आलू में कौन सा प्रोटीन मिलता है? - aaloo mein kaun sa proteen milata hai?

आलू की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वो हर सब्जी के साथ मिल जाता है. इसे बच्चे और बड़े, सभी बहुत चाव से खाते हैं.

आमतौर पर लोग मोटे होने के डर से आलू का सेवन करने से परहेज करते हैं. आलू में सबसे अधिक मात्रा में स्टार्च पाया जाता है. आलू क्षरीय प्रवृत्ति का होता है. आलू में विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है.

अमूमन हमारे घरों में आलू का छिलका उतारकर ही उसे पकाया जाता है लेकिन आलू को छिलके समेत पकाना बहुत फायदेमंद होता है. इसका प्रमुख कारण यह है कि आलू के ज्यादातर पोषक तत्व उसके छिलके के ठीक नीचे होते हैं. ऐसे में गहरा छिलका निकलने पर उसके पोषक तत्व भी निकल जाते हैं. आलू में पर्यापत मात्रा में प्रोटीन और खनिज पाए जाते हैं.

जानें आलू के ये हटकर फायदे:

1. आलू का इस्तेमाल चोट या घाव लगने पर किया जाता है. कई बार चोट लगने पर नील पड़ जाता है. इस पर आलू पीसकर लगाने से फायदा होता है.

2. झुर्रियों को कम करने के लिए भी आलू का इस्तेमाल किया जाता है. झुर्रियों वाली जगह पर आलू को पीसकर लगाना फायदेमंद होता है.

3. विभिन्न प्रकार के त्वचीय रोगों में भी आलू का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है. त्वचीय संक्रमण को दूर करने के लिए भी इसके रस का इस्तेमाल किया जाता है.

4. भूने हुए आलू के सेवन से कब्ज की समस्या में फायदा मिलता है.

5. अगर आपको डार्क सर्कल की समस्या है तो आंखों के नीचे आलू का पेस्ट या रस लगाने से फायदा होता है.

एक बात जो बहुत महत्वपूर्ण है, वह यह कि आलू के हरे भाग को भूलकर भी नहीं खाना चाहिए. यह एक विषाक्त पदार्थ के प्रभाव से होता है.

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भारत में पाई जाने वाली सब्जियों में आलू बहुतायत में पाया जाता है, इसमें गुणों का भंडार होता है। आलू को किसी भी सब्जी में मिलाकर आसानी से बनाया जा सकता है। यह जितना सस्ता मिलता है, उसके विपरीत गुणों का भंडार है।

आलू में कैल्शियम, लोहा, विटामिन-बी तथा फास्फोरस बहुतायत में होता है। आलू खाते रहने से रक्त वाहिनियां बड़ी आयु तक लचकदार बनी रहती हैं तथा कठोर नहीं होने पातीं, इसलिए आलू खाकर लम्बी आयु प्राप्त की जा सकती है।

आलू में विटामिन बहुत होता है। इसको मीठे दूध में भी मिलाकर पिला सकते हैं। आलू को छिलके सहित गरम राख में भूनकर खाना सबसे अधिक गुणकारी है या इसको छिलके सहित पानी में उबालें और गल जाने पर खाएं।

यदि दो-तीन आलू उबालकर छिलके सहित थोड़े से दही के साथ खा लिए जाएं तो ये एक संपूर्ण आहार का काम करते हैं।

आलू से मोटापा नहीं बढ़ता। आलू को तलकर तीखे मसाले, घी आदि लगाकर खाने से जो चिकनाई पेट में जाती है, वह चिकनाई मोटापा बढ़ाती है। आलू को उबालकर अथवा गर्म रेत या राख में भूनकर खाना लाभदायक और निरापद है।

आलू के छिलके ज्यादातर फेंक दिए जाते हैं, जबकि छिलके सहित आलू खाने से ज्यादा शक्ति मिलती है। जिस पानी में आलू उबाले गए हों, वह पानी न फेंकें, बल्कि इसी पानी से आलुओं का रसा बना लें। इस पानी में मिनरल और विटामिन बहुत होते हैं।

आलू पीसकर, दबाकर, रस निकालकर एक चम्मच की एक खुराक के हिसाब से चार बार नित्य पिएं, बच्चों को भी पिलाएं, ये कई बीमारियों से बचाता है। कच्चे आलू को चबाकर रस को निगलने से भी बहुत लाभ मिलता है।

