पूर्वजों की तस्वीर कौन सी दीवार पर लगानी चाहिए? - poorvajon kee tasveer kaun see deevaar par lagaanee chaahie?

नई दिल्ली: किसी भी व्यक्ति के चले जाने के बाद वह केवल हमारी यादों में ही रह जाते हैं. लोग अपने प्रियजनों के जाने के बाद उनकी याद में उनकी तस्वीरों को घर पर लगाते हैं ताकी वह उन्हें हमेशा याद रहें और उनका आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे. बहुत से लोग अपने पूर्वजों की फोटो को मंदिर में लगाते हैं और उनकी पूजा करते हैं. आपको बता दें कि ऐसा नहीं करना चाहिए. ऐसा करने के देवता नाराज हो जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि घर की कौन सी जगह पर आपको अपने पूर्वजों की तस्वीरें लगानी चाहिए.

– पूर्वजों की फोटो को कभी भी घर के बीच वाली जगह पर ना लगाएं यानी फोटो को बेडरूम में या किचन में ना लगाएं. ऐसा करने से घर पर लड़ाई झगड़े बढ़ते हैं और सुख-समृद्धि भी कम हो जाती है.

– शास्त्रों के मुताबिक मंदिर में पितरों की फोटो लगाना वर्जित होता है. पितरों की फोटो को मंदिर में रखने से देवी- देवता नाराज हो जाते हैं. इसलिए पितरों और देवताओं के स्थान को अलग अलग रखना चाहिए.

– घर में कभी भी उस स्थान पर पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए, जहां आते जाते समय आपकी नजर पड़े. दक्षिण और पश्चिम की दीवारों पर भी नहीं लगाना चाहिए, ऐसा करने से समृद्धि की हानि होने लगती है.

– पितरों का फोटो को कभी भी जीवित लोगों के साथ नहीं लगाना चाहिए यह काफी अशुभ माना जाता है. जिस जीवित व्यक्ति के साथ पितरों की तस्वीर होती है, उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. और उनकी आयु भी कम हो जाती है.

– पितरों की फोटो को हमेशा उत्तर दिशा की दिवारों में लगाना सही माना जाता है. ताकि उनकी दृष्टि दक्षिण की ओर पड़े. या फिर आप पितरों की तस्वीर को ऐसी जगह पर भी लगा सकते हैं जो दिशामुक्त हो.

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1.कभी भी परिवार के मृत व्यक्तियों का चित्र देवी और देवताओं के साथ न लगाएं या रखें, क्योंकि देवी या देवता पितरों से बढ़कर होते हैं। ऐसा करने से देवदोष होता है।

2.पूर्वजों के चित्र ब्रह्म अर्थात मध्य स्थान में कभी नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे मान-सम्मान की हानि होती है। पश्चिम या दक्षिण में लगाने से संपत्ति की हानि होती है। उत्तर, ईशान और पूर्व दिशा में किस स्थिति में लगाना चाहिए यह नीचे देखें।

3.पितरों की तस्वीर घर में सभी जगह नहीं लगाना चाहिए। इसे शुभ नहीं माना जाता है। इससे तनाव बना रहता है।

4.यह भी कहा जाता है कि कभी भी मृत लोगों की तस्वीर जीवित लोगों के साथ ना लगाएं इससे नकारात्मकता फैलती है।

5.पूर्वजों की तस्वीर को बैठक, शयनकक्ष और रसोई घर में भी नहीं लगाना जाहिए। इससे पूर्वजों का अपमान होता है और घर में तनाव का माहौल बना रहता है।

6.पितरों की तस्वीर को कभी भी लटकते हुए या झुलते हुए नहीं लगाना चाहिए। मान्यता है कि इससे व्यक्ति का जीवन भी लटकता और झुलता रहता है।

