गाँव के घर की रीढ़ क्यों झुरझुराती है, इस झुरझुराहट के क्या कारण हैं ? - gaanv ke ghar kee reedh kyon jhurajhuraatee hai, is jhurajhuraahat ke kya kaaran hain ?

Content in this page hide

Inter Hindi subjective question 2022:- दोस्तों अगर आप कक्षा बारहवीं के छात्र हैं और बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा 2022 में अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहते हैं तो आपको यहां पर सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं ऑनलाइन टेस्ट उपलब्ध है । धन्यवाद । Class 12th Hindi Chapter-13. (पध खण्ड) गाँव का घर-ज्ञानेन्द्रपति (लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय), Inter Exam 2022 science, Arts, Commerce Subjective Question,class 12th Hindi objective and subjective question 2022class 12th Hindi objective and subjective question 2022


प्रश्न 1. ज्ञानेंद्रपति ने अपने गाँव को किस-किस की जन्मभूमि बतलाया है? 

उत्तर⇒कवि ज्ञानेन्द्रपति ने अपने गाँव को लोकगीत, शोकगीत, लालटेन, अंधकार, गरीबी, उदासी आदि की जन्मभूमि बताया है। 


प्रश्न 2. ‘गाँव का घर’ कविता में कवि किस घर की बात कर रहे हैं? 

उत्तर⇒ गाँव का घर कविता में अपनी कविता के माध्यम से कवि ने उन स्मृतियों को खोजा है। बचपन में गाँव का घर, घर की परंपरा ग्रामीण शैली तथा उसके विविध रंग, इन सब तथ्यों को युक्तिसंगत ढंग से इस कविता में दर्शाया गया है। वस्तुतः स्मृतियों का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है। स्मृतियों द्वारा हम आत्मनिरीक्षण करते हैं। इसके द्वारा हमें अपने जीवन की कतिपय विसंगतियों से स्वयं को मुक्त करने का अवसर मिलता है। 


प्रश्न 3. पंच परमेश्वर के खो जाने को लेकर कवि चिंतित क्यों हैं? 

उत्तर⇒कवि नवपूँजीवाद आर्थिक उदारीकरण के दौर में अपनी संस्कृति मर्यादा को बचाये रखना चाहते हैं। उसके कार्य-कलाप जीवन की भिन्न-भिन्न समस्यायों का निराकरण करते हैं। कवि के गाँव छूट जाने के कारण इस दौर में नवपूँजीवाद के आ जाने के कारण उसका पंच पंचमेश्वर खो गया है। समस्यायों के निदान के तरीके बदल गये हैं। व्यक्ति को सच्चा न्याय नहीं मिल पाता है, इसलिए कवि पंचपरमेश्वर को खो जाने को लेकर चिंतित है। समय के बदलने से समाज की परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं। आधुनिकता की होड़ में बिजली-बत्ती का आगमन हो गया है। इसलिए कवि अतिचिंतित हैं। 


प्रश्न 4. आवाज की रोशनी या रोशनी की आवाज का क्या अर्थ है? 

उत्तर⇒आवाज के अंदर ताकत छिपी हुई, जिससे वह दूर तक किसी को भी सावधान कर दे या व्यवस्था को बदल दे। अथवा वैसा प्रकाश जो आवाज देकर व्यवस्था बदले। 


प्रश्न 5. कैविता में किस शोकगीत की चर्चा है? 

उत्तर⇒नवपूँजीवाद आर्थिक उदारीकरण के युग बदलाव का युग आ जाने के कारण कवि के यहाँ जो लोकगीत की धुनें सुनाई पड़ती थी वह अब सुनाई नहीं देती जिसके कारण जन्मभूमि के छूटने का मोह, उसके बदलने का मोह शोकगीत में बदल जाता है। कविता में इसी शोकगीत की चर्चा है जो आज न गाया जानेवाला अनसुना है। 


Inter Hindi subjective question 2022

प्रश्न 6. सर्कस का प्रकाश-बुलौआ किन कारणों से भरा होगा? 

उत्तर⇒पहले गाँवों में सर्कस आते थे जिनके कारण सारा गाँव जगमगा उठता था। मनोरंजन के ढेर सारे साधन एक ही स्थान पर एकत्रित होते थे। परन्तु इस बदलाव ने आधुनिकता ने वह सब छीन लिए है। अब मनोरंजन के साधन के तरीके बदल गये हैं। उनकी जगह टी. वी. इत्यादि ने ले लिये हैं। यही कारण है कि सर्कस का प्रकाश बुलौआ मर गया होगा। 


प्रश्न 7. कवि की स्मृति में ‘घर का चौखट’ इतना जीवित क्यों है? 

