4 फ्रांस की क्रांति में वहां के दार्शनिकों का क्या योगदान था ?`? - 4 phraans kee kraanti mein vahaan ke daarshanikon ka kya yogadaan tha ?`?

विषयसूची

  • 1 १८४८ में फ्रांस का राजा कौन था?
  • 2 फ्रांस में 1830 की क्रांति के समय उदारवादियों का नेता कौन था?
  • 3 लुई फिलिप ब्रांड को छोड़कर इंग्लैंड कब भागा था?
  • 4 फ्रांसीसी क्रांति के समय फ्रांस पर किसका शासन था?
  • 5 लुई फिलिप के खिलाफ आंदोलन में श्रमिकों का नेता कौन था?
  • 6 फ्रांस में द्वितीय गणतंत्र की स्थापना कब हुई?

१८४८ में फ्रांस का राजा कौन था?

इसे सुनेंरोकेंलुई फिलिप (Louis Philippe ; 6 अक्टूबर 1773 – 26 अगस्त 1850) 1830 से 1848 तक फ्रांसीसी लोगों का राजा था। वह अन्तिम फ्रांसीसी राजा था। सन १८४८ की फ्रांस की क्रांति के फलस्वरूप उसे गद्दी छोड़नी पड़ी।

इसे सुनेंरोकेंलुई फिलिप (Louis Philippe ; 6 अक्टूबर 1773 – 26 अगस्त 1850) 1830 से 1848 तक फ्रांसीसी लोगों का राजा था।

फ्रांस में 1830 की क्रांति के समय उदारवादियों का नेता कौन था?

इसे सुनेंरोकेंइस क्रांति का नेतृत्व वयोवृद्ध नेता लफायत ने किया। विरोध के फलस्वरूप चार्ल्स दशम् को सिंहासन छोड़ना पड़ा।

निम्न में से कौन लुई फिलिप का मुख्यमंत्री था?

इसे सुनेंरोकेंउसका शासन 72 वर्ष एवं 110 दिनों का था जो यूरोप के इतिहास में किसी भी राजा के शासनकाल से बड़ा है। लुई ने अपने मुख्यमंत्री कार्डिनल माजरीन की मृत्यु के बाद 1661 में फ्रांस पे अपने व्यक्तिगत शासन की शुरुआत की।

2 1848 की फ्रांसीसी क्रांति के क्या कारण थे?`?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर-1848 ई. की क्रान्ति का मुख्य कारण लुई फिलिप की आन्तरिक और बाह्य नीतियाँ थीं, जिनके कारण फ्रांस में उसका शासन अलोकप्रिय हो गया। 1848 ई. में फ्रांस में जो क्रान्ति हुई, वह केवल फ्रांस तक ही सीमित नहीं रही, वरन् इस क्रान्ति की चपेट में सम्पूर्ण यूरोप आ गया।

लुई फिलिप ब्रांड को छोड़कर इंग्लैंड कब भागा था?

इसे सुनेंरोकेंत्याग और मृत्यु (1848-50) वह इंग्लैंड भाग गया और अपने अंतिम वर्षों को ‘कॉम्टे डी न्यूली’ के रूप में गुप्त रूप से बिताया। फ्रांस की नेशनल असेंबली ने शुरू में युवा फिलिप को राजा के रूप में स्वीकार करने की योजना बनाई, लेकिन जनमत की मजबूत धारा ने इसे खारिज कर दिया। 26 फरवरी को, दूसरा गणराज्य घोषित किया गया था।

फ्रांसीसी क्रांति के समय फ्रांस पर किसका शासन था?

इसे सुनेंरोकेंचतुर्थ चरण (1799-1814 ई) 1799 में नेपोलियन ने डायरेक्टरी के शासन का अंत किया और फ्रांस का प्रथम काउन्सल बना और 1804 ई.

फ्रांस की क्रांति में वहां के दार्शनिकों का क्या योगदान था?

इसे सुनेंरोकेंवाल्टेयर, दीदरो, मोंटेस्कू एवं रूसो के विचारों को फ्रांसीसी क्रांति के उद्भव से जोड़कर देखा जाता है। इन विचारकों ने राजतंत्र, चर्च एवं कुलीन वर्ग पर प्रहार कर पुरातन व्यवस्था की वैधता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। इन विचारकों ने लोगों का ध्यान राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं की ओर आकर्षित किया।

उदारवाद की परिभाषा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउदारवाद (Liberalism) वह विचारधारा है जिसके अंतर्गत मनुष्य को विवेकशील प्राणी मानते हुए सामाजिक संस्थाओं को मनुष्यों की सूझबूझ और सामूहिक प्रयास का परिणाम समझा जाता है। उदारवाद की उतपति को 17वी शताब्दी के प्रारंभ से देखा जा सकता हैं। जॉन लॉक को उदारवाद का जनक माना जाता है।

लुई फिलिप के खिलाफ आंदोलन में श्रमिकों का नेता कौन था?

इसे सुनेंरोकेंफ्रैडरिक बास्तियात, उस समय के सबसे लोकप्रिय राजनैतिक लेखकों में उसकी गिनती होती थी। उसने भी क्रांति में भाग लिया। लुई ब्लां – द्वितीय रिपब्लिक में श्रमिकों के दो प्रतिनिधियों में से एक था।

फ्रांस में द्वितीय गणतंत्र की स्थापना कब हुई?

इसे सुनेंरोकेंदसवें चार्ल्स ने जब 1830 ई. में नियंत्रित राजतंत्र के स्थान में निरंकुश शासन स्थापित करने की चेष्टा की, तो तीन दिन की क्रांति के बाद उसे हटाकर लूई फिलिप के हाथ में शासन दे दिया गया। सन्‌ 1848 में वह भी सिंहासनच्युत कर दिया गया और फ्रांस में द्वितीय गणतंत्र की स्थापना हुई।

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फ्रांस की क्रांति में वहां के दर्शनी को का क्या योगदान था?

राजनीतिक परिस्थितियाँ फ्रांस में निरंकुश राजतंत्र था जो राजत्व के दैवी सिद्धान्त पर आधारित था। इसमें राजा को असीमित अधिकार प्राप्त थे और राजा स्वेच्छावादी था। चौदहवें लुई के शासनकाल में (1643-1715) निरंकुशता अपनी पराकाष्ठा पर थी।

फ्रांसीसी क्रांति में दार्शनिकों और विचारकों की क्या भूमिका थी तीन उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए?

(3) रूसो - रूसो का जन्म जेनेवा के एक घड़ीसाज के परिवार में हुआ था। सम्भवतः रूसो ही एक ऐसा विचारक था जिसने फ्रांस की क्रान्ति के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया। यद्यपि उसका व्यक्तिगत जीवन दूषित एवं कलंकित था, तथापि उसके राजनीतिक एवं सामाजिक विचारों में मौलिकता थी

फ्रांस की क्रांति में मुख्य भूमिका किसकी थी?

फ्रांसीसी क्रांति फ्रांस के इतिहास में राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल और आमूल परिवर्तन की अवधि थी, जिसके दौरान फ्रांस की सरकारी सरंचना जो पहले कुलीन और कैथोलिक पादरियों के लिए सामंती विशेषाधिकारों के साथ पूर्णतया राजशाही पद्धति पर आधारित थी, अब उसमें आमूल परिवर्तन हुए और यह नागरिकता और अविच्छेद्य अधिकारों के प्रबोधन ...