7 महीने का बच्चा क्या-क्या कर सकता है - 7 maheene ka bachcha kya-kya kar sakata hai

शिशु हर महीने कुछ नया सीखता है और उसकी डेवलपमेंट में नई-नई चीजें जुड़ती रहती हैं। 6 महीने के होने के बाद शिशु मां के दूध के साथ-साथ ठोस आहार भी खाना शुरू करता है और इसके बाद से सातवें महीने में उसका विकास पहले से और बेहतर होता चला जाता है।

​7 महीने के बच्‍चे का शारीरिक विकास

7 महीने का बच्चा क्या-क्या कर सकता है - 7 maheene ka bachcha kya-kya kar sakata hai

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इस महीने बच्‍चे का कुछ ग्राम वजन बढ़ चुका होगा। सात महीने के खत्‍म होने पर बच्‍चे का वजन जन्‍म के समय से 2.5 गुना ज्‍यादा हो चुका होगा। बच्‍चा खुद खाने को पकड़ने लगता है। सात महीने का शिशु पेट के बल घूमने और घुटनों के बल चलने लगता है। लेटे हुए बच्‍चा हाथ और पैर मारने लगता है।

वो छोटे खिलौनों को हाथ में उठाकर उन्‍हें घुमाने लगता है और थोड़ी मदद से खुद बैठ भी सकता है। अपने एक या दोनों हाथों से बचा नजदीक की चीजों तक पहुंच सकता है।

​कॉग्‍नीटिव डेवलपमेंट

7 महीने का बच्चा क्या-क्या कर सकता है - 7 maheene ka bachcha kya-kya kar sakata hai

इसका मतलब है कि बच्‍चे का दिमागी विकास किस तरह से हो रहा है और उम्र के हिसाब से उसका बौद्धिक विकास किस गति से हो रहा है।

बच्‍चे को हाल की बातें याद रहना शुरू हो जाती हैं। अपने पेरेंट्स या बाकी के लोगों को देखकर ब्‍ला-ब्‍ला करने लगता है। बच्‍चे को चमकीले रंग और पैटर्न पसंद आते हैं और वो उनके पीछे भागने लगता है।

उसे 'ना' का मतलब समझ आने लगता है। वो अपना नाम पहचानने लगता है। बच्‍चा चादर या कहीं भी छिपी चीजों को ढूंढ सकता है।

​सोशल और इमोशनल डेवलपमेंट

7 महीने का बच्चा क्या-क्या कर सकता है - 7 maheene ka bachcha kya-kya kar sakata hai

सात महीने का बेबी अपने इमोशन को हंसकर या रोकर बता सकता है। वो अपने पेरेंट्स और आसपास के लोगों के इमोशंस को करीब से समझने लगता है और उनकी कॉपी भी कर सकता है। उसकी भी पसंद और नापसंद डेवलप होने लगती है।

दूसरे बच्‍चों के रोने पर बच्‍चा भी रोने लगता है। वो तेज आवाज पर ध्‍यान देता है और डर या चिंता के साथ रिएक्‍ट करने लगता है।

कम्‍यूनिकेशन स्किल्‍स

7 महीने का बच्चा क्या-क्या कर सकता है - 7 maheene ka bachcha kya-kya kar sakata hai

सात महीने का बच्‍चा 'ओह' और 'आह' जैसे शब्‍द बोलने लगता है। वो आवाजें भी निकालने लगता है। बच्‍चा अपने आसपास के लोगों की बातचीत में शामिल होने की कोशिश करता है। बच्‍चा आपके चेहरे पर हाथ मारने लगता है या हाथ से आपके चेहरे को छूने की कोशिश करता है।

​डॉक्‍टर को कब दिखाएं

7 महीने का बच्चा क्या-क्या कर सकता है - 7 maheene ka bachcha kya-kya kar sakata hai

सात महीने के बेबी को छींक या हिचकी आना नॉर्मल बात है लेकिन अगर आपको निम्‍न संकेत दिख रहे हैं, तो आपको डॉक्‍टर को दिखाना चाहिए।

बच्‍चे के दांतों को हल्‍के से बेबी ब्रश से साफ करें। इस उम्र के बच्‍चे 12 से 14 घंटे की नींद लेते हैं जिसमें वो दिन में झपकी भी लेते हैं। अगर आपका बच्‍चा ठीक तरह से नहीं सो पा रहा है या उसका स्‍लीप साइकिल अनियमित है, तो एक बार डॉक्‍टर को दिखाएं।

