18 मई को कौन सा नक्षत्र है? - 18 maee ko kaun sa nakshatr hai?

Aaj Ka Panchang In Hindi, Today Panchang In Hindi, Online Hindi Panchang for 18 May 2022, Today Tithi 18 May 2022, Aaj ka Panchang, Aaj ka Muhurat, Aaj ka Shubh Samay, Shubh and Ashubh Muhurat, Auspicious time, Muhurat Timing, Choghadiya Muhurat for 18 May. किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त, शुभ समय, अशुभ समय का विशेष ध्यान रखा जाता है ताकि कार्य शुभ हो। अगर आप पंचांग देखकर शुभ कार्य को करते हैं तो आपका कार्य बिना किसी कठिनाई के संपन्न होगा और फलेगा, सफलता मिलेगी। 18 May 2022 panchang: आज का पंचांग कैसा है शुभ कार्य करने के लिए 18 May 2022, बुधवार आज दिनांक 18 May 2022 तिथि, नक्षत्र, सूर्योदय, सूर्यास्त, शुभ समय कब से कब तक है, अशुभ समय कब है, राहु काल की जानकारियां, आज का पर्व त्यौहार मई १८, २०२२ पंचांग और शुभ मुहूर्त की विस्तृत जानकारियां। बुधवार, 18 मई 2022 का पंचांग

वार बुधवार, 18 मई 2022
तिथि तृतीया 11:36 PM तक उसके बाद चतुर्थी
नक्षत्र ज्येष्ठा 08:10 AM तक उसके बाद मूल
पक्ष कृष्ण पक्ष
माह ज्येष्ठ
सूर्योदय 05:12 AM
सूर्यास्त 06:37 PM
चंद्रोदय 09:19 PM
चन्द्रास्त 06:52 AM

Auspicious Timings : आज का शुभ समय जिसमे शुभ मुहूर्त किया जा सकता है। आज दिनांक बुधवार 18 मई 2022 का शुभ टाइम। अगर कोई शुभ कार्य करने जा रहे हैं तो अभिजीत समय में करें। उसके बाद अन्य में कर सकते हैं जब अभिजीत का समय नहीं हो तो।

अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं है
अमृत काल मुहूर्त

11:54 PM से 01:20 AM, May 19

विजय मुहूर्त 02:09 PM से 03:02 PM
गोधूलि मुहूर्त 06:24 PM से 06:48 PM
सायाह्न संध्या मुहूर्त 06:37 PM से 07:41 PM
निशिता मुहूर्त 11:33 PM से 12:15 AM, May 19
ब्रह्म मुहूर्त 03:47 AM, May 19 से 04:29 AM, May 19
प्रातः संध्या 04:08 AM, May 19 से 05:11 AM, May 19

Inauspicious Timings : आज का अशुभ समय शुभ कार्य नहीं किया जा सकता है। आज दिनांक बुधवार 18 मई 2022 का अशुभ समय।

दुष्टमुहूर्त 11:27:41 से 12:21:21 तक
कालवेला / अर्द्धयाम 06:05:38 से 06:59:18 तक
कुलिक

11:27:41 से 12:21:21 तक

यमघण्ट 07:52:59 से 08:46:39 तक
कंटक 16:49:44 से 17:43:24 तक
यमगण्ड 06:52:36 से 08:33:14 तक
राहुकाल 11:54:31 से 13:35:09 तक
गुलिक काल 10:13:53 से 11:54:31 तक
भद्रा