1.कुछ वास्तुशास्‍त्रियों के अनुसार यदि घर में पूजा-पाठ का स्थान ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में है तो पितरों की तस्वीर को पूर्व में लगा सकते हैं। वहीं, यदि पूजा स्थल पूर्व दिशा में हो तो तस्वीर ईशान में लगा सकते हैं। यदि पूजा घर से भिन्न किसी कमरे में पूर्वर्जों की तस्वीर लगा रहे हैं तो उत्तर दिशा की दिवार पर लगा सकते हैं जिससे की पूर्वर्जों का चेहरा दक्षिण की ओर रहेगा।

2.हालांकि हम आपको यहां सलाह देना चाहेंगे कि आप अपने पूर्वर्जों की तस्वीर घर की दक्षिण दीवार पर लगाएं। आप इसे घर का दक्षिण पश्‍चिम का कोना मान लीजिए। अगर दक्षिण नहीं मिल पा रहा है तो आप पश्‍चिम के कोने में लगा सकते हैं। मतलब यह कि उनका मुख पूर्व या उत्तर में होना चाहिए।

3.घर के किसी एक ही स्थान पर ही पूर्वजों की तस्वीर लगाएं। वह स्थान ऐसा होना चाहिए तो कि दिशादोष से मुक्त हो।

4.जब भी तस्वीर लगाएं तो तस्वीर के नीचे किसी लकड़ी के गत्ते का सपोट लगाना चाहिए जिससे तस्वीर लटकी या झुलती हुई नजर नहीं आती है।

5.घर के पूर्वजों का चित्र सिर्फ आपके देखने के लिए है किसी दूसरे के लिए नहीं। अत: उसे उस स्थान पर ही लगाएं जहां पर किसी अतिथि की नजर ना पड़े। आप भी उन्हें प्रतिदिन न देखें तो ही अच्छा है। यह सही है कि आपकी भावनाएं उनसे जुड़ी है लेकिन उन्हें प्रतिदिन याद करने से आपके भविष्य पर इसका बुरा असर होगा। मान्यता है कि हर वक्त पूर्वजों को याद करते रहने से मन में उदासी और निराशा की भावना का विकास होता है।

आम तौर पर परिवार के जिन व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है, वह हमारे पूर्वज माने जाते हैं जिनको पितर भी कहते हैं। पितरों की फोटोज़ और वीडियोज़ के जरिए जुड़ी हुई यादें हम सब के दिलों में एक ख़ास स्थान रखती है। शास्त्रों के अनुसार, मरने के बाद भी हमारे परिजन की आत्मा कहीं ना कहीं हमसे जुड़ी रहती है। इसलिए, आप को उनकी फोटो और बाक़ी सभी चीज़ों को सही जगह रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार भी घर में सुख-शाँति के लिए यह बहुत ज़रूरी है।

आइए, इन से जुड़ी बातों को समझते हैं कि आप अपने घर में पितरों की फोटो लगाने में किन बातों का ध्यान रखें।

  • अपने पितरों की तस्वीर हमेशा सुनहरे फ्रेम में लगा कर रखें और उस पर माला भी अवश्य चढ़ायें।
  • अपने पितरों की तस्वीर आप दीवार पर लटका कर ना लगायें। उसके लिए एक लकड़ी का स्टैंड बना ले तथा उस पर फोटो को रखें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद सदैव आप पर बना रहता है और आप के घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • यह भी ध्यान रखें कि किसी भी पूर्वज की एक से अधिक तस्वीर घर पर ना लगायी गई हो।
  • आप को अपने पितरों के चित्र पूजा घर, शयन कक्ष, किचन आदि जगह पर नहीं लगाने चाहिए क्योंकि ग़लत जगह लगाने से पितर नाराज होते हैं और हमारे घर से सुख-शाँति चली जाती है।

पूर्वजों की तस्वीर कौन सी दीवार पर लगानी चाहिए? - poorvajon kee tasveer kaun see deevaar par lagaanee chaahie?

पूर्वजों की फोटो कहां लगाएं?