उत्तर⇒इतिहास, परंपरा और स्मृतियों का ज्ञानेन्द्र की कविता में अद्भुत रचाव-बसाव है। कवि की स्मृति में घर का चौखट इसीलिए इतना जीवित है क्योंकि उसने बचपन के दिन अपने गाँव में गुजारे हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए उसकी जन्मभूमि से लगाव होना स्वाभाविक है। बचपन में उसकी चौखट पर टिकली सटा रहता था, ग्वाल दादा दूध देने आते थे। उसके घर के प्रति मोह ही है जो उसे याद दिलाये रहता है। वह मोह से दूर नहीं जा पाता है। वह अपने निजी संबंध, सामाजिक रिश्ते को कैसे भूल सकता है। यह बचपन की स्मृतियाँ उसे एक सम्प्रति संसार की रचना करता है जिसकी स्मृतियों को भूल नहीं पाता है। कारण, जीवन के बिताए हुए क्षणों की स्मृतियाँ, मोह। वह सामाजिक सरोकार से जुड़कर अपनी स्मृतियाँ बरकरार रखना चाहता है। यही कारण है कि कवि की स्मृति में घर का चौखट इतना जीवित है। 


प्रश्न 8. गाँव के घर की रीढ़ किनसे झुरझुराती है, इस झुरझुराहट के क्या कारण हैं ? 

उत्तर⇒गाँव की प्रकृति शहरों से अलग होती है। उसकी चकाचौंध में गाँव जीवित नहीं रह सकता। गाँव की गोद में जंगल थे। परन्तु वह भी काटे जा रहे हैं। प्रकृति का विनाश हो रहा है। आधुनिकीकरण का दौर इस प्रकार चढ़ा है कि गाँव की संस्कृति बहरहाल नष्ट होती जा रही है। ऐसे लगता है मानो कोई समस्या इसे लील रही है, मुँह बाये खड़ी है। अदालत और अस्पताल के चक्कर से मनुष्य तो परेशान हैं ही उनके शोर-गुल से उसकी परंपरा मिट्टी में मिलती जा रही है। इन अदालतों में लड़ाई-झगड़े तथा अस्पतालों में बीमारी के बढ़ने के कारण पूरा परिसर बदहाल हो गया। इनके बुलावा से गाँव की रीढ़ झुरझुराती है और यही इस झुरझुराहट का कारण है। 


प्रश्न 9. ‘गाँव का घर’ कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखें। अथवा, ‘गाँव का घर’ में ज्ञानेन्द्रपति ने क्या कहना चाहा है? स्पष्ट करें। 

उत्तर⇒ज्ञानेन्द्रपति समकालीन कवि हैं। वे नवपूँजीवाद और आर्थिक उदारवाद के कारण ग्रामीण संस्कृति में जो बहुआयामी बदलाव आया है उस संस्कृति को नष्ट होता हुआ देख दुखी होते हैं। उन्होंने जो बचपन के दिन गुजारे हैं वह स्मृतियों में बस जाता है। इसलिए वे गाँव का घर याद करते हैं। कवि घर के अंत:पुर की चौखट याद करता है। वह देखता है कि घर के चौखट से पार होकर जैसे ही बाहर निकलता है तो बदलाव देखकर क्षुब्ध होता है। वह तरह-तरह के उपमाओं द्वारा कहता है कि जिस घर के भीतर खाँस कर आना पड़ता था अर्थात् घर में नयी कन्याओं के आने पर बुजुर्ग लोग घर में प्रवेश करने से पहले खाँसते हैं, खड़ाऊँ खटकाते हैं या रुककर पुकारते हैं, यह सब नयी संस्कृति के प्रभाव से नष्ट हो रहा है। कवि अपनी इस परम्परा को खोना नहीं चाहता है। इसलिए गाँव का घर बराबर उसकी स्मृतियों में आता है। उस गाँव में जब भी कोई लड़ाई-झगड़ा होती थी तो लोग पंच परमेश्वर बनाकर उसका निदान करते थे, परन्तु अब अदालतों का चक्कर काटना पड़ता है। यही नहीं अब लालटेन का प्रकाश नहीं दीखता, बल्कि बिजली आ गयी है। बेटे के विवाह के दहेज में टीवी माँगने लगे हैं। 
   अब लोकगीतों की धुन कम सुनाई पड़ती है उसकी जगह मदमस्त आर्केस्ट्रा ने ले ली है। उस लोक संस्कृति में जहाँ होली-चैती विरहा-आल्हा गूंजते थे, अब वह शोकगीत के समान लगता है। पहले सर्कस दिखाए जाते थे, अब वह मानो कहीं खो गया है। गाँव की संस्कृति वैसी प्रतीत होती है जैसे हाथी को गजदंत नहीं हो। हाथी का सौन्दर्य उसके दाँत होते हैं। दाँत के बिछुड़ने पर वह दन्तविहीन हो जाता है, उसी प्रकार गाँव का सौन्दर्य उसकी लोक संस्कृति है। वह उन्हीं गजदंतों के समान टूट गया। कवि शहर की चकाचौंध में देखता है कि लोग बीमारी के कारण अस्पतालों में और लड़ाई-झगड़े के कारण अदालतों का चक्कर काट रहे हैं। गाँव के घर की रीढ़ इनसे काँप उठती है। अर्थात् ग्रामीण संस्कृति को चोट पहुँचती है। 


