भोपालः ये बात तो हम सभी जानते हैं कि इंसानी शरीर ( human body ) में चार प्रकार के ब्लड ग्रुप ( Blood Group ) पाए जाते हैं। इन ब्लड ग्रुप्स में A, B, AB और O, ये चार प्रकार ( types ) के ब्लड ग्रुप पाए जाते हैं। इन्ही में से निगेटिव ( negative ) और पॉजिटिव ( Positive ) ब्लड ग्रुप बांटे जाते हैं। जैसे A+, A- , B+ , B- , AB+, AB-, O+ और O-। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि, इन ब्लड ग्रुप्स का अलग अलग प्रभाव हमारे स्वभाव ( behaviour ) में रहता है। आइये जानते हैं चारों ब्लड ग्रुपों के स्वभाव से जुड़ी कुछ खास बातें। Show इंसान का खून उसके शरीर के बारे में बहुत सी चीजें बताता है. न्यूट्रिशनल साइकाइट्रिस्ट डॉ. शेल्डन जैबलो कहते हैं कि A, B, AB और 0 ब्लड ग्रुप की रक्त कोशिकाओं के सरफेस से कुछ खास एंटीबॉडीज जुड़ी होती हैं. A और B की रक्त कोशिकाओं के सरफेस पर अलग-अलग तरह की एंटीबॉडीज होती हैं, जबकि AB ब्लड ग्रुप में दोनों तरह की एंटीबॉडीज पाई जाती हैं. O ब्लड ग्रुप के सरफेस पर कोई एंटीबॉडी नहीं होती है. एक्सपर्ट के मुताबिक, एंटीबॉडी खून और कोशिकाओं की सतह पर एक ऐसा चिपचिपा पदार्थ होता है जो बाहर से आए वायरस, बैक्टीरिया और पैरासाइट्स से शरीर का बचाव करता है. जेनिटिसिस्ट एंड लीड प्रोडक्ट डेवलपमेंट साइंटिस्ट जैम लिम कहते हैं, 'नॉन O ब्लड ग्रुप यानी A, B और AB ब्लड ग्रुप में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है. इसके पीछे का वास्तविक कारण पता नहीं है, लेकिन कुछ लोग ब्लड क्लॉटिंग या थ्रोम्बॉसिस को इसकी वजह मानते हैं.' डॉ. जैबलो का कहना है कि A, B या AB की लाल रक्त कोशिकाएं और जिन वाहिकाओं से ये बहती हैं, उनके चिपचिपी होने के कारण इनमें ब्लड फ्लो आसान नहीं हो पाता है. शोधकर्ता कहते हैं कि AB ब्लड ग्रुप वाले लोगों में कार्डियोवसक्यूलर डिसीज (हृदय संबंधी बीमारियां) का खतरा ज्यादा होता है. A और B ब्लड ग्रुप में इसके मुकाबले कम एंटीबॉडीज होती हैं. एक स्टडी बताती है कि A और B ब्लड ग्रुप वालों की नसों में ब्लड क्लॉट की संभावना 51 प्रतिशत होती है. जबकि उनके फेफड़ों में ब्लड क्लॉट की संभावना 47 प्रतिशत रहती है. मेमोरियल केयर में कार्डियोलॉजिस्ट होआंग पी गुयेन कहते हैं कि टाइप A ब्लड ग्रुप में हार्ट डिसीज का खतरा 6 प्रतिशत, टाइप B में 15 प्रतिशत और AB में सबसे ज्यादा 23 प्रतिशत होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि नॉन टाइप O ब्लड ग्रुप और दिल की बीमारियों के ज्यादा जोखिम के बीच संबंध के कई साक्ष्य मौजूद हैं. खून में वॉन विलेब्रांड फैक्टर लेवल, कॉलेस्ट्रोल लेवल और ज्यादा ब्लड क्लॉट की संभावना इसे दर्शाती है. O ब्लड ग्रुप वाले लोगों में वॉन विलेब्रांड फैक्टर का स्तर थोड़ा कम होता है. हालांकि डॉ. जैबलो ये भी कहते हैं कि खून को गाढ़ा करने वाले कोई भी कारण जैसे- डिहाइड्रेशन, दवाएं या ऑटो इम्यून इलनेस भी दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकते हैं. इसलिए ब्लड टाइप केवल मोटापा, जेनेटिक्स, डाइट, विटामिन की कमी या एक्सरसाइज की तरह ही कार्डियोवस्क्यूलर डिसीज को बढ़ावा देने का एक कारक है. क्या आपको अपना ब्लड ग्रुप पता है? अगर नहीं तो आज ही पता कर लें. क्योंकि आपका ब्लड ग्रुप आपकी सेहत के साथ आपकी पर्सनलिटी के बारे में जानकारी देने की क्षमता रखता है. जी हां, शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आपके अंदर मौजूद ब्लड ग्रुप आपके व्यक्तित्व, पसंद, काम, जीवन से जुड़ी सभी की जानकारी दे सकते हैं. जैसे हर व्यक्ति का व्यवहार अलग होता है, ठीक वैसे ही सबका ब्लड ग्रुप भी अलग-अलग ही होता है. इतना ही नहीं बल्कि जापान में लड़का-लड़की के ब्लड ग्रुप के जरिए ही उनके लिए जीवन साथी चुना जाता है. कई एशियाई