किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा के प्रवाह को नियंत्रित करने अर्थात प्रारंभ व समाप्त करने के लिए प्रयोग की जाने वाली युक्ति को विद्युत स्विच कहते हैं Show
विद्युत स्विच को कितने प्रकार में बाटा गया हैविद्युत स्विच को 3 वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है 1. कार्य के अनुसार According to Work ( i ) एकल – पोल एक – पथ स्विच Single – pole one – way Switch ( ii ) एकल – पोल द्वि – पथ स्विच Single – pole Two – way switch ( iii ) इण्टरमीडिएट स्विच Intermediate Switch ( iv ) पुश – बटन स्विच ( Pash – button Switch ) ( v ) सीलिंग स्विच ( Ceiling Switch ) ( vi ) दो पोल आयरन क्लैड स्विच ( Double Pole Iron Clad or D.P.I.C. Switch ) ( vii ) तीन पोल आयरन क्लैंड स्विच ( Three Pole Iron Clad or T.P.LC Switch ) ( viii ) नाइफ स्विच ( Knife Switch ) 2. संरचना के अनुसार According to Construction ( i ) टम्बलर स्विच ( Tumbler Switch ) ( ii ) फ्लश टाइप स्विच ( Flush Type Switch ) ( iii ) टॉगल स्विच ( Toggle Switch ) ( iv ) स्लाइड स्विच ( Slide Switch ) ( v ) रोटरी स्विच ( Rotary Switch ) ( vi ) लघु रूप परिपथ वियोजक ( Miniature Circuit Breaker , MCB ) ( vii ) मेन स्विच ( Main Switch ) 3. विद्युत वहन क्षमता के अनुसार According to Current Rating कार्य के अनुसार According to Work( i ) एकल – पोल एक – पथ स्विच Single – pole one – way Switchयह सबसे सरल प्रकार का स्विच है । इसका उपयोग एक लैम्प अवाक्ष अन्य किसी वैद्युतिक युक्ति / उपकरण को एक स्थान से ऑन ऑफ करने के लिए किया जाता है । ( ii ) एकल – पोल द्वि – पथ स्विच Single – pole Two – way switchइसमें एक पोल और दो पथ होते हैं । इसका उपयोग दो लैम्प वैद्युतिक युक्तियों में से किसी एक को चलाने अथवा जीने में एक लैम्प को दो स्थानों से नियन्त्रित करने के लिए किया जाता है । ( iii ) इण्टरमीडिएट स्विच Intermediate Switchयह चार टर्मिनल वाली ऐसी युक्ति है जिसके चारों टर्मिनल्स को क्षैतिज तल में अथवा क्रॉस रूप में संयोजित किया जा सकता है । इसका उपयोग एक लैम्प वैद्युतिक युक्ति को तीन या अधिक स्थानों से नियन्त्रित करने के लिए किया जाता है । ( iv ) पुश – बटन स्विच ( Pash – button Switch )यह स्प्रिंग युक्त ऐसा स्विच है जिसे दबाने पर किसी परिपथ को अस्थायी रूप से चालू किया जा सकता है और पुश – बटन को छोड़ने पर परिपथ स्वतः ही ‘ ऑफ हो जाता है । इसका उपयोग विद्युत घण्टी , बजर , मशीनों आदि में किया जाता है । ये स्विच दो प्रकार के होते हैं – पुश – टू – ऑन तथा पुश – टू – ऑफ ( push – to – on and push – to – off ) । इसी स्विच का एक रूप लिमिट स्विच ( limit switch ) है जो ‘ पुश – टू – ऑफ ‘ प्रकार का पुश बटन स्विच होता है । इसका उपयोग कार्यशाला की विभिन्न मशीनों , रोलिंग शटर्स एवं उत्पादन कार्य से सम्बन्धित वैद्युतिक परिपथों में किया जाता है । ( v ) सीलिंग स्विच ( Ceiling Switch )यह एक विशेष पुश – बटन प्रकार का स्विच है । एक बार दबाने / खींचने पर यह परिपथ को ‘ ऑन ‘ कर देता