व्यक्तित्व क्या है व्यक्तित्व के प्रकार - vyaktitv kya hai vyaktitv ke prakaar

  • व्यक्तित्व के प्रकार
  • 1. भारतीय दृष्टिकोण
  • 2. शरीर-रचना का दृष्टिकोण
  • (क) क्रेचमर (Kretschmer) का वर्गीकरण (Kreshmar ke Anusar Vyaktitva ke Prakar)
  • (ग) समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण –
  • (घ) अन्य दृष्टिकोणों से-
  • 1. अन्तर्मुखी व्यक्तित्व (INTROVERT PERSONALITY)
  • 2. बहिर्मुखी व्यक्तित्व (EXTROVERT PERSONALITY)

आज के आर्टिकल में हम मनोविज्ञान के अंतर्गत व्यक्तित्व के प्रकार (Vyaktitva ke Prakar) को अच्छी तरह से पढेंगे ।

व्यक्तित्व के प्रकार

हम व्यक्तित्व के प्रकारों का अध्ययन कर व्यक्तित्व को समझने की चेष्टा करते हैं। इस विधि से व्यक्तित्व को समझने के लिए विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व का श्रेणी-विभाजन अलग-अलग प्रकार से किया। व्यक्तित्व के विभिन्न विद्वानों द्वारा दिये गये प्रकारों को बताया गया है।

1. भारतीय दृष्टिकोण

भारतीय दर्शन में व्यक्तित्व तीन प्रकार के बतलाये हैं-

  1. सतोगुणी
  2. रजोगुणी
  3. तमोगुणी

इनमें सतोगुणी व्यक्तित्व सर्वोत्तम होता है। सतोगुणी व्यक्तित्व सत् (अच्छे) के गुणों युक्त, उच्च आदर्शों, नैतिक मूल्यों तथा चरित्रवान् होता है, इसके विपरीत तमोगुणी व्यक्ति कामी, क्रोधी, आलसी तथा अमानवीय गुणों से युक्त होते हैं। रजोगुणी व्यक्ति में इन दोनों के मध्य की स्थिति होती है।

एक अन्य दृष्टिकोण से व्यक्तियों को दूसरी तीन श्रेणियों में विभक्त किया गया है-(1) कफज, (2) पित्तज तथा (3) वायुज। कफ-प्रधान व्यक्ति कफज, पित्त-प्रधान व्यक्ति पित्तज तथा वायु-प्रधान व्यक्ति वायुज कहलाते हैं। ये तीनों ही प्रकार के व्यक्ति व्यवहार, स्वभाव तथा चरित्र में एक-दूसरे से भिन्न होते हैं।

2. शरीर-रचना का दृष्टिकोण

शरीर-रचना के आधार पर विभिन्न विद्वानों ने व्यक्तित्व के अलग-अलग प्रकार बतलाये हैं-

(क) क्रेचमर (Kretschmer) का वर्गीकरण (Kreshmar ke Anusar Vyaktitva ke Prakar)

जर्मन विद्वान क्रेचमर ने शरीर-रचना के आधार पर व्यक्तित्व के निम्न चार प्रकार बतलाये हैं-

(अ) सुडौलकाय (Athletic) – इस प्रकार के व्यक्ति शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ, अच्छे डीलडौल वाले, हृष्ट-पुष्ट, दृढ़ निश्चयी, आत्म-विश्वासी तथा सुन्दर समायोजनशीलता वाले हैं।

(ब) लम्बाकाय (Aesthemic) – इस प्रकार के व्यक्ति दुबले-पतले तथा लम्बे होते हैं। स्वभाव से शीघ्र क्रोधी, चिङचिङे स्वभाव वाले तथा निराश प्रवृत्ति के होते हैं।

(स) गोलाकाय (Pyknic) – इस प्रकार के व्यक्ति नाटे, मोटे, चर्बी वाले तथा गोल आकार के होते हैं। ये व्यक्ति स्वभाव से प्रसन्नचित्त, अत्यधिक मिलनसार तथा आरामप्रिय होते हैं।

(द) मिश्रित (Dysplastic) – कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनमें उपर्युक्त तीनों प्रकारों का मिश्रित रूप देखने को मिलता है।

(ख) शैल्डन (Sheldon) का वर्गीकरण (Sheldon ke Anusar Vyaktitva ke Prakar)

शैल्डन ने 400 व्यक्तियों का अध्ययन करके शरीर-रचना के आधार पर व्यक्तियों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा-

(अ) लम्बाकृति (Ectomorphic)
(ब) आयताकृति (Ectomorphic)
(स) गोलाकृति (Endomorphic)।

लम्बाकृति व्यक्तियों का शरीर लम्बा होता है तथा इनका स्नायु-मण्डल अधिक विकसित होता है। आयताकृति व्यक्तित्व न अधिक मोटे होते हैं और न अधिक पतले, इनकी शरीर-रचना सामान्य होती है। गोलाकृति व्यक्ति बहुत मोटे, हँसमुख तथा सीमा से अधिक सामाजिक होते हैं।

