20 july 2022 प ज ब क सर अखब र - 20 july 2022 pa ja ba ka sar akhab ra

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राह पकड़ ली है. गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान नरेंद्र मोदी ने इमेज बिल्डिंग के लिए जिस तरह विदेशी पीआर एजेंसियों की मदद ली थी उसी तरह अखिलेश  भी यह तरीका अपना रहे हैं. यहां तक कि अखिलेश ने सपा सरकार की बेहतर कोशिशों को सामने लाने के लिए उसी अमेरिकन पीआर एजेंसी को हायर करने जा रही है, जो पहले मोदी के लिए काम कर चुकी है.

विधानसभा चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते अखिलेश
यूपी में साल 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव को जीतने को लेकर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. दोबारा सत्ता में लौटने के लिए समाजवादी पार्टी अब अमेरिका की कंपनी की मदद लेने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी अपने चुनावी अभियानों के लिए उन लोगों को हायर करने जा रही है जो अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर और बिल क्लिंटन से लेकर मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा तक के चुनावी अभियान को सफल बना चुके हैं. यही नहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी चुनाव के वक्त इमेज बिल्डिंग के लिए इन एजेंसियों का सहारा लिया था. उनमें से एक हैं डेमोक्रेटिक पार्टी के एडवाइजर गेराल्ड जे ऑस्टिन. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और ऑस्टिन के बीच लखनऊ में एक दौर की मुलाकात हो चुकी है.

लंदन में हुई थी अखिलेश की गेराल्ड से मुलाकात
सूत्रों के अनुसार गेराल्ड जे ऑस्टिन से अखिलेश यादव की पहली मुलाकात लंदन में हुई थी. ऑस्टिन ने भी समाजवादी पार्टी के लिए अभियान की योजना बनाने के लिए हामी भर दी है. सूत्रों के अनुसार गेराल्ड ने कहा है कि वह उनके राजनीतिक सलाहकारों और समर्थकों को ट्रेनिंग दे सकते हैं. गौरतलब है कि अखिलेश यादव को नई पीढ़ी का नेता माना जाता है. वे पश्चिमी कार्य पद्धति के कायल रहे हैं. ऐसे में स्वाभाविक ही है कि वे चुनाव जीतने के लिए विदेशी पीआर एजेंसियों का सहारा लें. पार्टी और कार्यकर्ताओं की इमेज बिल्डिंग पर अखिलेश का शुरू से ही जोर रहा है. यही नहीं, सरकार के कामकाज की रिपोर्टिंग करने वाली मीडिया की भी रोजाना स्कैनिंग की जा रही है. इस काम के लिए भी देश की ही एक बड़ी एजेंसी को लगाया गया है, जो रोजाना खबरों की समीक्षा करती है.

नेताओं को अन्तर्राष्ट्रीय पॉलिटिक्स की समझ के लिये दी सलाह
बताया जा रहा है गेराल्ड ने सीएम अखिलेश को सलाह दी है कि वे अपनी पार्टी के नेताओं को इंटरनेशनल पॉलिटिक्स की समझ बढ़ाने के लिए प्रेरित करें. यहां आपको बता दें कि बीते दिनों लंदन यात्रा के दौरान सीएम अखिलेश की ऑस्टिन से मुलाकात हुई थी. अमेरिका के चार-चार प्रेसिडेंट्स का चुनावी कैंपेन सफलतापूर्वक संभाल चुके ऑस्टिन के बारे में सीएम ने भी पूरी जानकारी जुटा रखी है. अमेरिका की डेमोक्रेट पार्टी के चुनाव सलाहकार गेराल्ड ऑस्टिन साल 1968 से ही राष्ट्रपति चुनावों के लिए पार्टी की योजना बनाते रहे हैं. वे चार अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर, बिल क्लिंटन के साथ-साथ बराक ओबामा के चुनाव कैंपेन को पूरी तरह से कामयाब बना चुके हैं.

