अक्रिय गैस (Inert gas) उन गैसों को कहते हैं जो साधारणतः रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग नहीं लेतीं और सदा मुक्त अवस्था में प्राप्य हैं। इनमें हीलियम, निऑन, आर्गान, क्रिप्टॉन,जीनॉन और रेडॉन सम्मिलित हैं। इनमें से रेडॉन रेडियो-सक्रिय है। समस्त अक्रिय गैसें रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन होती हैं। स्थिर दाब और स्थिर आयतन पर इन गैसों की विशिष्ट उष्माओं का अनुपात १.६७ के बराबर होता है जिससे पता चलता है कि ये सब एक-परमाणुक गैसें हैं।अक्रिय गैस Xe फ्लूराइड को बनाता है।
आजकल 'अक्रिय गैस' कहने के बजाय इन्हें उत्कृष्ट गैस (Noble gases) के नाम से जाना जाता है क्योंकि ये गैसे पूर्णतः 'अक्रिय' नहीं हैं बल्कि इनमें से अनेकों उत्कृष्ट गैसों के यौगिक आजकल ज्ञात हैं।
उपयोग[संपादित करें]
उक्त गैसों के उपयोग निम्नलिखित हैं:
हीलियम[संपादित करें]
यह गुब्बारों और वायुपोतों में भरने के काम में आती है। गहरे समुद्र में गोता लगाने वाले साँस लेने के लिए वायु के स्थान पर हीलियम और आक्सीजन का मिश्रण काम में लाते हैं। ()
नीऑन[संपादित करें]
बहुत कम दाब पर नीआन से भरी ट्यूबों में से विद्युत गुजारने पर नारंगी रंग की चमक पैदा होती है जिसका विद्युत संकेतों में उपयोग किया जाता है।
आर्गन[संपादित करें]
26 प्रतिशत नाइट्रोजन के साथ मिलाकर आर्गन विद्युत के बल्बों में तथा रेडियो वाल्बों और ट्यूबों में प्रयुक्त होती है। आर्गन का उपयोग मुख्यतः बिजली के बल्ब भरने में किया जाता है।
अन्य[संपादित करें]
- क्रिप्टान: यह एक रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन गैस है जो बहुत ही छोटी मात्रा में हमारे वायुमंडल में पाई जाती है।
- जीनॉन: इसका प्रयोग किसी काम में नहीं होता है।
- रेडान: यह घातक फोड़ों और ठीक न होने वाले घावों के इलाज में काम आती है।
निष्क्रिय गैसें (inert gases) ऐसे
रासायनिक तत्व हैं जो साधारण परिस्थितियों में बिना किसी रंग, गंध या स्वाद के गैस
रूप में रहते हैं। इस गैस में केवल एक परमाणु वाले कण होते हैं क्योंकि निष्क्रिय रासायनिक तत्व आमतौर पर किसी भी तत्व के साथ
रासायनिक अभिक्रिया (रियैक्शन) करके अणु नहीं बनाते हैं। ऐसे तत्वों को शाही गैस (noble gas) भी कहा जाता है। प्रकृति में छह निष्क्रिय गैसें मिलती हैं: हिलियम (He), नियोन (Ne), आर्गन (Ar),
क्रिप्टोन (Kr), ज़ीनोन (Xe) और रेडोन (Rn)। यह गैसें
आवर्त सारणी (पीरियोडिक टेबल) के १८वें स्त्म्भ में मिलती
हैं।[1][2][3]
साधारण रूप से निष्क्रिय गैसें और उत्कृष्ट गैसें किसी रासायनिक प्रतिक्रिया का भाग नहीं बनती।[4]
निष्क्रिय गैसें (inert gases) ऐसे रासायनिक तत्व हैं जो साधारण परिस्थितियों में बिना किसी रंग, गंध या स्वाद के गैस रूप में रहते हैं। इस गैस में केवल एक परमाणु वाले कण होते हैं क्योंकि निष्क्रिय रासायनिक तत्व आमतौर पर किसी भी तत्व के साथ रासायनिक अभिक्रिया (रियैक्शन) करके अणु नहीं बनाते हैं। ऐसे तत्वों को शाही गैस (noble gas) भी कहा जाता है। प्रकृति में छह निष्क्रिय गैसें मिलती हैं: हिलियम (He), नियोन(Ne), आर्गन (Ar), क्रिप्टोन (Kr), ज़ीनोन (Xe) और रेडोन (Rn)। यह गैसें आवर्त सारणी (पीरियोडिक टेबल) के १८वें स्त्म्भ में मिलती हैं।
साधारण रूप से निष्क्रिय गैसें और उत्कृष्ट गैसें किसी रासायनिक प्रतिक्रिया का भाग नहीं बनती।
अध्ययन की आवश्यकता[संपादित करें]
आजकल दैनिक जीवन में निष्क्रिय तत्वो का उपयोग बढ गया है विभिन्न वस्तुओ तथा विभिन्न क्षेत्रो में जैसे विज्ञापन उद्योग चिकित्सा रिसर्च विभिन्न क्षेत्रों में होता है इन तत्वो की जानकारी हमे होना आवश्यक है
निष्कर्ष[संपादित करें]
इन 18वें समूह के तत्वों के बहुत उपयोग हैं। इनकी अभिक्रियाशीलता कम है। ये गैसें हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा हैं। गुब्बारे मे हिलियम, बल्ब मे नियॉन, लेजर उपकरण तथा कैंसर के इलाज में इन गैसों का उपयोग होता है।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- उत्कृष्ट गैस
- आवर्त सारणी
- गैस
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ Holloway, John H. (1968). Noble-Gas Chemistry. London: Methuen Publishing. ISBN 0-412-21100-9.
