2 इस कहानी का शीर्षक ईदगाह ही क्यों रखा गया इसके अलावा आप कौन सा शीर्षक देना चाहेंगे क्यों? - 2 is kahaanee ka sheershak eedagaah hee kyon rakha gaya isake alaava aap kaun sa sheershak dena chaahenge kyon?

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'ईदगाह' कहानी के शीर्षक का औचित्य सिद्ध कीजिए। क्या इस कहानी को कोई अन्य शीर्षक दिया जा सकता है?

Question

'ईदगाह' कहानी के शीर्षक का औचित्य सिद्ध कीजिए। क्या इस कहानी को कोई अन्य शीर्षक दिया जा सकता है?

Solution

प्रस्तुत पूरी कहानी 'ईद' तथा 'ईदगाह' के सम्मुख घूमती है। हामिद के गाँव में ईदगाह जाने का उल्लास बच्चे से लेकर बूढ़े तक के हृदय में है। सभी वहाँ जाने की तैयारी करते हैं। हामिद के गुणों पर प्रकाश ईदगाह में ही चलता है। अतः इस कहानी का नाम ईदगाह सही दिया गया है। वैसे इसका नाम 'हामिद और उसकी दादी' भी हो सकता था।

इस कहानी का शीर्षक ईदगाह ही क्यों रखा गया इसके अलावा आप कौन सा शीर्षक देना चाहेंगे क्यों?

हामिद के गुणों पर प्रकाश ईदगाह में ही चलता है। अतः इस कहानी का नाम ईदगाह सही दिया गया है। वैसे इसका नाम 'हामिद और उसकी दादी' भी हो सकता था।

इस कहानी का शीर्षक ईदगाह ही क्यों रखा गया?

मेले में बालकों की विविध मनोवृत्तियों के दर्शन होते हैं। कहानी के मुख्य पात्र हामिद के चरित्र की अनेक विशेषताएँ ईदगाह के मेले में ही प्रकट होती हैं। इस प्रकार कहानी की मुख्य प्रवृत्तियों का केंद्र ईदगाह होने से इस कहानी का शीर्षक 'ईदगाह' रखा गया है।

ईदगाह कहानी से हमें क्या संदेश मिलता है?

ईदगाह कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति को प्रत्येक कार्य सोच-समझकर करना चाहिए । सामर्थ्य के अनुसार काम करने पर व्यक्ति प्रशंसा का पात्र बनता है ।

ईदगाह कहानी का उद्देश्य क्या है Class 11?

'मुंशी प्रेमचंद' द्वारा लिखी गई “ईदगाहकहानी एक उद्देश्यपूर्ण कहानी है। यह बाल मनोविज्ञान को गहनता से दर्शाती है। इस कहानी को पढ़कर ज्ञात होता है कि परिस्थितियां उम्र नहीं देखती और एक छोटा सा बालक भी विषम परिस्थितियों में समय से पहले परिपक्व हो जाता है।