मुख्यमंत्री ऑस्टिन के काम से हैं संतुष्ट
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री अखिलेश और ऑस्टिन दोनों ने सपा के पब्लिक रिलेशन और इमेज बिल्डिंग पर विस्तार से बात की. मुख्यमंत्री भी ऑस्टिन के काम से काफी संतुष्ट हैं. उन्होंने ऑस्टिन की सेवाएं लेने के लिए अपनी इच्छा भी जाहिर की है. गेराल्ड को सपा के कैंपेनिंग के तरीके बारे में अच्छी तरह से मालूम है. उन्होंने 2012 में सपा के चुनाव प्रचार के तरीकों को अच्छी तरह से परखा है. समाजवादी पार्टी के युवा नेता उनके ट्रैक रिकॉर्ड से काफी परिचित हैं और वे अमेरिकी चुनावों में उनकी भूमिका के बारे में बखूबी जानते हैं. हो सकता है कि वो सपा पार्टी के राजनीतिक सलाहकारों और समर्थकों को ट्रेनिंग दे सकते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने भी हायर की थी पीआर एजेंसी
लोकसभा चुनावों के दौरान मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, बीजेपी के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी ने अपनी इमेज बिल्डिंग के लिए कई अलग-अलग एजेंसियों का सहारा लिया था. इनमें इंटरनेशनल ब्रांडिंग के लिए अलग एजेंसी, सोशल ब्रांडिंग के लिए अलग और लोकल ब्रांडिंग के लिए अलग-अलग फर्म शामिल थीं. मोदी की विदेश और देश में ब्रांडिंग का जिम्मा दो अमेरिकी पीआर फर्म एपीसीओ वर्ल्डवाइड और म्यूचुअल पीआर के पास था. ये दोनों फर्म देश-विदेश में मोदी के पक्ष में न्यूज और ओपिनियन बनवाने का काम करती थीं.

ओबमा और पुतिन की भी इमेज बनाई पीआर एजेंसी ने
अमेरिकी अखबर न्यूयॉर्क टाइम्स मुताबिक, रूस के प्रेसीडेंट व्लादिमीर पुतिन ने अपनी ब्रांडिंग और पीआर का काम अमेरिकी फर्म कैचम को दे रखा है. यही फर्म अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश की इमेज बिल्डिंग का भी काम करती थी. कंपनी की सॉलिड ब्रांडिंग और लॉबिंग के चलते ही पुतिन को 2007 में टाइम मैग्जीन से पर्सन ऑफ द ईयर का अवार्ड मिला था. दिलचस्प बात है कि ये पीआर एजेंसी 2006 से पुतिन की इमेज बिल्डिंग का काम कर रही है. साल 2013 के शुरुआती 6 महीनों में इस एजेंसी ने बतौर फीस 13 करोड़ रुपए लिए थे. वहीं, 2006 से 2012 के बीच ये राशि 200 करोड़ रुपए से ज्यादा थी. वैसे तो अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा ली जा रही पीआर फर्मो की सर्विस के बारे में अमेरिकी मीडिया को ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने फैसलों और खुद को जनता के बीच सही साबित करने के लिए कई बार अलग-अलग पीआर एजेंसियों का सहारा लिया है.

क्या काम होता है पीआर एजेंसियों का
पीआर कंपनियां ब्रांडिंग और इमेज बिल्डिंग का काम कर नेताओं की नकारात्मक छवि को सकारात्मक करने का काम करती हैं. पीआर कंपनियां जनता या टार्गेट ऑडियंस के मन में किसी भी पार्टी की सकारात्मक इमेज बनाने में सक्षम होती हैं फिर चाहे जनता उस पार्टी या व्यक्ति से नाराज ही क्यों न हों. हालांकि, अधिकतर बार हिट होने वाला ये फॉर्मूला कई बार फेल भी हो जाता है. पीआर फर्म जब भी किसी पॉलिटिकल पार्टी या नेता की ब्रांडिंग का काम करती हैं, तो उनका सबसे ज्यादा ध्यान टार्गेट ऑडियंस को प्रभावित करने वाले लोगों और चीजों पर होता है.

एजेंसियां सबसे पहले यूथ वोटर्स के बीच सीरियस इमेज रखने वाले प्रभावशाली लोगों को चुनने का काम करती हैं. कंपनी की ओर से अक्सर ये ध्यान रखा जाता है कि ये लोग राजनीतिक न हों और उनका थोड़ा-बहुत झुकाव पार्टी की ओर हो. समाज के अलग-अलग वर्ग से प्रभावशाली लोगों को चुनने के बाद उनसे आर्टिकल, बाइट और पब्लिक इवेंट में अप्रत्यक्ष तौर पर क्लाइंट (जिसकी ब्रांडिंग करनी हो) की तारीफ या उनकी इमेज को बेहतर करने का काम होता है. इन सबके बीच सोशल साइट्स, मीडिया मैनेजमेंट, स्पीच राइटिंग, प्रेस रिलीज मैनेजेमेंट, पब्लिक इवेंट कराना, वेब ब्लॉग और अन्य जगहों पर भी क्लाइंट की इमेज बिल्डिंग का काम जारी रहता है.