- ↑ Greenwood, N. N.; Earnshaw, A. (1997). Chemistry of the Elements (2nd ed.). Oxford:Butterworth-Heinemann. ISBN 0-7506-3365-4.
- ↑ Ojima, Minoru; Podosek, Frank A. (2002). Noble Gas Geochemistry. Cambridge University Press. ISBN 0-521-80366-7.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 दिसंबर 2019.
हीलियम (He), निऑन (Ne), ऑर्गन (Ar), क्रिप्टान (Kr) जेनान (Xe) तथा रेडॉन (Rn) आवर्त सारणी के शून्य वर्ग के तत्व हैं। शून्य वर्ग के तत्व रासायनिक दृष्टि से निष्क्रिय होते हैं। इस कारण इन तत्वों को अक्रिय गैस (Inert gas) या उत्कृष्ट गैस (Noble Gases) कहा जाता है। रेडॉन (Rn) को छोड़कर अन्य सभी अक्रिय गैसें वायुमंडल में पायी जाती हैं। अक्रिय गैसों की खोज का श्रेय
लोकेयर, रैमजे, रैले आदि को जाता है। अक्रिय गैसों की प्राप्ति दुर्लभ होने के कारण उन्हें दुर्लभ गैस भी कहा जाता है। हीलियम (Helium): हीलियम एक हल्की और अज्वलनशील गैस है। यह ब्रह्मांड में दूसरा सर्वाधिक पाया जाने वाला तत्व है। इसकी खोज फ्रैंकलैण्ड और लोकेयर ने की। हीलियम का उपयोग वायुयान के टायरों में भरने में किया जाता है। हल्की गैस होने के कारण हीलियम
वायुयान को ऊपर उठाता है। मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए बैलून में हीलियम गैस भरकर उसे छोड़ा जाता है। हीलियम और ऑक्सीजन का मिश्रण गहरे समुद्रों में गोताखोरों द्वारा वायु के स्थान पर प्रयोग किया जाता है, क्योंकि अधिक दाब पर हीलियम नाइट्रोजन की अपेक्षा रक्त में कम विलेय होता है। अस्पतालों में दमा के रोगों को कृत्रिम सांस के रूप में हीलियम और ऑक्सीजन गैस का मिश्रण दिया जाता है। द्रव हीलियम का उपयोग निम्न ताप पर प्रयोगों में निम्न तापीय अभिकर्मक के रूप में किया जाता है।
नियॉन (Neon): नियॉन का उपयोग स्फुरदीप्ति बल्बों में तथा चमकने वाले विज्ञापनों में किया जाता है। नियॉन लैम्प का प्रयोग हवाई अड्डों पर विमान चालकों को संकेत देने के लिए किया जाता है, क्योंकि यह प्रकाश कोहरे में अधिक चमकता है। नियॉन विसर्जन लैम्पों व ट्यूबों तथा प्रतिदीप्ति बल्बों में भरी जाती है, जिनको विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
आर्गन (Argon): आर्गन (Ar) प्रकृति में वायुमंडल में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला अक्रिय गैस है। इसकी खोज रैमजे (Ramsay) ने की है। आर्गन का उपयोग विद्युत् बल्बों में भरने में किया जाता है, क्योंकि इसकी उपस्थिति में विद्युत् बल्ब का तन्तु (Filament) ज्यादा समय तक सुरक्षित रहता है। आर्गन (Ar) का उपयोग उच्च तापीय धातुकर्मिक प्रक्रियाओं धातुओं अथवा मिश्रधातुओं की आर्क वेल्डिग में निष्क्रिय वातावरण उत्पन्न करने में भी किया जाता है।
जेनॉन (Xenon) : सर्वाधिक यौगिक बनाने वाला अक्रिय गैस जेनॉन है।
रेडॉन (Redon) : रेडॉन एक रेडियोसक्रिय तत्व है। इसका उपयोग रेडियोथेरेपी (Radiotheraphy) के रूप में कैन्सर रोग के इलाज में होता है।