जिन मरीजों के पाचनांगों में अम्लता (खट्टापन) की अधिकता है, खट्टी डकारें आती हैं, वायु अधिक बनती है, उनके लिए गरम-गरम राख या रेत में भुना हुआ आलू बहुत लाभदायक है।

आलू के आसान घरेलू नुस्खे

* रक्तपित्त बीमारी में कच्चा आलू बहुत फायदा करता है।

* कभी-कभी चोट लगने पर नील पड़ जाती है। नील पड़ी जगह पर कच्चा आलू पीसकर लगाएँ ।

* शरीर पर कहीं जल गया हो, तेज धूप से त्वचा झुलस गई हो, त्वचा पर झुर्रियां हों या कोई त्वचा रोग हो तो कच्चे आलू का रस निकालकर लगाने से फायदा होता है।

* भुना हुआ आलू पुरानी कब्ज और अंतड़ियों की सड़ांध दूर करता है। आलू में पोटेशियम साल्ट होता है जो अम्लपित्त को रोकता है।

* चार आलू सेंक लें और फिर उनका छिलका उतार कर नमक, मिर्च डालकर नित्य खाएं। इससे गठिया ठीक हो जाता है।

* गुर्दे की पथरी में केवल आलू खाते रहने पर बहुत लाभ होता है। पथरी के रोगी को केवल आलू खिलाकर और बार-बार अधिक पानी पिलाते रहने से गुर्दे की पथरियाँ और रेत आसानी से निकल जाती हैं।

* उच्च रक्तचाप के रोगी भी आलू खाएँ तो रक्तचाप को सामान्य बनाने में लाभ करता है।

* आलू को पीसकर त्वचा पर मलें। रंग गोरा हो जाएगा।

* कच्चा आलू पत्थर पर घिसकर सुबह-शाम काजल की तरह लगाने से 5 से 6 वर्ष पुराना जाला और 4 वर्ष तक का फूला 3 मास में साफ हो जाता है।

* आलू का रस दूध पीते बच्चों और बड़े बच्चों को पिलाने से वे मोटे-ताजे हो जाते हैं। आलू के रस में मधु मिलाकर भी पिला सकते हैं।

* आलुओं में मुर्गी के चूजों जितना प्रोटीन होता है, सूखे आलू में 8.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है। आलू का प्रोटीन बूढ़ों के लिए बहुत ही शक्ति देने वाला और बुढ़ापे की कमजोरी दूर करने वाला होता है।

आलू में कौन सा प्रोटीन मिलता है? - aaloo mein kaun sa proteen milata hai?

आलू दुनिया में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली सब्जी है। आलू पूरी दुनिया में उगाया जाता है, लेकिन इसका मूल स्थान दक्षिण अमेरिका है। भारत में यह 16वीं शताब्दी के आसपास पुर्तगालियों द्वारा लाया गया।


आलू पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। इसका मुख्य पौष्टिक तत्व स्टार्च होता है। इसमें कुछ मात्रा उच्च जैविक मान वाले प्रोटीन की भी होती है। आलू क्षारीय होता है, इसलिए यह शरीर में क्षारों की मात्रा बढ़ाने या उसे बरकरार रखने में बहुत सहायक होता है। यह शरीर में ऐसीडोसिस भी नहीं होने देता।

1 आलू में सोडा, पोटाश और विटामिन 'ए' तथा 'डी' भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। आलू का सबसे अधिक महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्व विटामिन सी है। योरप में जब से आलू का प्रयोग व्यापक होता गया है, तब से स्कर्वी नामक रोग की घटनाएं बहुत कम देखने में आती हैं।

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आलू के पौष्टिक तत्वों का लाभ लेने के लिए इसे हमेशा छिलके समेत पकाना चाहिए क्योंकि आलू का सबसे अधिक पौष्टिक भाग छिलके के एकदम नीचे होता है, जो प्रोटीन और खनिज से भरपूर होता है। आलू को उबाला, भूना या अन्य सब्जियों के साथ पकाया जाता है, इसलिए इसके पौष्टिक तत्व आसानी से हजम हो जाते हैं।

3 आलू का यदि कोई भाग हरा रह गया है तो उसे काटकर निकाल देना चाहिए, क्योंकि उसमें सोलेनाइन नामक विषैला पदार्थ होता है। इसके अतिरिक्त यदि आलू में अंकुर आ गए हों, तो अंकुरित भाग काटकर निकाल देना चाहिए और उसे प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।

