिक या वायुसैनिक] को संश्रय देगा, वह दोनों ...

धारा 135 का क्या अर्थ है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 135 के अनुसार, जो भी कोई भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के किसी अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक को कर्तव्य छोड़कर भागने के लिए दुष्प्रेरित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

भारत का कौन सा राज्य IE भारतीय विद्युत नियम का पालन नहीं करती है?

संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ-(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम विद्युत अधिनियम, 2003 है । (2) इसका विस्तार, जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय, संपूर्ण भारत पर है ।

भारतीय विद्युत नियम के अनुसार सॉकेट की क्षमता कितनी होनी चाहिए?

25 से 1.28 के बीच होता है।

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