बेबी को 103 डिग्री फारेनहाइट या इससे ज्‍यादा बुखार होने पर डॉक्‍टर से बात करें। अगर बच्‍चे की स्किन पर रैशेज या दर्द हो रहा है, डिहाइड्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं या बच्‍चे को सांस लेने में दिक्‍कत हो रही है तो तुरंत डॉक्‍टर के पास लेकर जाएं। यदि बच्‍चा करवट नहीं ले रहा है या हेल्‍प से बैठ नहीं पा रहा है या उसकी मूवमेंट में थकान या सुस्‍ती दिख रही है, तो आपको डॉक्‍टर को दिखाने की जरूरत है।

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In this article

  • सात माह की उम्र में शिशु क्या कर सकता है?
  • शिशु अपने पैरों पर अपना वजन कब संभाल लेगा?
  • मैं शिशु को गतिविधियों में तालमेल बनाने के लिए कैसे प्रोत्साहित कर सकती हूं?
  • मेरे सात महीने के बच्चे के दांत निकलने कब शुरु होंगे?
  • शिशु को मना करने पर, वह नहीं सुनता है। मुझे क्या करना चाहिए?
  • जब मैं शिशु को छोड़कर कहीं जाती हूं तो वह रोने और परेशान होने क्यों लगता है?
  • क्या मेरा शिशु अलग-अलग चीजें पहचान सकता है?
  • कौन से खेल सात महीने के शिशु को प्रोत्साहित और प्रेरित करेंगे?
  • क्या मेरा शिशु सामान्य ढंग से बढ़ रहा है?
  • अपना वोट दें

सात माह की उम्र में शिशु क्या कर सकता है?

आपके शिशु को अब काफी अच्छी तरह अपने हाथों का इस्तेमाल करना आ गया है। यह कौशल खाने के समय उपयोगी साबित होगा, क्योंकि अब वह दो हैंडल वाले कप को खुद पकड़कर पीना सीखेगा।

वह जल्द ही ताली बजाना भी सीख जाएगा और हो सकता है आपके गाना सुनाने पर वह ताली बजाकर आपकी प्रशंसा करे!

इस महीने आपका शिशु ज्यादा लार टपकाएगा। इस उम्र में बहुत से शिशुओं का पहला दांत निकलना शुरु हो जाता है। ठंडा टीथर या ठंडी साबुत कच्ची गाजर शिशु को मसूढ़ों के दर्द से राहत दे सकती है।

शिशु अपने पैरों पर अपना वजन कब संभाल लेगा?

अगर शिशु ने आपको या कुर्सी को पकड़ रखा हो, तो वह अपना कुछ वजन पैरों पर डाल सकता है। शिशु को उछलना भी बहुत अच्छा लगेगा। शिशु को अपने घुटनों पर खड़ा करें और बगल से सहारा देकर पकड़ते हुए उसे ऊपर व नीचे की तरफ हल्के से उछालें।

ऐसा करने से शिशु की टांगे मजबूत होंगी और उसे चलने के लिए तैयार होने में सहायता मिलेगी।

हो सकता है आपका शिशु अब बिना सहारे के बैठना शुरु कर दे। इस तरह उसके हाथ नई चीजों को खोजने और खिलौनों तक पहुंचने के लिए आजाद होंगे। वह पेट के बल लेटे हुए खुद ही अपनी बाजुओं के सहारे उठकर बैठ भी सकता है।

मैं शिशु को गतिविधियों में तालमेल बनाने के लिए कैसे प्रोत्साहित कर सकती हूं?

आपका शिशु हाथों और उंगलियों से चीजों को पकड़ने, हिलाने और तोड़ने-मरोड़ने में अब बेहतर होता जा रहा है। इन सभी को बच्चों की फाइन मोटर स्क्ल्सि कहा जाता है। फाइन मोटर स्किल्स का मतलब छोटी-छोटी क्रियाओं जैसे कि अंगूठे और उंगली से चीजों को उठाने या किसी चीज को चखने या महसूस करने के लिए होठों और जीभ के इस्तेमाल से है।

आपका शिशु दोनों तरफ हैंडल वाले सिप्पी कप को पकड़कर उसमें से पीना शुरु कर सकता है। हालांकि, कहीं वह इसे गिरा न दें, इसलिए उसको अभी भी आपकी सहायता की जरुरत होगी। अब शिशु को सिप्पर से पीना सिखाना शुरु कर सकती हैं।

आपका शिशु एक हाथ से खिलौना निकाल कर आसानी से दूसरे हाथ में दे सकता है। वह शायद अब अपने दोनों हाथों को एक साथ जोड़ सकता है और ताली भी बजा सकता है।

