Show आयतन और ताप में सम्बन्ध दिखाने वाला एक चलायमान चित्र।
चार्ल्स का नियम (इसे आयतन नियम के नाम से भी जाना जाता है) प्रायोगिक गैस नियम है जिसके अनुसार गैस को गर्म करने पर उसमें विस्तार होता है। चार्ल्स के नियम का आधुनिक कथन निम्नलिखित प्रकार से लिखा जा सकता है:
यह अनुक्रमानुपाती सम्बन्ध निम्न प्रकार लिखा जा सकता है: V = kTअथवा जहाँ: V गैस का आयतन हैT गैस का (कैल्विन पैमाने पर) तापमान हैk नियतांक है।सन्दर्भ[संपादित करें]
बॉयल और चार्ल्स के नियम गतिज गैस समीकरण से कैसे प्राप्त होते हैं?स्थिर ताप पर किसी गैस की निश्चित मात्रा ( मोलों की संख्या ) का दाब , उसके आयतन के व्युत्क्रमानुपाती होता है । इसे बॉयल का नियम कहते हैं । PV=K1 अर्थात् स्थिर ताप पर गैस की निश्चित मात्रा के आयतन तथा दाब का गुणनफल स्थिर होता है । स्थिरांक k1 का मान , गैस की मात्रा , ताप तथा P व V की इकाइयों पर निर्भर करता है ।
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बॉयल का नियम क्या है इसका गणितीय व्यंजक बताइए?स्थिर ताप पर किसी गैस के निश्चित मात्रा का आयतन उसके दाब के व्युत्कमानुपति होती है। बॉयल का नियम आदर्श गैस का दाब और आयतन में सम्बंध बताता है। इसके अनुसार, नियत ताप पर गैस का आयतन दाब के व्यूत्क्रमानुपाती होता है।
संयुक्त गैस नियम क्या है?गैसों के व्यवहार से संबन्धित नियम अट्ठारहवीं शदी के अन्तिम काल में आये जब वैज्ञानिक धीरे-धीरे दाब, ताप और आयतन का सम्बन्ध समझने लगे। गैसों से सम्बन्धित कई नियम हैं किन्तु उनमें आदर्श गैस समीकरण और वान डर वाल्स समीकरण सबसे उपयोगी हैं। आजकल पुराने गैस नियम आदर्श गैस समीकरण के विशेष रूप जैसे समझे जाते हैं।
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