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आलू में औषधीय गुण जबर्दस्त हैं। यह आंतों में सड़न की प्रक्रिया को रोकता है, और पाचन प्रक्रिया में सहायक बैक्टीरिया के विकास में सहायता करता है।

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आलू यूरिक अम्ल को घोलकर निकालता है। पुरानी कब्ज, आंतों में विषाक्तता, यूरिक अम्ल से संबंधित रोग,गुर्दों में पथरी, ड्रॉप्सी आदि रोगों के इलाज में आलू पर आधारित चिकित्सा को बहुउपयोगी माना गया है। स्कर्वी रोग में आलू को आदर्श आहार औषधि माना गया है।

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प्रत्येक बार भोजन करने से पहले चाय का एक या दो चम्मच भर कच्चे आलुओं का रस पीने से सभी तरह के अम्ल शरीर से निकल जाते हैं और गठिया रोग में आराम मिलता है। आलू के छिलके में महत्वपूर्ण खनिज लवण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

7 जिस पानी में आलुओं को छिलके समेत उबाला जाता है वह पानी शरीर में तेजाब की अधिकता के कारण होने वाले रोगों की आदर्श दवा बन जाता है। इसका काढ़ा तैयार कर, छानकर एक-एक गिलास दिन में 3-4 बार प्रतिदिन लेना चाहिए।

8 पाचन संबंधी बीमारियों में कच्चे आलू का रस बहुत उपयोगी होता है, क्योंकि यह आंतों में सूजन से आराम दिलाता है। इस रोग में आराम पाने के लिए कच्चे आलू का आधा प्याला रस भोजन से आधा घंटा पहले दिन में दो या तीन बार लेना चाहिए।

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यह आंतों की सूजन और ड्योडेनल अल्सर से भी आराम दिलाता है। पेट और आंतों के रोगों तथा विषाक्तता के मामलों में आलू के स्टार्च का इस्तेमाल एंटीइंफ्लेमेट्री (सूजन दूर करने वाले) पदार्थ के रूप में किया जाता है।

10 कच्चे आलू का रस त्वचा पर दाग-धब्बे दूर करनेमें उपयोगी सिद्ध हुआ है। आलू में मौजूद पोटेशियम सल्फर, फास्फोरस और कैल्शियम की मात्रा त्वचा की सफाई में मदद करती है।

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आलू के गुण तभी तक अधिक प्रभावकारी रहते हैं, जब तक यह कच्चा रहता है, क्योंकि उसमें जीवित कार्बनिक परमाणु होते हैं। पकाई हुई अवस्था में ये जैविक परमाणु अकार्बनिक परमाणु में बदल जाते हैं और उनका रचनात्मक लाभ कम हो जाता है।

12 यह आश्चर्य की बात है कि आलू की रसदार लुग्दी या पेस्ट झुर्रियां, बढ़ती उम्र के दाग-धब्बे और त्वचा की रंगत निखारने में सहायता करती है।

आलू में कौन सा प्रोटीन पाया जाता है?

आलू में 1-2 प्रतिशत पैटेटिन (Patatin) नामक प्रोटीन पाया जाता है।

आलू में कौनसा विटामिन पाया जाता है?

आलू में विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है. अमूमन हमारे घरों में आलू का छिलका उतारकर ही उसे पकाया जाता है लेकिन आलू को छिलके समेत पकाना बहुत फायदेमंद होता है.

उबले हुए आलू में कितना प्रोटीन होता है?

जिस कारण आप ज्यादा खाने से बच जाते हैं और इससे वजन कम करने में मदद मिलती है। वहीं प्रोटीन की बात करें तो एक आलू में लगभग 4.3 ग्राम प्रोटीन भी होता है जो कई अन्य सब्जियों से मिलने वाले प्रोटीन से कहीं ज्यादा है।

आलू में सबसे ज्यादा क्या पाया जाता है?

आलू में सबसे अधिक मात्रा में स्टार्च पाया जाता है. इसके अलावा इसमें मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन और जिंक भी पाया जाता है. आलू के कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन, ग्लूकोज और अमीनो एसिड में बदलकर शरीर को तुरंत शक्ति देता है. आलू में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो फ्री-रैडिकल्स से शरीर को होने वाले नुकसान से बचाता है.