10. पंचायती राज में जैसे खो गए पंच परमेश्वर, बिजली-बत्ता आ गई कब की। 

उत्तर⇒प्रस्तुत पंक्ति संभावनाशाली कवि ज्ञानेन्द्रपति द्वारा रचित ‘गाँव का घर’ शीर्षक कविता से संकलित हैं। कवि गाँव की बदलती हुई परिस्थितियों से चिन्तित है। गाँव के घरों ने अपना स्वरूप खो दिया है। गाँव की सादगी में नैसर्गिक स्वप्न अब केवल स्वप्न की बातें रह गई हैं। अतीत की स्मृति बनकर रह गई है। पंचायती राज के आते ही पंच परमेश्वर लुप्त हो गए। न्यायोचित निर्णय देने वाला कर्णधार, अराजकता तथा अन्याय की बलि चढ़ गए। दीपों तथा लालटेनों का स्थान बिजली के प्रकाश ने ले लिया है।


11. “कि जैसे गिर गया हो गजदंतों को गँवाकर कोई हाथी”।

उत्तर⇒हाथी के जीवन की सबसे सुन्दर वस्तु, उसका सौन्दर्य, उसके दाँत होते हैं। यदि वह दाँत उसके मुँह से अलग कर दिया जाय तो वह सौन्दर्य धूमिल पड़ जाता है। उसी प्रकार गाँव का सौन्दर्य उसकी संस्कृति और परंपरा होती है। गाँवों में लोकगीतों की जो शैली होती है उसकी जगह आर्केस्ट्रा ने ले ली है, वह गाँव की परंपरा एवं संस्कृति को नीचे ले जाती, उसे मार देती है। उसी प्रकार जिस प्रकार हाथी के दाँत तोड़कर उसे दंतविहीन बनाकर उसका सौन्दर्य छीन लिया जाता है तो वह सौन्दर्यविहीन बनकर कोई काम का नहीं रह जाता है। उसी तरह गाँव की सांस्कृतिक परम्परा को मार देने पर गाँव दन्तहीन हाथी की तरह ही लगता है।


Hindi 100 Marks Class 12th Objective 

   S.N हिंदी  HINDI – 100 अंक [ गध खण्ड ]
1. बातचीत
2. उसने कहा था
3. संपूर्ण क्रांति
4. अर्धनारीश्वर
5. रोज
6. एक लेख और एक पत्र
7. ओ सदानीरा
8. सिपाही की माँ 
9. प्रगीत और समाज
10. जूठन
11. हँसते हुए मेरा अकेलापन
12. तिरछी
13. शिक्षा

  S.N हिन्दी ( HINDI ) 100- अंक [ पद्य खंड ]
1. कड़बक
2. सूरदास
3. तुलसीदास
4. छप्पय 
5. कवित
6. तुमुल कोलाहल कलह में
7. पुत्र वियोग
8. उषा
9. जन-जन का चेहरा एक
10. अधिनायक
11. प्यारे नन्हे बेटे को
12. हार-जीत
13. गाँव का घर