इस भू-भाग को प्राचीनकाल में प्रमुख रूप से 3 भागों में बांटा गया था- इंद्रलोक, पृथ्वी लोक और पाताल लोक। इंद्रलोक हिमालय और उसके आसपास का क्षेत्र तथा आसमान तक, पृथ्वी लोक अर्थात जहां भी जल, जंगल और समतल भूमि रहने लायक है और पाताल लोक अर्थात रेगिस्तान और समुद्र के किनारे के अलावा समुद्र के अंदर के लोक। पाताल लोक भी 7 प्रकार के बताए गए हैं। जब हम यह कहते हैं कि भगवान विष्णु ने राजा बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया था तो किस पाताल का? यह जानना भी जरूरी है। 7 पातालों में से एक पाताल का नाम पाताल ही है। Show कौन रहता है पाताल में? : हिन्दू धर्म में पाताल लोक की स्थिति पृथ्वी के नीचे बताई गई है। नीचे से अर्थ समुद्र में या समुद्र के किनारे। पाताल लोक में नाग,
दैत्य, दानव और यक्ष रहते हैं। राजा बालि को भगवान विष्णु ने पाताल के सुतल लोक का राजा बनाया है और वह तब तक राज करेगा, जब तक कि कलियुग का अंत नहीं हो जाता। राज करने के लिए किसी स्थूल शरीर की जरूरत नहीं होती, सूक्ष्म शरीर से भी काम किया जा सकता है। पुराणों के अनुसार राजा बलि अभी भी जीवित हैं और
साल में एक बार पृथ्वी पर आते हैं। प्रारंभिक काल में केरल के महाबलीपुरम में उनका निवास स्थान था।> > पुराणों के अनुसार इस ब्रह्मांड में पृथ्वी, वायु, अंतरिक्ष, आदित्य (सूर्य), चंद्रमा, नक्षत्र और ब्रह्मलोक हैं। धरती शेष पर स्थित है। शेष अर्थात खाली स्थान। खाली स्थान में भी बचा हुआ स्थान ही तो होता है। पुराणों के अनुसार भू-लोक यानी पृथ्वी के नीचे 7 प्रकार के लोक हैं जिनमें पाताल लोक अंतिम है। पाताल लोक को नागलोक का मध्य भाग बताया गया है। पाताल लोकों की संख्या 7 बताई गई है। 7 प्रकार के पाताल में जो अंतिम पाताल है वहां की भूमियां शुक्ल, कृष्ण, अरुण और पीत वर्ण की तथा शर्करामयी (कंकरीली), शैली (पथरीली) और सुवर्णमयी हैं। वहां दैत्य, दानव, यक्ष और बड़े-बड़े नागों और मत्स्य कन्याओं की जातियां वास करती हैं। वहां अरुणनयन हिमालय के समान एक ही पर्वत है। कुछ इसी प्रकार की भूमि रेगिस्तान की भी रहती है। अगले पन्ने पर सातों पातालों के राजा कौन हैं, जानिए... पाताल लोक (source: Pixabay) | तस्वीर साभार: Representative Image मुख्य बातें
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक जिस तरह भू लोक और स्वर्गलोक का ब्रह्मांड में अस्तित्व है उसी तरह से पाताल लोक का भी अस्तित्व है। आज हम इसी पाताल लोक के बारे में जानने की कोशिश करेंगे कि ये आखिर में कहां पर है और कैसा दिखता है। हिंदू महाग्रंथों और पुराणों के मुताबिक ब्रह्मांड में तीन लोक हैं जिसे त्रैलोक्य कहा जाता है। इसे कृतक त्रैलोक्य, महर्लोक और अकृतक त्रैलोक्य कहा जाता है। कृतक त्रैलोक्य को त्रिभुवन भी कहा जाता है इसके तीन भेद हैं- भूलोक, भुवर्लोक और स्वर्लोक। जितनी दूर तक सूर्य, चंद्रमा आदि का प्रकाश जाता है भूलोक कहलाता है। इसके अलावा पृथ्वी और सूर्य के बीच के लोक को भुवर्लोक कहते हैं यह सभी ग्रहों और नक्षत्रों का क्षेत्र है। तीसरा स्वर्लोक इसे स्वर्गलोक भी कहा जाता है। यह सूर्य और ध्रुव के बीच का भाग है जिनके बीच चौदह लाख योजन की दूरी का अंतर है। इसी में स्पतर्षि मंडल आता है। क्या है पाताल लोक पृथ्वी के नीचे के सातों लोगों के नाम हैं क्रमश: अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल। विष्णु पुरान के मुताबिक पूरे भूलोक का क्षेत्रफल 0 करोड़ योजन है और इसकी उंचाई 70 सहस्त्र योजन है। और इसी के नीचे ये सातों लोक बसे हैं। ये हैं पाताल लोक के निवासी देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल पृथ्वी के ऊपर कितने लोक है?विस्तृत वर्गीकरण के मुताबिक तो 14 लोक हैं- 7 तो पृथ्वी से शुरू करते हुए ऊपर और 7 नीचे। ये हैं- भूर्लोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक और ब्रह्मलोक। इसी तरह नीचे वाले लोक हैं- अतल, वितल, सतल, रसातल, तलातल , महातल और पाताल।
पृथ्वी के नीचे सात लोक कौन से हैं?पहला अतल, दूसरा वितल, तीसरा सुतल, चौथा तलातल, पाँचवाँ महातल, छठा रसातल और सातवाँ पाताल ।
तीनो लोक का राजा कौन है?यह तीन लोक देवलोक, भूलोक तथा पाताल लोक माने जाते हैं। यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। तीनों लोको के अधिपति श्री हरि विष्णु नारायण है॥
सात लोक कौन से हैं?पृथ्वी के नीचे के सातों लोगों के नाम हैं क्रमश: अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल।
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