(ग) समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण –

स्प्रेन्गर (Spranger) ने समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से व्यक्तित्व के 6 प्रकार बताये हैं-

(अ) सैद्धान्तिक (Theoretical) – वे व्यक्ति जो व्यवहार की अपेक्षा सिद्धान्तों पर अधिक विश्वास करते हैं इस श्रेणी में आते हैं। कवि, लेखक, दार्शनिक आदि इस श्रेणी में सम्मिलित किये जाते हैं।

(ब) आर्थिक (Economic) – जो व्यक्ति प्रायः धन की चिन्ता करते हैं वे इस श्रेणी के लोग माने जाते हैं। व्यापारी, दुकानदार, उद्योगपति आदि इस श्रेणी में आते हैं। इस श्रेणी में वे लोग भी शामिल किये जाते हैं जो प्रत्येक कार्य को लाभ की दृष्टि से करते हैं।

(स) सामाजिक (Social) – इस श्रेणी के लोग सामाजिक होते हैं। इनमें सहानुभूति, दया, सहिष्णुता तथा समाज-सेवा की भावना प्रबल होती है।

(द) राजनीतिक (Political) – राजनैतिक प्रकार के व्यक्तित्व प्रभुत्व, सत्ता तथा नियन्त्रण करने की योग्यता रखते हैं। प्रशासन तथा राजनीति में यह लोग उत्साह से भाग लेते हैं।

(य) धार्मिक (Religious) – धार्मिक प्रवृत्ति के लोग धर्म-कर्म में विश्वास रखने वाले, ईश्वर से डरने वाले होते हैं। संत, पुजारी, भक्त आदि इस श्रेणी में आते हैं।

(र) सौन्दर्यात्मक (Aesthetic) – सौन्दर्य के पुजारी, कलाकार, मूर्तिकार, प्रकृति-प्रेमी, साहित्यकार ऐसे व्यक्ति इस श्रेणी में आते हैं जो प्रत्येक वस्तु को कला की दृष्टि से देखते हैं।

(घ) अन्य दृष्टिकोणों से-

थार्नडाइक ने विचार एवं कल्पना की दृष्टि से व्यक्तियों को तीन भागों में बाँटा-

(1) सूक्ष्म विचारक (Abstract Thinkers)

(2) प्रत्यक्ष प्रचारक (Idea Thinkers)

(3) स्थूल विचारक (Concrete Thinkers)।

टरमैन ने बुद्धि-लब्धि के आधार पर व्यक्तित्व का निम्नलिखित श्रेणी-विभाजन किया:-

(1) जङ (Idiot), (2) मूढ़ (Imbecile), (3) मूर्ख (Moron), (4) हीन-बुद्धि (Feeble-minded), (5) निर्बल बुद्धि (Boarder), (6) मन्द-बुद्धि (Dull), (7) सामान्य (Normal), (8) उत्कृष्ट (Superior), (9) अत्युकृष्ट (Very Superior), (10) प्रतिभाशाली (Genious), तथा (11) अति प्रतिभाशाली (Super Genious)।

वर्तमान समय में जुंग (Jung) का वर्गीकरण सर्वोत्तम माना जाता है।

जुंग का श्रेणी-विभाजन निम्न प्रकार से है:

व्यक्तित्व क्या है व्यक्तित्व के प्रकार - vyaktitv kya hai vyaktitv ke prakaar

उपर्युक्त प्रकारों का सामान्य परिचय निम्न है:

1. अन्तर्मुखी व्यक्तित्व (INTROVERT PERSONALITY)

जुंग ने सर्वप्रथम अन्तर्मुखी प्रकार के व्यक्तित्व बतलाये। इस प्रकार के व्यक्तित्व में निम्नलिखित विशेषताएँ पाई जाती हैं-

1. अन्तर्मुखी व्यक्ति अपने में ही मस्त रहते हैं। ये एकान्तप्रिय तथा एकाकी होते हैं। सामाजिकता का इनमें अभाव होता है।
2. अन्तर्मुखी कम बोलने वाले, लज्जाशील तथा अपने काम से काम रखने वाले होते है।
3. ये साहित्यिक तथा आध्यात्मिक विषयों के अध्ययन में रुचि रखते हैं।
4. ये वर्तमान समस्याओं पर अपना ध्यान अधिक केन्द्रित करते हैं।
5. विचार-प्रधान तार्किक अन्तर्मुखी वे व्यक्ति होते है जो निरन्तर सत्य की खोज में रहते हैं।
6. विचार-प्रधान दिव्य दृष्टि युक्त अन्तर्मुखी वे व्यक्ति होते हैं जो परम सत्य को प्राप्त करने हेतु दिव्य दृष्टि का विकास करने की चिन्ता करते हैं। महात्मा दयानन्द, बुद्ध, ईसा मसीह आदि इस श्रेणी में आते हैं।