है और दूसरी बार दबाने / खींचने पर यह उसे ‘ ऑफ ‘ कर देता है । इसे बैड – स्विच एवं पुल – स्विच ( bed – switch and pull – switch ) भी कहते हैं । इसका उपयोग छत से लटकाये जाने वाले पंखों , सजावटी लैम्पों , नाइट – लैम्पो , टेबिल – लैम्यों आदि में किया जाता है । ( vi ) दो पोल आयरन क्लैड स्विच ( Double Pole Iron Clad or D.P.I.C. Switch )यह सिंगल फेज ए . सी . अथवा डी . सी . सप्लाई लाइन के लिए मेन स्विच ( main switch ) का कार्य करता है । इसमें प्रत्येक लाइन के श्रेणी क्रम में ( in series ) एक फ्यूज भी लगा होता है । इसका एक स्विच फेज लाइन को और दूसरा न्यूट्रल लाइन को एक साथ ‘ ऑन ‘ / ‘ ऑफ ‘ करता है । ये स्विच 15 A से 200 A तक और 250V से 660 V तक बनाए जाते हैं । स्विच का घात्विक आवरण आवश्यक रूप से ‘ अर्थ ‘ किया जाना चाहिए । ( vii ) तीन पोल आयरन क्लैंड स्विच ( Three Pole Iron Clad or T.P.LC Switch )यह थ्री – फेज ए . सी . लाइन के लिए मेन – स्विच का कार्य करता है । इसमें प्रत्येक फेज लाइन के श्रेणी क्रम में एक फ्यूज होता और एक न्यूट्रल लिक ‘ होता है । यह स्विच तीनों फेज लाइन्स को एक साथ ‘ ऑन ‘ ऑफ ‘ करता है । ये स्विच 30 A से 400 A तक ॐ 400 V से 1100 V तक बनाए जाते हैं । स्विच का धात्विक आवरण आवश्यक रूप से ‘ अर्थ ‘ किया जाना चाहिए । ( viii ) नाइफ स्विच ( Knife Switch )यह बिना आवरण वाला उच्च विद्युत धारा वहन क्षमता वाला स्विच है जिसका उपयोग ‘ सब – स्टेशन ‘ या वितरण – स्टेशन पर ही किया जाता है । यह 30 से 1000 A तक विद्युत धारा वहन क्षमता में बनाया जाता है । ये स्विच सिंगल थो् डबल – श्रो तथा 3 – फेज प्रकार के होते हैं । चित्र में डबल – थो् प्रकार का नाइफ स्विच दर्शाया गया है । इसका उपयोग एक लाइन को ‘ ऑफ ‘ करके दूसरी लाइन को ऑन करने के लिए किया जाता है । संरचना के अनुसार According to Construction( i ) टम्बलर स्विच ( Tumbler Switch )यह बोर्ड की सतह के ऊपर कसा जाने वाला ( surface mounting ) स्विच है । यह एक – पोल एक – पथ तथा एक – पोल द्वि – पथ प्रकार का होता है । इस प्रकार के स्विचों का प्रचलन अब बहुत कम हो गया है ।
( ii ) फ्लश टाइप स्विच ( Flush Type Switch )यह बोर्ड की सतह के अन्दर कसा जाने वाला स्विच है ; स्विच का लीवर बोर्ड से बाहर निकला रहता है । यह भी एक – पोल एक – पथ तथा एक – पोल द्वि – पथ प्रकार का होता है । आजकल वैद्युतिक वायरिंग में फ्लश प्रकार के स्विच ही प्रयोग किए जाते हैं । ( iii ) टॉगल स्विच ( Toggle Switch )यह भी बोर्ड की सतह के अन्दर कसा जाने वाला स्विच है । इसका धात्विक लीवर और पीतल का छल्ला ही बोर्ड के बाहर निकला रहता है । यह एक – पोल एक – पथ , एक – पोल द्वि – पथ तथा इण्टरमीडिएट प्रकार का होता है । इसका उपयोग प्राय : वैद्युतिक एवं इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है । ( iv ) स्लाइड स्विच ( Slide Switch )यह भी बोर्ड की सतह के अन्दर कसा जाने वाला स्विच है ; स्विच का लीवर , बोर्ड से बाहर निकला रहता है । यह एक – पोल , एक – पथ , एक – पोल द्वि – पथ एवं अनेक – पोल अनेक – पथ वाला होता है । इसका