जल्द ही आप पाएंगी कि आपके शिशु ने धीरे-धीरे शोरगुल मचाना बढ़ा दिया है। अब ये आवाजें सिर्फ शिशु के बुदबुदाने की ही नहीं होगी, बल्कि आपस में चीजें टकरानें की भी होंगी, जिसमें शिशु को खूब मजा आने लगेगा।

शिशु अपने इन नए कौशलों में निपुण हो सके, इसके लिए आप कोई खिलौना शिशु की पहुंच से दूर रख दें और देखें कि वह उसे पाने के लिए क्या प्रयास करता है। अगर शिशु खिलौने को न पकड़ पाए और रोने लगे, तो उसे खिलौने को पकड़ने के लिए प्यार से प्रेरित करती रहें।

अगर शिशु के लिए सबकुछ इतनी आसानी से नहीं मिलेगा, तो वह जल्द शारीरिक तौर पर आत्मविश्वासी बन सकेगा।

खिलौने तक पहुंचने के कुछ प्रयासों के बाद आपका शिशु शायद आगे झुककर उसे पकड़ ले और फिर से सीधा बैठ जाए। निस्संदेह, इससे शिशु को नई युक्तियां मिलेंगी और वह पहुंच से दूर रखी अन्य वस्तुओं को भी पकड़ने के तरीके ढूंढ़ना चाहेगा। शिशु किसी चीज को पाने के लिए और अधिक प्रयास करेगा।

शिशु जब पलटकर अपने पेट के बल आना सीख लेता है, तो वह पैराशूट से गिरने वाले मुद्रा में आ सकता है। यानि कि वह अपने सिर और टांगों को जमीन से ऊपर उठा लेता है। इसके बाद वह अपने पेट के बल कमांडों की तरह सरकना (कमांडो क्रॉल) शुरु कर सकता है। यहां से फिर वह अपने हाथों और घुटनों के बल उठकर आगे और पीछे की तरफ हिलने लग सकता है।

इस मुद्रा से शायद आपका शिशु अब घुटनों के बल चलना सीख लेगा। मगर, घुटनों के बल चलते समय शायद वह पहले पीछे ही ओर चलने लगे, जिस वजह से वह कुछ निराश हो सकता है। लेकिन जल्द ही वह आगे बढ़ना सीख लेगा।

मेरे सात महीने के बच्चे के दांत निकलने कब शुरु होंगे?

अधिकांश शिशुओं के दांत छह महीने के आसपास निकलना शुरु होते हैं। हालांकि, हो सकता है दांत निकलने की प्रक्रिया तीन से चार महीने की उम्र में या फिर 12 महीने या इससे अधिक की उम्र में शुरु हो।

इस समय आप शिशु का पहला दांत निकलने की उम्मीद कर सकती हैं। आमतौर पर सामने नीचे की तरफ के दो दांत सबसे पहले निकलते हैं, जिन्हे अंग्रेजी में लोअर सेंट्रल इनसाइजर कहा जाता है।

जब शिशु के दांत निकलना शुरु हो जाते हैं, तो वह चीजों को अपने मुंह में डालना और उन्हें चबाना शुरु कर सकता है। शिशु काफी लार टपकाना भी शुरु कर सकता है, क्योंकि वह नए दांत निकलने का आदि हो रहा है।

शिशु को मना करने पर, वह नहीं सुनता है। मुझे क्या करना चाहिए?

अब आपने शिशु को यह बताना शुरु कर दिया होगा कि आपका मोबाइल फोन खेलने का कोई खिलौना नहीं है। घर में शिशु को किसी चीज के लिए प्यार से मना करने पर हो सकता है वह अपना झुनझुना आपके मुंह पर मार दे।

अगर शिशु आपकी बात का पालन नहीं कर रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह अवज्ञाकारी या जिद्दी है। वह कौतूहलवश ऐसा करता है। वह एक बार में चीजों को कुछ सैकंड से ज्यादा समय के लिए याद भी नहीं रख सकता। इस सबके लिए बेहतर नीति यही है कि शिशु का ध्यान उस काम से हटाकर किसी और चीज में लगा दें।

जब मैं शिशु को छोड़कर कहीं जाती हूं तो वह रोने और परेशान होने क्यों लगता है?