7. भावप्रधान तार्किक अन्तर्मुखी अपने में दुःखी तथा अपने दुःखों को तार्किक ढंग से प्रस्तुत करने वाले होते हैं।
8. भावप्रधान दिव्य दृष्टि युक्त अन्तर्मुखी व्यक्ति सत्य की खोज में रत रहकर संसार को प्रकाश देने वाले महापुरुष होते हैं।
9. अन्तर्मुखी व्यक्ति अपनी वस्तुओं तथा कष्टों के प्रति सदैव सजग रहते हैं।
10. स्वभाव से ये सन्देही तथा शंकालु होते हैं।
11. मनोविनोद करना इन्हें पसन्द नहीं तथा दूसरों के साथ हँसी-मजाक में भाग नहीं लेते हैं।

2. बहिर्मुखी व्यक्तित्व (EXTROVERT PERSONALITY)

बहिर्मुखी व्यक्तित्व में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं –

  1. बहिर्मुखी अत्यन्त सामाजिक तथा वाचाल होते हैं।
  2. बहिर्मुखी दूसरों के साथ बङी जल्दी ही मित्रता स्थापित कर लेते हैं।
  3. ये अत्यन्त ही मनोविनोदी तथा मस्त रहने वाले होते हैं।
  4. बहिर्मुखी काफी आदर्शवादी, धैर्यवान तथा कार्यशील होते हैं।
  5. ये वातावरण से शीघ्र प्रभावित होते हैं।
  6. ये प्रायः रूढ़िवादी होते हैं।
  7. इनका चेतन मन स्वार्थ रहित होता है।
  8. विचार-प्रधान, तार्किक बहिर्मुखी अपना जीवन तर्क-प्रधान कार्यों से व्यतीत करते हैं, जैसे-वकील, शिक्षक, नेता आदि।
  9.  विचार-प्रधान भावयुक्त व्यक्ति अपने विचारों को तार्किक ढंग से प्रयुक्त नहीं कर पाते किन्तु स्वयं ही अच्छे-अच्छे कर लेते हैं, जैसे – सुभाष बोस, हिटलर आदि।
  10. भावप्रधान बहिर्मुखी कल्पना-प्रधान होते हैं। यह गुण स्त्रियों में प्रायः पाया जाता है।

जुंग ने उपर्युक्त दो विषम प्रकारों में सुधार कर बाद में उभयमुखी (Ambivert) प्रकार और बतलाया। उभयमुखी व्यक्तित्व वह है जिसमें कुछ गुण अन्तर्मुखी के हो तथा कुछ गुण बहिर्मुखी के हों। ये यथार्थवादी तथा वास्तविकतावादी होते हैं। विश्व में इन्हीं की संख्या सर्वाधिक है। वास्तविकता तो यह है कि शुद्ध रूप में न तो पूर्ण अन्तर्मुखी मिलते हैं और न पूरी तरह बहिर्मुखी।

आज के आर्टिकल में हमने आपको व्यक्तित्व के प्रकार (Vyaktitva ke Prakar) की पूरी जानकारी दी है ,हम आशा करते है कि इससे आपको जरुर फायदा मिलेगा ।

संवेगात्मक बुद्धि क्या है ?

अधिगम क्या है ?

व्यक्तित्व क्या है ?

व्यक्तित्व कितने प्रकार के होते हैं?

युंग तथा अन्य प्रमुख मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तियों के व्यक्तित्व को दो भागों में बांटा- बहिर्मुखी और अंतर्मुखी। इसी तरह से कई अन्य मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व को तीन भागों में बांटा- अंतर्मुखी, बहिर्मुखी और उभयमुखी। आइजैनक (1970, 1975) ने व्यक्तित्व को चार भागों में बांटा- अंतर्मुखी, बहिर्मुखी, स्थिर और अस्थिर।

व्यक्तित्व क्या है उनके प्रकारों का वर्णन करें?

व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति व्यक्ति के आचार–विचार, व्यवहार क्रियाओं एवं उसकी गतिविधियाँ होती हैं । व्यक्ति के आचरण व्यवहार में शारीरिक मानसिक. संवेगात्मक और सामाजिक गुणों का मिश्रण होता है जिसमें एकरूपता एवं व्यवस्था पाई जाती है । इस प्रकार व्यक्तित्व व्यक्ति के व्यवहार का समग्र गुण है।

व्यक्तित्व के 3 प्रकार कौन से हैं?

नेचर ह्यूमन बिहेवियर में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि चार व्यक्तित्व प्रकार हैं - औसत, आरक्षित, रोल-मॉडल और स्व-केंद्रित - और ये निष्कर्ष सामान्य रूप से व्यक्तित्व के बारे में सोच को बदल सकते हैं।