मुद्रा को विनिमय के रूप में क्यों स्वीकार किया जाता है?मुद्रा विनिमय किसे कहते हैं उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए मुद्रा के कार्य मुद्रा की विशेषता मुद्रा क्या है मुद्रा का अर्थ और परिभाषा 1 Answers मुद्रा का एक मुख्य लक्षण यह है कि इसे लोग बिना किसी संदेह के सौदों तथा ऋणों के भुगतान के लिए स्वीकार करते हैं। मुद्रा को प्रत्येक व्यक्ति बिना किसी दबाव के स्वयं इच्छा से स्वीकार करता है। मुद्रा विनिमय का माध्यम तथा मूल्य का मापक है। मुद्रा एक साधन है साध्य नहीं है। मद्रा पर सरकारी नियंत्रण रहता है। मद्रा को सबसे अधिक तरल माना जाता है। इसलिए मुद्रा को विनिमय के रूप में स्वीकार किया जाता है। 1 मुद्रा को विनिमय के माध्यम के रूप में क्यों स्वीकार किया जाता है ?`?1. विनिमय का माध्यम: मुद्रा का प्राथमिक कार्य यह है कि यह विनिमय के माध्यम का कार्य करती है। इसका तात्पर्य यह है कि लोग मुद्रा की सहायता से वस्तुएं और सेवाओं का क्रय-विक्रय कर सकते हैं। वस्तु के विक्रेता द्वारा मुद्रा प्राप्त की जाती है तथा वस्तु के क्रेता द्वारा मुद्रा का भुगतान किया जाता है ।
मुद्रा के विनिमय का माध्यम क्यों कहा जाता है?एक व्यक्ति अपने उत्पादित वस्तु को मुद्रा के बदले बेचकर इसका उपयोग अपनी ज़रूरत की वस्तु को खरीदने में कर सकता है। यद्यपि मुद्रा की मुख्य भूमिका विनिमय को सुगम बनाना है, किंतु यह अन्य उद्देश्यों की पूर्ति में भी सहायक होता है । आधुनिक अर्थव्यवस्था में मुद्रा के निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण कार्य हैं।
मुद्रा विनिमय का एक माध्यम है कैसे?मुद्रा (Money) ऐसी वस्तु या आधिकारिक प्रमाण होता है जो माल और सेवाओं को खरीदने के लिए और ऋणों व करों के भुगतान के लिए स्वीकार्य होता है। मुद्रा का मुख्य कार्य विनिमय का माध्यम (medium of exchange) होना और मूल्य का कोश (store of value) होना है।
मुद्रा को विनिमय के माध्यम के रूप में क्या सुधार किया जाता है?थोक विक्रेता वही माल उपभोक्ताओं को मुद्रा के बदले में बेचते हैं। इसी प्रकार समाज का प्रत्येक वर्ग अपनी सेवाओं के बदले में मुद्रा प्राप्त करता है और उससे अपनी आवश्यकता की वस्तु खरीद लेता है। मुद्रा ने विनिमय माध्यम का कार्य करके वस्तु विनिमय की असुविधाओं को दूर कर दिया है।
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