हालांकि, आपका शिशु अभी छोटा है और जुदाई की चिंता (सैपरेशन एंग्जाइटी) महसूस नहीं कर सकता। मगर वह यह पहचान सकता है कि आप किसी और के साथ उसे छोड़कर जाने को लेकर चिंतित हैं। वह शायद रोने लगे और आपको छोड़ना न चाहे, यह सब आपको भी चिंतित कर सकता है।

हालांकि चाहे आप ​भी शिशु को किसी अन्य व्यक्ति के पास छोड़कर जाने को लेकर उदास हों और ऐसा करना न चाहें, मगर शिशु के फायदे के लिए हिम्मत जुटाएं और उसे यह बा​त जाहिर न होने दें। जब वह आपको खुश और चिंतामुक्त देखेगा, तो वह खुद भी ऐसा ही महसूस करेगा।

विकास में तेजी (ग्रोथ स्पर्ट) के दौरान हो सकता है शिशु शायद ज्यादा बेचैन लगे और आपको बिल्कुल भी छोड़ना न चाहे। वह शायद ज्यादा बार स्तनपान करना चाहेगा, हर समय गोद में रहना चाहेगा और नीचे उतारने पर रोने लगेगा। या फिर आप पाएंगी कि जिस समय आमतौर पर शिशु शांत व निश्चिंत रहता है, उस समय भी वह बेचैन है और रोने लगा है।।

क्या मेरा शिशु अलग-अलग चीजें पहचान सकता है?

आपका शिशु शायद अभी यह नहीं समझ सकता कि कौन सी चीज खिलौना है और कौन सी नहीं। इसलिए वह आसपास पड़े आपके मोबाइल फोन से भी खेलना शुरु कर सकता है।

मगर, अब वह समझना शुरु कर रहा है कि अलग-अलग चीजों से क्या किया जा सकता है। ऐसे में वह उन चीजों में ज्यादा रुचि दिखा सकता है, जो उसे अधिक मजेदार लगती हैं।

अगर ऐसी कुछ चीजें हैं, जिनसे आप शिशु को खेलने नहीं देना चाहतीं, तो बेहतर यही है कि उन्हें शिशु की पहुंच से दूर रख दिया जाए। सात माह के बच्चे से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि उसे पता होगा कि कौन सी चीजों से खेलना सही है, और किनसे नहीं।

हो सकता है शिशु यह भी समझने लगे कि चीजें एक दूसरे से किस तरह संबंधित होती हैं। इस तरह वह एक जैसे खिलौनों को छांटना, आकार के अनुसार ब्लॉक्स आदि को इकट्ठा कर सकता है।

और यदि शिशु खिड़की के शीशे में अपना प्रतिबिंब देखकर खुश हो रहा है, और अचानक से आप पीछे आकर खड़ी हो जाती हैं, तो वह आपको देखने के लिए पीछे मुड़ सकता है। वह अब समझता है कि आप खिड़की के शीशे में नहीं, बल्कि वास्तव में वहां खड़ी हैं!

लुका-छिपी का साधारण सा खेल शिशु को काफी मजेदार लगता है, क्योंकि अब वह यह समझता है कि चीजों को देख, सुन और छू न पाने के बावजूद भी वे वहां मौजूद होती हैं।

शिशु को ऐसे खेल पसंद आते हैं जिनमें कोई चीज या व्यक्ति सामने आता है और फिर गायब हो जाता है। वह याद रखेगा कि वह चीज कुछ पल के ​बाद फिर से सामने आएगी और ऐसा होने पर वह शायद खूब हंसेगा।आप लुका-छिपी के खेल से शिशु का मनोरंजन कर सकती हैं। अपना चेहरा या कोई चीज कंबल के पीछे छिपाकर, शिशु को उसे ढूंढ़ने दें।

कौन से खेल सात महीने के शिशु को प्रोत्साहित और प्रेरित करेंगे?

आपके शिशु एक ही खेल बार-बार खेलना या एक ही कविता को बार-बार सुनना अच्छा लग सकता है, क्योंकि उसे पूर्वानुमान पसंद होता है। लुका-छिपी के साथ-साथ अक्कड़-बक्कड़ और बगल में गुदगुदी करने वाला सदाबहार खेल भी खेल सकती हैं। जिन खेलों और कविताओं में शारीरिक क्रियाएं होती हैं जैसे कि शिशु को गुदगुदी करना या उसका पेट मलना आदि वे जल्दी ही शिशु के पसंदीदा बन जाते हैं

आपके शिशु को छोटे और बड़े दोनों ही तरह के स्टफ्ड जानवर जैसे कि टेडी बियर आदि बहुत पसंद आ सकते हैं। संभवतया, इनमें से कोई एक जल्द ही शिशु का पसंदीदा बन जाएगा, जिसके साथ शिशु सुरक्षित महसूस करेगा। यह शिशु का इतना पसंदीदा होगा कि शायद यह आपके साथ हर जगह जाएगा।

जब आप कोई सॉफ्ट टॉय खरीदने जाएं, तो मुलायम, अच्छी तरह सिले हुए और धुल सकने वाले खिलौनें ही लें। शिशु के लिए खिलौनों के अन्य विकल्पों में गेंद, एक के ऊपर एक लगने वाले कप, दबाने पर फिर से उठने वाले खिलौने और बड़ी गुड़िया शामिल हो सकती है।

क्या मेरा शिशु सामान्य ढंग से बढ़ रहा है?

