कविता का नाम : कण – कण का अधिकारी Show
1) कवि कहते हैं कि मेहनत और भुज बल ही मानव समाज के एक मात्र अधार हैं। मेहनत ही सफलता की कुंजी है। मेहनत करनेवाले व्यक्ति कभी नहीं हारते। वे हमेशा सफल होते हैं। सारा संसार उनका आदर करता है। उनके सम्मुख पृथ्वी और आकाश भी झुक जाते हैं। प्रकृति के कण – कण पर मानव का ही अधिकार है। खासकर श्रम करनेवाले व्यक्तियों द्वारा ही संपत्ति संचित होती है। श्रम से बढ़कर कोई मूल्यवान धन नहीं है। अतः श्रम करनेवाले मज़दूरों को कोई अभाव नहीं रहनी है। उनको कभी पीछे छोड़ना नहीं चाहिए। सारी संपत्ति पर सबसे पहले उनको ही सुख पाने का अधिकार है। यह अक्षरशः सत्य है। तभी मानवजाति सुख समृद्धियों से अक्षुण्ण रह सकती है। विशेषता : इस कविता शक्ति के बारे में बताया गया है। कवि ने मजदूरों के अधिकारों का वर्णन कैसे किया है?इसी अधिनियम के अन्तर्गत मजदूर से काम लेने की अवधि, प्रत्येक दिन उसके विश्राम की अवधि तथा साप्ताहिक एवं अन्य छुट्टियाँ पाने के अधिकार को भी यदि निर्धारित अवकाश नहीं दिया जाता है तो वह श्रम विभाग में शिकायत दर्ज करा सकता है ताकि मजदूरी करने वाले श्रमिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए मालिकों को बाध्य किया जा सके।
कवि ने मज़दूरों के अधिकारों का वर्णन कैसे किया है अपने शब्दों में लिखिए श्रम का महत्व विषय पर निबंध लिखिए?जीवन यदु, डॉ.
कण कण का अधिकारी कविता के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है?Solution : कवि ने इस कविता में हमें सन्देश दिया है कि हमारे मन में देश-प्रेम की भावना होनी चाहिए। हमें केवल अपने लिए ही नहीं, दूसरों के लिए भी जीना चाहिए।
कवि डॉ रामधारी सिंह दिनकर मेहनत करने वालों को सदा आगे रखने की बात क्यों कर रहे हैं?रामधारी सिंह 'दिनकर' ' (23 सितम्बर 1908- 24 अप्रैल 1974) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
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