विधवा पुनर्विवाह के समय वायसराय कौन था?
सही उत्तर लॉर्ड कैनिंग है।
विधवा पुनर्विवाह के संस्थापक कौन थे?
श्री ईश्वरचन्द्र विद्यागर के प्रयत्नों से पास हुए सन् 1856 के हिन्दू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम से विधवा विवाह को वैध घोषित कर दिया गया था पर दुख की बात यह है कि इस विषय में पूरे भारतवर्ष में ना तब बात की गई थी ना अब की जाती है।
विधवा पुनर्विवाह सभा की स्थापना कब हुई?
1850 के दशक में, विष्णु शास्त्री पंडित ने विधवा पुनर्विवाह संघ की स्थापना की। हिंदू विधवाओं का पुनर्विवाह अधिनियम, 1856, भी अधिनियम XV, 1856, 26 जुलाई 1856 को अधिनियमित किया गया था, ईस्ट इंडिया कंपनी नियम के तहत भारत के सभी न्यायालयों में हिंदू विधवाओं के पुनर्विवाह को वैधता प्रदान करता है।
विधवा पुनर्विवाह से आप क्या समझते हैं?
1856 में 16 जुलाई का दिन विधवाओं के लिए समाज में फिर से स्थापित होने का अवसर लेकर आया. इसी दिन भारत में विधवा पुनर्विवाह को कानूनी मान्यता मिली. अंग्रेज सरकार से इसे लागू करवाने में समाजसेवी ईश्वरचंद विद्यासागर का बड़ा योगदान था. उन्होंने विधवा विवाह को हिंदू समाज में स्थान दिलवाने का काम शुरू किया.