देशों में माना जाता है कि आप किसी भी व्यक्ति का सही स्वभाव उसके ब्लड ग्रुप से पता लगा सकते हैं. आइए जानते हैं आपका ब्लड ग्रुप आपके बारे में क्या कहता है. ए ब्लड ग्रुप: टाइप ए ब्लड ग्रुप के लोग एक अच्छे रोल मॉडल बनते हैं. क्योंकि इनमें सफलता प्राप्त करने का बहुत जुनून होता है. इस ब्लड ग्रुप के लोग सबको साथ लेकर चलना पसंद करते हैं. ए ब्लड ग्रुप के लोग स्वभाव से कोमल, रेस्पोंसिबल, सेंसेटिव और जीवन में अच्छे दोस्त साबित होते हैं. इस ग्रुप के लोगों कि खास बात यह होती है कि ये लोग खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचते हैं. ऐसे लोग ज्यादा सोचने की वजह से जल्दी तनाव में आ जाते हैं. इस तरह कराएं घर की पुताई, लोग कहेंगे वाह! बी ब्लड ग्रुप: टाइप बी ब्लड ग्रुप वाले लोग दूसरों के साथ जल्दी घुल मिल जाते हैं, यानी ये लोग काफी फ्रेंडली होते हैं. इस ब्लड ग्रुप के लोग थोड़ा स्वार्थी होते हैं, क्योंकि ये लोग दूसरों की मदद करने में ज्यादा विश्वास नहीं रखते. टाइप बी ब्लड ग्रुप: - बी ब्लड ग्रुप के लोग काफी मेहनती होते हैं. ये लोग जीवन में हर चीज को अपनी मेहनत से ही प्राप्त करना चाहते हैं. इस ब्लड ग्रुप के लोग सच बोलने में विश्वास रखते हैं. साथ ही ये लोग ज्यादा जिद्दी होते हैं, जो आसानी से किसी बात के लिए नहीं मानते. इस देश में महिलाओं से ज्यादा कमाना हुआ कानूनन अपराध एबी ब्लड ग्रुप: इस ब्लड ग्रुप के लोग ज्यादातर शांत स्वभाव के होते हैं. ये बहुत ही स्मार्ट और इंटेलिजेंट होते हैं. इस ब्लड ग्रुप के लोग आसानी से किसी पर भरोसा नहीं करते. ये लोग बहुते अच्छे और सच्चे दोस्त बनते हैं. ये लोग बहुत साफ दिल के होते हैं. जैसे मन से होते हैं वैसे ही खुद को दर्शाते हैं. टाइप ओ: इस ब्लड ग्रुप के लोग बहुत ज्यादा पॉजिटिव और कॉन्फिडेंट होते हैं. इनमें एक अच्छा लीडर बनने के सबसे ज्यादा गुण होते हैं. ये लोग बहुत ज्यादा मेहनती होते हैं. इन लोगों में सबसे ज्यादा सफलता हासिल करने का जुनुन होता है. ये लोग दूसरों को खुश रखने में विश्वास रखते हैं. सबसे बढ़िया ब्लड ग्रुप कौन होता है?कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में ब्लड ग्रुप को लेकर एक रिसर्च किया गया था, जिसमें पाया गया कि सभी ब्लड ग्रुप में 'B पाजिटिव ब्लड ग्रुप वाले लोगों का दिमाग सबसे ज्यादा तेज होता है. इस रिसर्च में बताया गया कि बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के लोगों की सोचने-समझने की शक्ति अन्य लोगों के मुकाबले अच्छी होती है.
ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव का मतलब क्या होता है?यदि किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप A+ है तो उसके रक्त में टाइप-ए एंटीजन होता है, जिसे रीसस rhesus (Rh) कारक के रूप में जाना जाता है. एंटीजन मूल रूप से रक्त कोशिका की सतह पर मार्कर होते हैं. अमेरिकन रेड क्रॉस के अनुसार, यह सबसे आम रक्त प्रकारों (most common blood types) में से एक है.
ए पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले लोग कैसे होते हैं?A+ ब्लड ग्रुप (A Positive Blood Group)
इस ब्लड ग्रुप के लोगों की नेतृत्व क्षमता (Leadership Ability) अच्छी होती है. इनमें लीडर क्वालिटी होती हैं. ये लोग काफी बुद्धिमान प्रवृति के होते हैं और सभी का विश्वास हासिल करने में सर्वश्रेष्ठ होते हैं.
सबसे खराब ब्लड ग्रुप कौन सा है?जिनका ब्लड ग्रुप आरएच नल होता है, वे दुनिया के सबसे अधिक दुर्लभ रक्त समूह वाले होते हैं. इसे गोल्डन ब्लड ग्रुप कहते हैं. इसमें लाल रक्त कोशिकाओं पर Rh एंटीजन नहीं होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि दुनिया भर में 50 से भी कम लोगों का यह ब्लड ग्रुप है.
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