उपयोग भी वैद्युतिक एवं इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों एवं यन्त्रों में किया जाता है । ( v ) रोटरी स्विच ( Rotary Switch )यह भी बोर्ड के अन्दर कसा जाने वाला स्विच है ; स्विच की रोटेटिंग नॉब ‘ बोर्ड से बाहर निकली रहती है । यह एक पोल से अनेक पोल वाला तथा एक पथ से अनेक पथ वाला होता है । इसका उपयोग बिजली के पंखों में , कूलर्स में तथा अन्य वैद्युतिक एवं इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है । ( vi ) लघु रूप परिपथ वियोजक ( Miniature Circuit Breaker , MCB )यह एक – पोल एक पथ वाला विशेष प्रकार का स्विच है जिसमें विद्युत धारा मान नियन्त्रण के लिए एक ‘ बाइमेटालिक स्विचिंग ऑफ युक्ति ‘ ( bimetallie switching off device ) लगी होती है जो परिपथ में विद्युत धारा का मान , नियत मान से अधिक हो जाने की स्थिति में परिपथ को स्वत : ही ऑफ कर देती है । यह भी बोर्ड की सतह के अन्दर कसा जाने वाला स्विच है ; स्विच का लीवर बोर्ड की सतह से बाहर निकला रहता है । यह स्विच ऊपर की ओर ‘ ऑन तथा नीचे की ओर ‘ ऑफ ‘ होता है । ( vii ) मेन स्विच ( Main Switch )यह दो पोल या तीन पोल एक पथ स्विच होता है । जो प्राय : आयरन क्लैड प्रकार का D.P.I.C , या T.P.I.C. स्विच होता है । इसका उपयोग मेन लाइन को ऑन ऑफ करने के लिए किया जाता है । विद्युत वहन क्षमता के अनुसार According to Current Rating( i ) 5A , 240 V स्विच ये एक- पोल एक – पथ , एक – पोल द्वि – पथ इण्टरमीडिएट , पुश बटन , सीलिंग प्रकार में टम्बलर , फ्लश , टॉगिल . स्लाइड , रोटरी तथा लघु रूप परिपथ वियोजक प्रकार के होते हैं । ( ii ) 15A 240V स्विच ये एक – पोल एक – पथ , एक – पोल द्वि – पथ प्रकार में टम्बलर तथा फ्लश प्रकार के तथा लघु रूप परिपथ वियोजक प्रकार के होते हैं । ( iii ) 30A , 415 V स्विच ये DPIC.TPI.C , नाइफ तथा लघु रूप परिपथ वियोजक प्रकार के होते हैं । ( iv ) 30A से अधिक 30A से 1000A तक विभिन्न क्षमताओ में मेन – स्विच बनाए जाते हैं । ये थ्री – पोल आयरन क्लैड ( T.P.I.C. ) तथा नाइफ प्रकार के होते है । इनके अन्तर्गत , सब – स्टेशन्स में प्रयोग किए जाने वाले एयर सर्किट ब्रेकर ‘ ( A.C.B. ) तथा ‘ ऑयल सर्किट ब्रेक ( O.CR ) स्विच भी आते हैं , जो 1000 A. 33,000 V तक कार्य करते हैं । विद्युत परिपथ में स्विच का क्या कार्य है?स्विच या कुंजी उस यांत्रिक युक्ति को कहते हैं जो किसी विद्युत परिपथ को इच्छानुसार जोडने (connect) या तोडने (disconnect) के काम आती है।
स्विच का क्या काम होता है?( vii ) मेन स्विच ( Main Switch )
इसका उपयोग मेन लाइन को ऑन ऑफ करने के लिए किया जाता है ।
विद्युत स्विच का उपयोग क्यों किया जाता है?Solution : विद्युत स्विच एक सरल युक्ति (उपकरण) होता है, जो विद्युत धारा के प्रवाह को रोकने या प्रारम्भ करने के लिए विद्युत परिपथ को तोड़ने या पूरा करने के लिए इस्तेमाल होता है।
विद्युत स्विच से क्या आशय है?Solution : ऐसी युक्ति जिसके द्वारा विद्युत परिपथ पूरा होता है या टूटता है, विद्युत स्विच कहलाता है।
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