01:17 PM से 11:36 PM

गण्ड मूल

पूरे दिन

विशेष मुहूर्त और योग : कुछ शुभ मुहूर्त होते हैं जैसे सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, गुरुपुष्यामृत और रविपुष्यामृत योग। जब किसी कार्य को करना हो और मुहूर्त उस समय नहीं हो तो इन विशेष योग या महूर्त में शुभ कार्य किया जाता है। यदि सोमवार के दिन रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा तथा श्रवण नक्षत्र हो तो सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण होता है। शुभ मुहूर्तों में सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है- गुरु-पुष्य योग। यदि गुरुवार को चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में हो तो इससे पूर्ण सिद्धिदायक योग बन जाता है। जब चतुर्दशी सोमवार को और पूर्णिमा या अमावस्या मंगलवार को हो तो सिद्धिदायक मुहूर्त होता है। आज का शुभ योग जिसमे कोई भी मुहूर्त किया जा सकता है। ये योग बहुत ही शुभ होते है किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए। Shubh Muhurat - 18 May 2022

अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं है
सर्वार्थ सिद्धि योग

कोई नहीं है

अमृत सिध्दि योग कोई नहीं है
रवि योग

कोई नहीं है

द्विपुष्कर योग कोई नहीं है
त्रिपुष्कर योग कोई नहीं है

आज का व्रत / पर्व त्यौहार मई १८, २०२२ हिंदू पंचांग और कैलेंडर के अनुसार कोई नहीं है

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विनोद शुक्ला Updated Wed, 18 May 2022 07:43 AM IST

सार

शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम - प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

18 मई को कौन सा नक्षत्र है? - 18 maee ko kaun sa nakshatr hai?

पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

18 मई 2022 का दैनिक पंचांग

Aaj Ka Panchang: हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।

तिथि    तृतीया 23:38 तक
नक्षत्र   ज्येष्ठा

08:04 तक

करण

वणिजा
विष्टि

13:19 तक
23:38 तक

पक्ष कृष्ण पक्ष  
वार    बुधवार  
योग    सिद्ध 18:38 तक
सूर्योदय 05:33  
सूर्यास्त 19:01  
चंद्रमा    वृश्चिक  
राहुकाल         12:17 − 13:58  
विक्रमी संवत्   2079  
शक सम्वत 1944   
मास ज्येष्ठ  
शुभ मुहूर्त अभिजीत कोई नहीं

पंचांग के पांच अंग तिथि
हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम - प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

नक्षत्र: आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।

वार: वार का आशय दिन से है। एक सप्ताह में सात वार होते हैं। ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए हैं - सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।

योग: नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम - विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।

करण: एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।

18 मई 2022 को कौन सा नक्षत्र है?

आज का नक्षत्र (Aaj Ka Nakshatra) : 18 मई 2022 को पंचांग के अनुसार ज्येष्ठा नक्षत्र है. जो आज प्रात: 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. पंचांग के अनुसार 18 मई 2022 बुधवार को राहुकाल दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से दोपहर 1 बजकर 59 मिनट तक रहेगा.

18 तारीख को कौन सा नक्षत्र है?

भरणी नक्षत्र आकाश मंडल का दूसरा नक्षत्र है. इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह है. शुक्र को भोग विलास, समृद्धि आदि का कारक माना गया है. पंचांग के अनुसार 18 अगस्त 2022, गुरुवार को राहुकाल दोपहर 2 बजकर 3 मिनट से दोपहर 3 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.

18 मई 2022 को तिथि क्या है?

Aaj Ka Panchang आज का पंचांग 18 मई 2022 : तिथि मुहूर्त और शुभ योग का समय जानें राष्ट्रीय मिति वैशाख 28, शक संवत् 1944, ज्येष्ठ, कृष्ण, तृतीया, बुधवार, विक्रम संवत् 2079। सौर ज्येष्ठ मास प्रविष्टे 05, शव्वाल 16, हिजरी 1443 (मुस्लिम), तदनुसार अंग्रेजी तारीख 18 मई सन् 2022 ई०। सूर्य उत्तरायण उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतु।

19 मई का नक्षत्र क्या है?

पूर्वाषाढ़ नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 03 बजकर 17 मिनट तक उपरांत उत्तराषाढ़ नक्षत्र का आरंभ, साध्य योग अपराह्न 02 बजकर 57 मिनट तक उपरांत शुभ योग का आरंभ।