वास्तु शास्त्र में अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई सारे सुझाव दिए गए हैं, आइए इनके बारे में हम विस्तार से जानते हैं।

  • यदि आप के किसी अविवाहित पूर्वज की मृत्यु हो गई हो तो उनका चित्र उत्तर दिशा की ओर लगानी चाहिए।
  • विशेष ध्यान रखें कि पितरों की तस्वीर कभी भी जीवित व्यक्तियों की तस्वीर के संग ना लगी हो क्योंकि ऐसा करने से परिवार के जीवित लोगों की आयु और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • आप अपने पितरों की तस्वीर को इस तरह लगायें ताकि उनकी नज़र दक्षिण दिशा की ओर पड़े और वह तस्वीर ऊँचाई में वह आप के सिर से ऊपर हो। दिन में एक बार आते जाते आप उन्हें प्रणाम अवश्य करें।

स्वर्गीय माता पिता की फोटो किस दिशा में लगानी चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, जब हम अपने घर में सही दिशा में परिवार के लोगों की तर्स्वीरें लगाते हैं तो वो हम सभी को सकारात्मक ऊर्जा देती हैं, परंतु अगर गलत दिशा में तस्वीर लगा दी जाए तो घर से खुशियाँ ख़त्म हो जाती हैं और तमाम मुश्किलें आती हैं।

आप अपने घर के दक्षिण, पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिशा में अपने स्वर्गीय माता-पिता की तस्वीर लगा सकते हैं। आप सही दिशा जानने के लिए अपने मोबाइल के प्ले स्टोर से अच्छी रेटिंग का कोई भी दिशा बताने वाला ऐप (app) डाउनलोड कर लें।

अब घर के ब्रह्मस्थान यानी बिल्कुल बीच में खड़े हो जायें और ऐप (app) स्टार्ट कर के मोबाइल वाले हाँथ को 2-3 बार हर तरफ घुमायें और जब सुई स्टेबल हो जाए यानी रुक जाए तो फिर उसमें चेक करें, आपको दिशा पता लग जाएगी। आप एक मैग्नेटिक कम्पास से भी ब्रह्मस्थान पर खड़े हो कर दिशा चेक कर सकते हैं।

यदि आप भी वास्तु शास्त्र के इन छोटे-छोटे सुझावों के अनुसार अपने परिवार के मृत लोगों की तस्वीर सही तरीके से घर पर रखते हैं तो निश्चय ही आप का कल्याण होगा और आपका घर परिवार संकटों से मुक्त रहेगा।

पूर्वजों की तस्वीर का मुंह किधर होना चाहिए?

शास्त्र के मुताबिक पूर्वजों की तस्वीर के लिए उत्तर दिशा की दीवार सबसे उत्तम मानी गई है। वहीं धार्मिक शास्त्रों की बात करें तो दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना गया है। माना जाता है कि पितरों की तस्वीर को कभी भी जीवित व्यक्ति के साथ नहीं लगानी चाहिए, इससे उनका जीवन छोटा हो जाता है।

मरे हुए लोगों की फोटो कौन सी दिशा में लगानी चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीरों को हमेशा उत्तर की दिवारों पर लगाएं ताकि उनकी दृष्टि दक्षिण की ओर रहे। दक्षिण दिशा को यम और पितरों की दिशा माना गया है, इससे अकाल मृत्यु और संकट से बचाव होता है।

पितरों का स्थान कैसे बनाएं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीरों को हमेशा घर के उत्तरी हिस्से के कमरों में लगाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं कर सकते तो जिस भी स्थान पर लगाएं वहां उत्तरी दिवार से इनकी तस्वीर से लगाएं ताकि इनकी दृष्टि दक्षिण की ओर रहे। दक्षिण की दिशा को यम और पितरों की दिशा कहा गया है। इससे अकाल मृत्यु और संकट से बचाव होता है।

फैमिली फोटो कौन सी दिशा में लगाना चाहिए?

किस दिशा में फैमिली फोटो लगाना है शुभ वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर आप घर में फैमिली फोटो लगा रहे हैं तो सबसे अच्छी जगह दक्षिण-पश्चिम की दीवार है। माना जाता है कि इस दिशा में तस्वीर लगाने से रिश्तों में मजबूती और मधुरता लाती है।