हर शिशु अलग होता है और शारीरिक क्षमताएं अपनी ही गति से विकसित करता है। यहां सिर्फ साधारण मार्गदर्शक दिए गए हैं, जिन्हें करने की क्षमता आपके शिशु में होती है। अभी नहीं, तो कुछ समय बाद शिशु इन्हें जरुर हासिल कर लेगा।

अगर, आपके शिशु का जन्म समय से पहले (गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले) हुआ है, तो आप देखेंगे कि उसे वे सब चीजें करने में ज्यादा समय लगता है, जो समय से जन्म लेने वाले बच्चे जल्दी करते हैं। यही कारण है कि समय से पहले पैदा होने वाले शिशुओं को उनके डॉक्टरों द्वारा दो उम्र दी जाती हैं:

  • कालानुक्रमिक (क्रोनोलॉजिकल) उम्र, जिसकी गणना शिशु के जन्म की तारीख से की जाती है
  • समायोजित उम्र (एडजस्टेड/करेक्टेड ऐज), जिसकी गणना आपके शिशु के पैदा होने की तय तारीख (ड्यू डेट) से की जाती है

आप अपने प्रीमैच्योर शिशु के विकास को उसकी समायोजित उम्र से देखें, उसके जन्म की वास्तविक तिथि से नहीं। अधिकांश डॉक्टर समय से पूर्व जन्म लिए बच्चे का विकास उसकी संभावित जन्म तिथि से आंकलित करते हैं और उसी अनुसार उसकी कुशलता का मूल्यांकन करते हैं।

यदि आपको अपने शिशु के विकास के संबंध में कोई प्रश्न हैं, तो अपनी डॉक्टर से सलाह करें। शिशु के विकास और कौशल के बारे में आप हमारे हिंदी ग्रुप में अपने ही जैसे अन्य माता-पिता से चर्चा कर सकते हैं।

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आपके 6 महीने के शिशु का विकास < --- > आपके 8 महीने के शिशु का विकास

References

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7 महीने के बच्चे को खाने में क्या क्या दे सकते हैं?

सात महीने का बच्‍चा दिन में तीन बार ठोस आहार और इसके बीच में दो बार स्‍नैक्‍स खाता है। शिशु को सुबह और रात को दूध जरूर पिलाएं और दिन में बीच-बीच में भी दूध पिलाती रहें। आमतौर पर बेबी एक बार में एक चौथाई कप प्‍यूरी या दलिया देते हैं। अगर शिशु का इससे पेट नहीं भर रहा है, तो आप खाने की क्‍वा‍ंटिटी बढ़ा सकती हैं

7 महीने के बच्चे में कितना वजन होना चाहिए?

7 महीने के शिशु का वजन और लंबाई - 7 mahine ke baby ka weight aur height. 7वें महीने में शिशु का वजन करीब 450 से 560 ग्राम के आसपास बढ़ना चाहिए और लंबाई करीब 1 से 2 सेंटिमीटर। औसत वजन की बात करें तो 7 महीने के बेबी बॉय का ऐवरेज वेट करीब 8.3 किलोग्राम और बेबी गर्ल का औसतन वजन करीब 7.6 किलोग्राम होना चाहिए

छोटे बच्चे कितने दिन में बैठने लगते हैं?

श‍िश‍ु आमतौर पर 5 से 7 महीने में बैठना शुरू करते हैं। वहीं जब बच्‍चे 9 महीने के हो जाते हैं तो वो ब‍िना सपोर्ट के कुछ समय के ल‍िए बैठ पाते हैं। हालांक इसका ये मतलब नहीं है क‍ि बच्‍चे को आप खुद से बैठने दें, उसे सपोर्ट की जरूरत होगी। अगर बच्‍चा बिना सपोर्ट के बैठने की कोश‍िश करेगा तो उसे स‍िर पर चोट भी लग सकती है।

7 महीने के बच्चे को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?

6 से 8 महीने तक के शिशु आपके शिशु को प्रतिदिन लगभग 5 बार दूध पिलाना आवश्यक है।